गौतम नवलखा हाउस अरेस्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई सरकारी वकील को कड़ी फटकार, कहा देश बर्बाद करने वालों को नहीं हो रही सजा
भीमा कोरेगांव केस : गौतम नवलखा को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने 1 माह के लिए हाउस अरेस्ट की दी इजाजत
Gautam Navlakha News : एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ( Gautam Navlakha ) मामले में सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) का ताजा रुख केंद्र सरकार के लिए असहज करने वाला है। शीर्ष अदालत ने एक दिन पहले इस मसले पर सुनवाई के दौरान साफ कर दिया कि वह नवलखा को घर में नजरबंद ( House arrest ) करने के अनुरोध पर विचार कर रहा है। साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA ) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा है कि आप मुझे ये बताएं कि नजरबंदी के दौरान नवलखा पर क्या-क्या प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) के जस्टिस केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि वह एएसजी की सुनवाई के बाद गुरुवार यानि 10 नवंबर को अपना आदेश पारित करेगी। इतना ही नहीं, उच्चतम न्यायालय ने एनआईए की ओर से पेश वकील को सख्त संदेश देते हुए कहा कि भ्रष्ट लोग देश को तबाह कर रहे हैं और वे पैसे की मदद से भ्रष्टाचार के आरोपों से बच निकलते हैं। शीर्ष अदालत की यह मौखिक टिप्पणी उस समय आई जब वह सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को न्यायिक हिरासत के बजाय घर में नजरबंद करके रखने संबंधी उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इस मामले में एनआईए की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए शीर्ष अदालत से कहा कि नवलखा जैसे लोग देश को नष्ट करना चाहते हैं। उनकी विचारधारा उस प्रकार की है। ऐसा नहीं है कि वे निर्दोष लोग हैं। वे वास्तविक युद्ध में शामिल व्यक्ति हैं।
आप कहना क्या चाहते हैं, बताईए - देश को नष्ट कौन कर रहा है
इसके जवाब में जस्टिस केएम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि क्या आप जानना चाहते हैं कि इस देश को कौन नष्ट कर रहा है? जो लोग भ्रष्ट हैं। आप जिस भी कार्यालय में जाते हैं, क्या होता है? भ्रष्टों के खिलाफ कौन कार्रवाई करता है? हम पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया जाना चाहिए। हमने लोगों का एक वीडियो देखा है जहां लोग हमारे तथाकथित निर्वाचित प्रतिनिधियों को खरीदने के लिए करोड़ों रुपये की बात करते हैं। क्या आप कह रहे हैं कि वे हमारे देश के खिलाफ कुछ नहीं कर रहे हैं? शीर्ष अदालत ( Supreme court ) ने कहा कि आप उनका बचाव नहीं करते हैं, लेकिन वे बढ़ते चले जाते हैं। वे मस्ती से चलते हैं। उनके पास पैसे के थैले हैं जो आपको बचाने में मदद कर सकते हैं।
हम नहीं करते भ्रष्टाचारियों का बचाव
अदालत ( Supreme Court ) के इस रुख पर एएसजी सकते में आ गए और अपनी ओर से सफाई पेश करते हुए कहा कि वह भ्रष्टों का बचाव नहीं कर रहे हैं। मेरा कहना सिर्फ यह है कि वैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके बाद शीर्ष अदालत ने राजू को केंद्र से निर्देश लेने और उन्हें यह बताने को कहा कि अगर गौतम अदलखा के नजरबंदी को इजाजत दी जाती है तो उन पर क्या शर्तें लगाई जा सकती हैं।
नवलखा कुछ भी गलत करेंगे तो अपनी स्वतंत्रता खो देंगे
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि कम से कम थोड़े समय के लिए हम देखते हैं। आप पड़ताल करें और वापस आयें। ताकि हमारे देश के हित के विपरीत कुछ न हो। हम इसके प्रति समान रूप से जागरूक हैं। अगर नवलखा ( Gautam Navlakha ) कुछ भी गलत करते हैं तो वह अपनी स्वतंत्रता खो देंगे।
गौतम नवलखा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि उनके जेल में उपचार की कोई संभावना नहीं है। दुनिया में कोई रास्ता नहीं है कि आप जेल में इस तरह के इलाज की निगरानी कर सकें। उनका वजन काफी कम हो गया है। जेल में इस तरह का इलाज संभव नहीं है।
जेल में रहकर नवलखा का सही इलाज संभव नहीं
गौतम नवलखा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि उनके जेल में उपचार की कोई संभावना नहीं है। दुनिया में कोई रास्ता नहीं है कि आप जेल में इस तरह के इलाज की निगरानी कर सकें। उनका वजन काफी कम हो गया है। जेल में रहकर इस तरह का इलाज संभव नहीं है।
भीमा कोरेगांव मामले में 2018 से जेल में है नवलखा
1 जनवरी 2018 को भीमा कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में एल्गार परिषद ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई थी। हिंसक घटना में एक शख्स की मौत हो गई थी। इसके अलावा, कई दुकानों और गाड़ियों को नुकसान पहुंचा था। इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में हिंसा फैल गई थी। आरोपियों पर माओवादी विद्रोहियों के साथ संबंध रखने का आरोप लगा था। इस मामले को लेकर पुणे पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की थी और कई लोगों को गिरफ्तार किया था। गौतम नवलखा को पुलिस ने 28 अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया था। शुरुआत में उन्हें नजरबंद (House Arrest) रखा गया और बाद में जेल में शिफ्ट कर दिया गया। तभी से वो मुंबई के तलोजा जेल में हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा कोई मामूली कैदी नहीं हैं। वह पीपल्स यूनियन फोर डेमोक्रेटिक राइट्स के पूर्व सचिव हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों के लिए नागरिक अधिकार मिलने की लड़ाई में बिताया है। उनके काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। इसके बावजूद गौतम नवलखा को जेल के अंदर बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है।