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उत्तराखंड

Uttarakhand Congress : आम आदमी पार्टी की शरण में जा सकती हैं कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य

Janjwar Desk
12 Oct 2021 10:32 AM GMT
dehradun
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(कांग्रेस प्रदेश महिला अध्यक्ष ने किया पार्टी छोड़ने का एलान)

कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल से पूर्व विधायक सरिता आर्या ने कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और विधायक संजीव आर्य को कांग्रेस में शामिल होने पर नाराजगी व्यक्त की है...

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Uttarakhand Congress (जनज्वार) : विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की छिटपुट विधायकों को अपने पाले में लाने के घटनाक्रम को टुकुर-टुकुर देखने वाली कांग्रेस ने सोमवार को जो हाहाकारी राजनैतिक बाउंसर फेंकी है, उससे भाजपा को क्या नुकसान हुआ, यह भविष्य के गर्भ में है। लेकिन क्रिया की प्रतिक्रिया वाले सिद्धान्त ने कांग्रेस में भी हलचल मचा दी है।

सोमवार सुबह तेजी से बदले घटनाक्रम से शाम होते-होते कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक सरिता आर्य की पार्टी से विदाई के रुझान आने शुरू हो गए हैं। आर्य पिता-पुत्र की कांग्रेस में एंट्री होने के बाद नैनीताल विधानसभा क्षेत्र से अपना टिकट कटने की संभावना को देखते हुए सरिता आर्य ने खुलकर आर्य पिता-पुत्र पर खार निकालनी शुरू कर दी है।

कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल से पूर्व विधायक सरिता आर्या ने कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और विधायक संजीव आर्य को कांग्रेस में शामिल होने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने यशपाल आर्य व संजीव आर्य पर निशान साधते हुए कहा कि दोनों अब पांच साल भाजपा की मलाई खाने के बाद वापस कांग्रेस की मलाई खाने आ गए हैं।

सरिता आर्य ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कह दिया कि वह पिछले पांच सालों से लगातार पार्टी को मजबूत बनाने में लगी है। उन्होंने पार्टी के लिए अपना समय दिया है। हाई कमान यदि नैनीताल सीट पर यशपाल आर्य व संजीव आर्य को टिकट देती है तो वह कांग्रेस छोड़ने के लिए मजबूर होंगी।

इतना ही नहीं उन्होंने इस बाबत अपने फेसबुक पर भी इन बातों को पोस्ट के रूप में दर्ज किया है। फेसबुक पर उन्होंने लिखा है कि उत्तराखंड में जो आज राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है। उस परिपेक्ष में कांग्रेस पार्टी में निष्ठापूर्वक व समर्पित भाव से एक महिला कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी की विपरीत परिस्तिथियों में पार्टी को मजबूत करने के लिए सड़क से विधानसभा तक संघर्ष किया। दुखी मन से, व्यक्तिगत तौर पर मेरे पास बहुत से विकल्प खुले हैं। अतिशीघ्र अपने शुभचिंतको के साथ विचार विमर्श कर पर्दे के पीछे का खेल न खेलकर सार्वजनिक रूप से निर्णय लूंगी।

हालांकि सोमवार को उन्होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा तो नही की है। लेकिन कांग्रेस केंद्रीय आलाकमान की हरी झंडी के बाद आर्य पिता-पुत्र की घर वापसी का खुलेआम विरोध करना ही केंद्रीय आलाकमान को चुनौती देना है। जिसके बाद उनका पार्टी से जाना केवल समय की बात ही होगी। इसमें केवल यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका नया राजनैतिक ठिकाना भाजपा बनेगी या खुद प्रदेश में नामचीन चेहरों की तलाश में जुटी आम आदमी पार्टी !

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