Uttarakhand News : खुन्नस में पिथौरागढ़ रोडवेजकर्मियों ने पत्रकार किशोर कुमार पर बोला हमला
पिथौरागढ़ रोडवेजकर्मियों ने पत्रकार किशोर कुमार पर बोला हमला।
Uttarakhand News : अगर आप पिथौरागढ़ डिपो से संचालित बस में सफर करते हैं या रोडवेजकर्मियों की कामचोरी से परेशान हैं, तो भूल से भी उनकी शिकायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने नहीं कीजिए। ऐसा करने की स्थिति में, आप पर जानलेवा हमला हो सकता है। खास बात यह है कि पिथौरागढ़ डिपो में काम करने वाले रोडवेजकर्मी ये काम सुनियोजित तरीके से करते हैं। दिवाली के दिन ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह मामला पिथौरागढ़ रोडवेज की बसों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए चौंकाने और चिंता में डालने वाला है।
ताजा मामले में पिथौरागढ़ स्टेशन में कार्यरत कर्मियों के खुन्नस का शिकार कोई और नहीं, बल्कि पत्रकार किशोर कुमार हुए हैं। उनकी गलती यह है कि उन्होंने रोडवेजकर्मियों की कामचोरी पर सवाल उठाने की जुर्रत की। उनका सवाल उठाना और अधिकारियों से शिकायत करना स्टेशन के कर्मचारियों को नागवार गुजरा। चार नवंबर, 2021 को मौका मिलते ही उन्होंने पत्रकार किशोर कुमार पर हमला बोल दिया। स्थानीय पुलिस के सामने भी कर्मचारी बाज नहीं आए और किशोर कुमार को परिणाम भुगतने की धमकी देते रहे।
दरअसल, यह मामला 4 नवंबर, 2021 यानि दिवाली वाले दिन की है। पत्रकार किशोर कुमार अल्मोड़ा से अपने घर झुलाघाट के लिए निकले थे। वो अल्मोड़ा से बस में सवार होकर लगभग दो बजे पिथौरागढ़ पहुंचने के बाद झुलाघाट जाने के लिए बस का लगभग 1 घंटे तक इंतजार किया। उसके बाद भी पिथौरागढ़ डिपो के कर्मचारी यह स्पष्ट करने के लिए तैयार नहीं थे कि बस कब तक डिपो से निकलेगी। जब पत्रकार किशोर कुमार ने रोडवेज ऑफिस के कर्मचारियों से जानकारी हासिल करने की कोशिश की, तो पता चला कि ड्राइवर तो है लेकिन बस कंडक्टर उपलब्ध नहीं है। इसलिए बस अभी नहीं जा सकती है।
उस समय झुलाघाट जाने वाली बस में लगभग 8 से 10 लोग बैठे थें। जब पत्रकार किशोर कुमार ने इस बाबत मुख्य विकास अधिकारी से झुलाघाट जाने के लिए बस की व्यवस्था करने की अपील की तो उन्होंने तहसीलदार पिथौरागढ़ को बस की व्यवस्था करने का आदेश दिया। तहसीलदार ने किशोर कुमार को बताया कि मुझे पिथौरागढ़ पहुंचने में लगभग आधा घंटा लगेगा। आप मेरी रोडवेज के किसी भी कर्मचारी से बात करा दीजिए।
उनके कहने पर मैं, रोडवेज में कार्यरत एक मैडम से उनकी बातचीत करा ही रहा था कि कुछ कर्मचारियों ने पीछे से हमला बोल दिया और मारपीट की। भागने की कोशिश की तो कर्मचारियों ने किशोर कुमार का पीछा किया। कर्मचारियों के हमलों से जान बचाने के लिए मैं वहां से भाग खड़ा हुआ। इस बीच मेरा मोबाइल फोन मैडम के पास ही छूट गया।
100 पर फोन करने के बाद एक पुलिसकमी मौके पर पहुंचा। केवल एक सिपाही के पहुंचने से कोई भी कर्मचारी उससे डर नहीं रहा था। सिपाही के सामने ही रोडवेज के कर्मचारी गुस्से में चिल्लाकर बात करते रहे और देख लेने की धमकी भी देते रहे। मोबाइल फोन मांगने पर मैडम ने लौटाने से इनकार कर दिया। इसके बाद मैं भीम आर्मी के अध्यक्ष अमित पुरानी के साथ कोतवाली पिथौरागढ़ गया और वहां से अपना फोन हासिल किया। मेरी शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने रोडवेज कर्मचारियों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है, लेकिन मुझे न्याय मिलने का अभी इंतजार है।
इस घटना से पहले किशोर कुमार ने रोडवेज कर्मचारियों के खिलाफ वहां की कमियों और कर्मचारियों की कामचोरी को लेकर सीएम हेल्पलाइन में कई बार शिकायत की थी। शिकायत की वजह से रोडवेज के कर्मचारी पहले से नाराज थे। उन्हें मेरी शिकायत से परेशानी होने लगी थी। कई बार कर्मचारियों ने कहा था कि तुम क्यों रोडवेज के पीछे पड़ गए हो। घटना के वक्त भी रोडकर्मी यही कह रहे थे कि तू बहुत नेतागिरी करता है। तेरा एक दिन हिसाब करूंगा। 4 नवंबर को इन लोगों ने उसी का बदला लिया। मुझे अभी भी इन लोगों से खतरा है। ये लोग एक पत्रकार पर हमला करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में आम आदमी का क्या होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।