Yogi बुंलडोजर ही चलाते रहेंगे या प्रदेश की सबसे बड़ी बीमारी नशे और ओवर स्पीडिंग से होने वाली मौतों पर भी गौर फरमाएंगे
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Kanpur News : मौत किसी भी हो और किसी भी रूप में क्यों न हो, वो दुखद होता है। खासकर लापरवाही, नशे में वाहन चलाने या ओवर स्पीडिंग की वजह से होने वाली मौतों ( Accidental death news ) से होने वाली दर्द को पीड़ितों के परिजनों को जीवनभर सालता रहता है। इस तरह के सड़क हादसे बीमारी नहीं, बल्कि महामारी बन गए हैं। यूपी भी इससे अछूता नहीं है। देश में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें ( road accident death news ) यूपी में ही होती हैं। खासकर लापरवाही, नशे में और ओवर स्पीडिंग से होने वाली मौतों में यूपी देश के सभी राज्यों में नंबर वन पर है लेकिन सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, वो इस ओर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझती। योगी सरकार ( Yogi adityanath ) की बात कर लें तो उनका ये हाल ही उन्हें बुलडोजर चलाने से ही फुरसत नहीं है। जबकि प्रदेश की सबसे बड़ी मुसीबत सड़क हादसों से होने वाली मौते हैं।
तो क्या मान लें कि सबुकुछ पहले की तरह चलता रहेगा। या फिर इस पर लगाम लगेगा। योगी सरकार ( Yogi Government ) इस ओर भी ध्यान देगी। अपने पहले के पांच साल के टर्म में तो योगी सरकार ने इस बात की चर्चा तक नहीं की। दूसरे टर्म में भी उनका ( Yogi ) ध्यान केवल हिंदू-मुस्लिम विवादों से उत्पन्न मामलों में बुलडोजर तक ही सीमित है। हां, कभी कभार रेप के आरोपियों पर भी बुल्डोजर चलवा देते हैं। यहां पर हम योगी सरकार की चर्चा इसलिए कर रहे हैं कि अगर यूपी में लापरवाही और नशे में वाहन चलाने की वजह से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं, तो सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है वो इस समस्या से प्रदेश की 24 करोड़ आबादी को निजात दिलाने के लिए मुहिम चलाए और इसमें सभी की सहभागिता भी सुनिश्चित करे। पर ऐसा होने की उम्मीद न के बराबर है। अभी तो लोकसभा चुनाव के लिए योगी वोट बैंक सेट करने में लगे हैं, उसके बाद वो विधानसभा चुना में जुट जाएंगे। जनहित के मुद्दे तो उनके एजेंडे में कहीं है ही नहीं।
दरअसल, बीती रात कानपुर ( Kanpur road accident ) में दो लगातार सड़क हादों से 31 से अधिक लोगों की मौतें हुई हैं। कई घायल हुए हैं। कानपुर मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर कोरथा गांव हैं। हादसे में मरने वाले 26 लोग इसी गांव के थे। मरने वालों में 25 महिलाएं और 1 बच्चा शामिल हैं। गांव में गांव में हर तरफ मातम छाया हुआ है। हर किसी के दरवाजे पर महिलाएं सिसकियां भर रही हैं। पुरुष भी अपने आंसू रोक नहीं सके। एक भी घर में चूल्हा नहीं जला। गांव में सिर्फ रोने और चीखने की आवाज गूंज रही थी। रात भर रुक रुककर एंबुलेंस के सायरन सुनकर लोग दहाड़ मारने लगते हैं। चीखने और रोने की आवाज अभी भी थमी नहीं है। एक ही गांव में एक ही झटके में 26 लोग मारे जाएं तो आप वहां के रहने वालों के दर्द का अंदाजा लगा सकते हैं।
सभी को चेतने की जरूरत, कम से कम लापरवाही, नशे और ओवर स्पीड में न चलाएं वाहन, जानें क्यों?
एनसीआरबी रिपोर्ट 2021 ( NCRB Report ) के मुताबिक भारत में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें न केवी यूपी के लिए बल्कि देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हाई स्पीड के कारण बीते साल 87000 लोग सड़क दुर्घटना में मौत के शिकार हुए थे। साल 2021 में 59ण्7 प्रतिशत मामलों में सड़क हादसों का कारण तेज स्पीड में गाड़ी चलना रहा है। वर्ष 2021 में कुल 4,03,116 सड़क हादसे ओवरस्पीडिंग के कारण हुई थी। इनमें 1,03,629 दुर्घटनाएं लापरवाही से वाहन चलाने की वजह से हुई।। यानि 25.7 प्रतिशत मौतों का कारण लापरवाही से गाड़ी चलना और ओवरटेकिंग रहा। एनसीआरबी के रिपोर्ट में कहा गया है कि ओवरस्पीडिंग के कारण वर्ष 2021 में 87,050 लोगों की जान गई। जबकि लापरवाही से वाहन चलाने के कारण 42,853 लोगों की मृत्यु हो गई। इस तरह बीते साल कुल 1,55,622 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई। बीती रात कानपुर में सड़क हादसे का मामला भी नशे में और ओवर स्पीड में वाहन चलाने की वजह से होने की सूचना है। जानकारी के मुताबिक बच्चे का मुंडन कराकर घर वापसी के समय कोरथा गांव के लोगों ने जमकर देसी शराब पी थी। उसके कुछ देन बाद ट्रैक्टर ट्रॉली का संतुलन ओवर स्पीडिंग की वजह से बिगड़ गई और तालाब में पलट गई। इस घटना में कोरथा गांव के 26 लोगों की मौत हुई है।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार तेज गति के कारण दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा यूपी में 11,479 लोगों की हुई। इसके बाद तमिलनाडु 11,419 और तीसरे नंबर पर कर्नाटक है। साल 2021 में कर्नाटक में 8,797 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है। यूपी में नशे के कारण उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों में सबसे अधिक 27.1 प्रतिशत मौतें हुईं। अगर दोपहिया वाहनों से होने वाली मौतों की बात करें तो बीते साल कुल 69,240 लोगों की जान दोपहिया वाहनों को चलाते समय गई। आपको जानकार हैरानी होगी कि यह देश में सड़क हादसों में हुई कुल मौतों का 44.5 प्रतिशत है। दोपहिया वाहनों से सबसे अधिक मौत तमिलनाडु 8,259 सबसे ऊपर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश में मौतें 7,429 हुई।