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उत्तराखंड

Uttarakhand Weather: यूपी से लेकर उत्तराखंड तक गर्मी से झुलसने लगे लोग, हफ्ते भर से पहले नहीं मिलेगी राहत

Janjwar Desk
8 Jun 2022 3:42 PM IST
Uttarakhand Weather: यूपी से लेकर उत्तराखंड तक गर्मी से झुलसने लगे लोग, हफ्ते भर से पहले नहीं मिलेगी राहत
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Uttarakhand Weather: यूपी से लेकर उत्तराखंड तक गर्मी से झुलसने लगे लोग, हफ्ते भर से पहले नहीं मिलेगी राहत

Uttarakhand Weather: जून की चिलचिलाती गर्मी ने उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य तक का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के मैदानी हिस्सों से लेकर पहाड़ के घाटी वाले क्षेत्रों में झुलसाने वाली गर्मी से लोग बेहाल हो गए हैं।

Uttarakhand Weather: जून की चिलचिलाती गर्मी ने उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य तक का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के मैदानी हिस्सों से लेकर पहाड़ के घाटी वाले क्षेत्रों में झुलसाने वाली गर्मी से लोग बेहाल हो गए हैं। नगरों से सटे गांवों में कॉलोनियों के रूप में बढ़ते कंक्रीट के जंगल और लगातार कट रहे पेड़ों का असर गर्मी पर साफ दिखाई दे रहा है। गर्मी से झुलस रहे उत्तराखंड के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक हाहाकार मचा हुआ है। अगले 24 घंटे में गर्मी में जबरदस्त तेजी की भविष्यवाणी करते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य के हरिद्वार और हल्द्वानी जैसे मैदानी क्षेत्रों में 42.5 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया जा चुका है। मौसम विभाग के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में अभी गर्म हवाएं चलने की भी है संभावना है जो लोगों की मुश्किलों में और इजाफा करेगी।

सैलानियों को अपनी ओर लुभाने वाला पहाड़ी राज्य उत्तराखंड इन दिनों गर्मी की तपिश से झुलसने लगा है। मैदानी क्षेत्रों के हजारों लोग रोज गर्मी से राहत की उम्मीद में उत्तराखंड के पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। लेकिन सभी पर्यटन स्थलों में भी प्रचंड गर्मी का प्रकोप होने के कारण सैलानियों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है। कॉर्बेट नेशनल पार्क, नैनीताल सहित मसूरी जैसे तमाम पर्यटन स्थलों में आने वाले सैलानियों की भीड़ इन दिनों होटल व्यवसायियों के चेहरों पर भले ही रौनक ला रही हो लेकिन पर्यटकों को मौसम के प्रकोप से राहत के नाम पर निराशा ही हाथ लग रही है।

पहाड़ी क्षेत्रों की घाटियों का मैदानी क्षेत्रों जैसा बुरा हाल है। गर्मी से धधकते पहाड़ों के बीच की यह घाटियां बुरी तरह तप रहीं हैं। राजधानी देहरादून में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है। मंगलवार को तो तापमान औसत से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक 40.2 दर्ज किया गया। पिछले एक दशक में जून महीने का सबसे अधिक तापमान रविवार को 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हल्द्वानी, उधमसिंहनगर और हरिद्वार जैसे मैदानी जनपदों में तापमान 42 डिग्री के पार चला गया है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार देहरादून शहर में मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछली बार तापमान का स्तर इतना ऊंचा 2 जून 2012 को बढ़ा था जब देहरादून में पारा बढ़कर 42.1 डिग्री सेल्सियस हो गया था।

पहाड़ी इलाकों में भी तापमान बढ़ रहा है। मुक्तेश्वर में अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री अधिक 30.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और अल्मोड़ा में 35 डिग्री। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार एक हफ्ते तक तापमान का स्तर और बढ़ सकता है। अभी एक सप्ताह तक बारिश होने के कोई आसार नहीं है। मौसम की स्थिति को देखते हुए मौसम कार्यालय ने अगले 48 घंटों के दौरान हिमालयी राज्य के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में कुछ स्थानों पर लू का ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है।

दिख रहा है जंगल कटने का असर

आम तौर पर प्रचंड गर्मी से दूर रहने वाले उत्तराखंड राज्य के मौसम में बीते दो दशकों अभूतपूर्व बदलाव आया है। राज्य निर्माण के साथ हुए औद्योगिक विकास के लिए कटे जंगल, नई विकसित होने वाली कॉलोनियों के लिए अंधाधुंध काटे गए बगीचों ने हरियाली का जिस तेजी से नामों निशान खत्म किया, वह अभूतपूर्व था। तमाम पर्यावरणीय संस्थाओं के चेताने के बाद भी नीति नियंताओं ने इस पर कोई गौर नहीं किया। उत्तराखंड के मौसम के मिजाज में परिवर्तन कुछ ही सालों में इतना हो गया कि स्थिति ग्लेशियर के निकट के उन नगरों में जहां घरों में बिजली का पंखा तक बमुश्किल दिखाई देता था, एयरकंडीशनर की जरूरत आ पड़ी। लेकिन इसके बाद भी समस्या के मूल में जाने की जगह इसके लिए वही समाधान तलाशे गए जो गर्मी की प्रचंडता को बढ़ाने वाले थे। जिसके परिणाम अब सामने दिख रहे हैं। हालांकि इतने दुष्परिणाम झेलने के बाद भी राज्य के जंगलों का निर्बाध रूप से विकास के नाम पर सफाया जारी है। विकास के नाम पर जंगलों को काटने की रफ्तार पर रोक लगाकर सघन वनीकरण को बढ़ावा नहीं दिया गया तो निकट भविष्य में उत्तराखंड के पहाड़ और राजस्थान के रेगिस्तान के मौसम में उन्नीस-बीस का ही अंतर रह जायेगा।

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