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संस्कृति

यदि मैं किसी ह्रदय को टूटने से बचा सकी तो

Prema Negi
22 Aug 2019 7:09 PM IST
यदि मैं किसी ह्रदय को टूटने से बचा सकी तो
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पाब्‍लो नेरूदा से भी ज्‍यादा जो कवि मेरा आत्‍मीय है, वह है एमिली डिकिंसन। गद्य में एमिली की तरह मैं खलील जिब्रान को पाता हूं। करीब पौने दो हजार कविताएं लिखने वाली इस कवयित्री की प्रतिभा से लोग उनकी मृत्‍यु के बाद परिचित हुए। उनकी खूबी यह है कि उनकी सारी कविताएं एक ही लंबी कविता का हिस्‍सा लगती हैं और उन्‍हें पढ़ते अनंतता का बोध होता है -

ह्रदय! आज की रात!

हम उसे भूल जाएँगे - तुम और मैं!

तुम उसकी दी गरमाहट भूल सकते हो -

मैं प्रकाश भूल जाऊँगी!

मैं अनंत काल तक एमिली को पढ़ता रह सकता हूं, धीरे-धीरे। अपनी बातें वे इतनी सरलता व आत्‍मीयता से सामने रखती हैं कि आप उनके साथ हो लेते हैं, जैसे एक सम्‍मोहन के धागे से बंधे हों - कुमार मुकुल, कवि और पत्रकार

आइए पढ़ते हैं एमिली डिकिंसन की कविता-

यदि मैं किसी ह्रदय को टूटने से बचा सकी तो

यदि मैं किसी ह्रदय को टूटने से बचा सकी तो

मेरा जीवन व्यर्थ नहीं जाएगा

यदि मैं किसी के जीवन को दुःख से छुटकारा दे सकी

या किसी की यंत्रणाएं शीतल कर सकी

या फिर किसी मूर्च्छित चिड़िया को

पुनः उसके घोंसले में पहुँचा सकी तो

मेरा जीवन व्यर्थ नहीं जाएगा।

(कविता का अंग्रेज़ी से अनुवाद : क्रांति कनाटे)

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