कोर्ट में बोलीं प्रज्ञा ठाकुर, उन्हें नहीं पता मालेगांव ब्लास्ट कब हुआ था
सांडों की नसबंदी के आदेश को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बताया साजिश (file photo)
भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट मामले में हैं मुख्य आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं बाहर, प्रज्ञा ठाकुर ने अदालत में पेश होने से छूट देने का किया आवेदन किया था, जिसे एनआईए जज ने कर दिया था खारिज, जिसके बाद उन्हें आज पेश होना पड़ा था कोर्ट में...
जनज्वार। मालेगांव ब्लास्ट की मुख्य आरोपी और भोपाल से भाजपा की नवनिर्वाचित सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने आज हुई सुनवाई के दौरान कहा कि उन्हें नहीं पता मालेगांव ब्लास्ट कब हुआ था।
आज 7 जून को मालेगांव मामले की सुनवाई मुंबई के एनआईए कोर्ट में हुई थी। सुनवाई में मौजूद प्रज्ञा ठाकुर से जब जज ने पूछा कि अब तक गवाहों का बयान है कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में धमाका हुआ था। तो प्रज्ञा ठाकुर ने जवाब दिया, पता नहीं।
इस सुनवाई के दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने ज्यादातर सवालों का जवाब 'मुझे पता नहीं' दिया। जज ने जब उनसे पूछा, 'क्या आप बता सकते हैं अब तक कितने गवाहों की गवाही हुई है?' तो साध्वी प्रज्ञा ने जवाब दिया, 'मुझे नहीं पता।'
जज ने जब एक और सवाल पूछा कि 'अब तक गवाहों के बयान हैं कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में धमाका हुआ था। मैं ये नही पूछ रहा हूं कि किसने किया। मैं ये सिर्फ ये जानना चाहता हूं आपको क्या कहना है?' इस पर प्रज्ञा साध्वी ने फिर जवाब दिया कि 'मुझे नहीं पता'
जब अगला सवाल 'क्या आप बता सकते हैं अब तक कितने गवाहों की गवाही हुई है?' पर साध्वी ने कहा, 'मुझे नहीं पता।'
गौरतलब है कि प्रज्ञा ठाकुर को गुरुवार 6 जून को भी कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वह नहीं गईं। इस एक हफ्ते में दूसरा मौका था, जब वह कोर्ट नहीं पहुंची थीं। उनके वकील प्रशांत मागू ने 6 जून को उनकी तरफ से कोर्ट में कहा था कि साध्वी हाई ब्लड प्रेशर से परेशान हैं और सफर नहीं कर सकतीं, जिसके बाद अदालत ने उन्हें एक दिन की मोहलत देते हुए आज 7 जून को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था और साथ ही यह भी कहा था कि अगर प्रज्ञा ठाकुर कोर्ट में पेश नहीं हुईं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें।
भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। इस हफ्ते प्रज्ञा ठाकुर ने अदालत में पेश होने से छूट देने का आवेदन किया था, जिसे 3 जून को एनआईए जज वीएस पडालकर ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्हें आज कोर्ट में पेश होना पड़ा।
अपने आवदेन में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि उन्हें संसद की औपचारिकताएं पूरी करनी हैं, जिस कारण वह अदालत में पेश नहीं हो पायेंगी। मगर कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि मालेगांव ब्लास्ट की सुनवाई मामले में इस स्तर पर अदालत में उसकी उपस्थिति बहुत जरूरी है इसलिए उनका आवेदन मंजूर नहीं किया जा सकता।