रायबरेली में उन्नाव जैसा सनसनीखेज मामला : भाजपा-आरएसएस नेता बलात्कार-हत्या में शामिल, नहीं हो रही पीड़िता की सुनवाई
भाई, बहन, मां, बाप और पति की हत्या के बाद न्याय की उम्मीद में दिल्ली पहुंची पीड़िता बताती है कि बहिन के गैंगरेप और हत्या में 6 भाजपा और एक आरएसएस नेता हैं शामिल
योगी के कहने पर दर्ज हुई एफआईआर, नहीं हुई किसी आरोपी की गिरफ्तारी, प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक सबका दरवाजा खटखटा चुकी है पीड़िता, पर बलात्कार और हत्या के आरोपी चूंकि हैं भाजपाई इसलिए नहीं हो रही कार्रवाई
महेंद्र पाण्डेय की रिपोर्ट
जनज्वार। योगी आदित्यनाथ ने जब से उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली है, तब से पुलिस ने मनमाने तरीके से कई एनकाउंटर किये और उसके बाद सत्ता का सुख भोगती मीडिया ने इसे महान उपलब्धि बताया। कई दिनों तक लगातार गुंडों के आत्मसमर्पण की खबरें चलती रहीं। अगर यह मान लें कि सारी खबरें सही हैं कि सारे गुंडे उत्तर प्रदेश से ख़त्म हो गए, तब तो यह भी मानना पड़ेगा कि इसके बाद जितने भी बलात्कार हुए, जितनी भी हत्याएं हुईं या जितनी भी गुंडागर्दी हो रही है वह सब सरकार और पुलिस के संरक्षण में की जा रही हैं।
रायबरेली की अनीता सिंह इन सरकारी संरक्षण में होने वाली हत्याओं और सामूहिक बलात्कार की चश्मदीद गवाह हैं। उन्होंने बकायदा भाजपा नेता गजाधर सिंह, भाजपा नेता सत्येंद्र सिंह, रायबरेली भाजपा जिलाध्यक्ष आरबीसिंह, भाजपा नेता दिनेश चौधरी, भाजपा नेता मिन्टू सिंह और आरएसएस नेता भानू प्रताप सिंह के मुख्य आरोपी के तौर पर नाम बताएं हैं। यह भी कहा है कि यह लोग इतने ताकतवर हैं कि हाईकोर्ट के जज को अपने में मिला लेते हैं तो निचली अदालतों के जजों को सरकार की शह पर धकमा कर अपने में शामिल कर लेते हैं।
न्याय और दोषियों पर कार्रवाई की गुहार लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचीं अनीता सिंह की बहन का सामूहिक बलात्कार औरघर के 5 सदस्यों की हत्याएं हो चुकी हैं। पिता, माता, पति, भाई और बहन की हत्या की जा चुकी है। पिछले वर्ष से एफआईआर में नामजद सभी व्यक्ति मुख्यमंत्री की सभाओं में उन्हें फूलमाला पहना रहे हैं, पर गिरफ्तार नहीं हो रहे हैं। हत्या—बलात्कार में नामजद सभी लोग बीजेपी और आरएसएस से सक्रिय तौर पर जुड़े हैं और इनमें से कुछ अभी लोकसभा चुनावों में प्रत्याशी भी हैं।
स्थानीय पुलिस, प्रशासन, राज्य सरकार, केंद्र सरकार और यहाँ तक कि राष्ट्रपति के यहाँ गुहार लगाने के बाद भी न्याय की उम्मीद कहीं नजर नहीं आ रही है। इस बीच में इनकी सारी संपत्ति दबंगों ने हड़प ली है और अपनी जान बचाने के लिए दो नाबालिग बेटियों के साथ अनीता सिंह दर-दर भटक रही हैं।
अनीता सिंह कहती हैं, 'हत्या और बलात्कार में शामिल बीजेपी और आरएसएस से जुड़े ये गुंडे रायबरेली में हाई प्रोफाइल चकलाघर भी चलाते हैं। सारी शिकायतें अनीता लगभग न्याय की आस लिए हर जगह कर चुकीं हैं, पर सुनवाई कहीं नहीं है। मीडिया से मिलने का प्रयास भी किया, पर मीडिया तो सरकारी है, सरकार के टुकड़ों पर पलता है, फिर ऐसी खबरें कहाँ निकलती हैं। न्यायालय से उम्मीद की आस भी मिट चुकी है।'
अनीता सिंह कहती हैं, मेरे परिवार में दो गैंगरेप और पांच हत्याएं हुईं और न्याय के लिए मैं दर-दर पर भटक रही हूं। प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर अपने क्षेत्र के सांसद, तमाम मंत्रियों, मुख्यमंत्री और यहां तक की प्रधानमंत्री तक में अपनी गुहार लगा चुकी हैं, मगर कोई सुनने को तैयार नहीं है।
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मैं शासन-प्रशासन से सिर्फ इतना पूछना चाहती हूं कि राज्य से लेकर केंद्र तक भाजपा सरकार सत्तासीन है और बलात्कार की एफआईआर मुख्यमंत्री के आदेश पर दर्ज होने के बावजूद गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। 16 नवंबर से अब तक मैं न्याय के लिए सिर्फ कोर्ट-पुलिस के चक्कर काट रही हूं, लेकिन विधिक सेवा प्राधिकरण से मिले वकीलों ने तक मेरी कोई सहायता नहीं की।