कौन है बबिता सरकार जिसने बंगाल की राजनीति में शिक्षक भर्ती घोटाले का खुलासा कर ला दिया भूचाल !
Who is Babita Sarkar: पश्चिम बंगाल का स्कूल सेवा आयोग यानी SSC घोटाला इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है. इसमें राज्य सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी बताई जा रही अर्पिता मुखर्जी इस मामले की अहम आरोपी हैं. ईडी ने कार्रवाई करते हुए अर्पिता मुखर्जी के अलग-अलग फ्लैट्स से 50 करोड़ से भी ज्यादा के कैश के अलावा गहने समेत कई अन्य कीमती चीजें बरामद की हैं.
ईडी का कहना है कि बरामद की गई इतनी मोटी रकम SSC घोटाले से ही इकट्ठा की गई है. जितनी बड़ी मात्रा कैश बरामद हुआ है उससे घोटाला कितना बड़ा होगा. इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इतनी बड़ी रकम की बरामदगी से लोग हैरान हो रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इस घोटाले का खुलासा हुआ? इसके पीछे एक बहुत दिलचस्प कहानी है.
दरअसल साल 2016 में पश्चिम बंगाल के बंगाल के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के लिए SSC की तरफ से परीक्षा आयोजित की गई थी. इस एग्ज़ाम का रिजल्ट साल 27 नवंबर 2017 को आया था. जारी किए गए नतीजों में बबीता सरकार नाम की एक लड़की टॉप-20 में शामिल थी. सिलीगुड़ी की रहने वाली बबीता सरकार ने 77 नंबर हासिल किए थे.
लेकिन बबीता की किस्मत इतनी अच्छी कहां थी. हुआ यह कि आयोग ने बगैर कोई वजह बताए यह मेरिट लिस्ट रद्द कर दी और कुछ दिन बाद दूसरी मेरिट जारी की. मेरिट जारी करने के बाद बबीता ने अपना नाम देखा तो वो हैरान रह गई. पिछली लिस्ट में टॉप 20 में आने वाली बबीता इस बार वेटिंग लिस्ट में थी और ममता सरकार की मंत्री परेश अधिकारी के बेटी अंकिता का नाम लिस्ट में पहले नंबर पर आ गया था. जबकि अंकिता और बबीता के नंबर्स देखे जाएं ते अंकिता के 16 नंबर कम थे.
इस बात से नाराज़ होकर बबीता सरकार के पिता ने कलकत्ता ने हाई कोर्ट दरवाज़ा खटखटाया और आयोग की तरफ से जारी की गई दूसरी लिस्ट को चुनौती दी. साथ ही बताया उनकी बेटी का नाम दूसरी लिस्ट में वेटिंग में डाल दिया गया जबकि मेरी बेटी से 16 नंबर कम हासिल करने वाली मंत्री जी की बेटी ने टॉप पर हैं और उनको नौकरी भी मिल गई है.
हाई कोर्ट ने मामले की संजीदगी को देखते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया. सीबीआई ने शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी से पूछताछ की. लंबी जांच और पूछताछ के बाद हाई कोर्ट ने अंकिता की नियुक्ति को गैर कानूनी करार दिया. इतना ही नहीं अदालत ने मंत्री की बेटी से 41 महीनों की तंख्वाह भी 2 किस्तों में वसूली. इसके अलावा अदालत ने बबीता को नौकरी देने का भी आदेश जारी किया.