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राजनीति

Breaking : लखनऊ के घंटाघर में CAA-NRC के खिलाफ गिरफ्तारियां शुरू, 6 महिलाओं समेत 3 दर्जन पुलिस हिरासत में

Prema Negi
25 Jan 2020 8:51 AM GMT
Breaking : लखनऊ के घंटाघर में CAA-NRC के खिलाफ गिरफ्तारियां शुरू, 6 महिलाओं समेत 3 दर्जन  पुलिस  हिरासत में
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जनज्वार, लखनऊ। लखनऊ के घंटाघर में अभी अभी 25 जनवरी को दिन में भारी संख्या में पुलिस वालों ने घेराबंदी कर CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रही 7 महिलाओं समेत 3 दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।

रिहाई मंच के राजीव यादव कहते हैं, घंटाघर में पुलिस लगातार मार्च कर रही है। सड़क पर खड़े पुरुष समर्थकों को पकड़कर लाठी दिखा भगा रही है।

पुलिस ने छात्र नेता पूजा शुक्ला को भी ​गिरफ्तार किया है। पूजा शुक्ला उस समय चर्चा में आयीं थीं जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले को काला झंडा दिखाया था। घंटाघर की प्रदर्शनकारी महिलायें पूजा शुक्ला की रिहाई की मांग कर रही हैं।

छात्र नेता पूजा शुक्ला के अलावा जिन 5 महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

पुलिस द्वारा कई प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी कर घंटाघर पर RAF तैनात कर दी गई है। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने पुलिस पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया है।

खनऊ के हुसैनाबाद स्थित घंटाघर पर सीएए व एनआरसी के विरोध में आज शनिवार को महिलाओं के प्रदर्शन का लगातार नौंवा दिन है। महिलाओं का कहना है कि हम प्रदर्शन स्थल पर रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम और सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा जैसे देशभक्ति गीतों से अपना विरोध व्यक्त कर रहे थे कि इस दौरान पुलिस ने हम पर कार्रवाई की। हमारे बीच से छात्रनेता पूजा शुक्ला को पुलिस उठाकर ले गयी।

https://www.facebook.com/janjwar/videos/845806075840347/

गौरतलब है कि दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ के घंटाघर में भी महिलायें बड़ी तादाद में CAA-NRC के खिलाफ लगभग 10 दिन से प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाओं ने पहले भी आरोप लगाया था कि पुलिस उन्हें प्रदर्शन से हटाने के लिए तरह-तरह से परेशान कर रही है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि पुलिस ने महिला शौचालय पर ताला डाल दिया था और उनके कंबल तक छीन लिए। ठंड से बचने के लिए जलाए गए अलाव पर भी पानी डालने की बात महिलाओं ने कही थी।

के शाहीनबाग की तरह यहां भी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी महिलाओं के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे शामिल हैं। महिलाओं ने आरोप लगाया था कि टेंट आदि की व्यवस्था कर रहे कुछ पुरुषों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था, जबकि पुलिस ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि हमने ऐसा कुछ नहीं किया।

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