Begin typing your search above and press return to search.
प्रेस रिलीज

सीबीआई ने बैंक घोटालेबाजों के खिलाफ की कार्रवाई, 187 ठिकानों पर हुई छापेमारी

Vikash Rana
6 Nov 2019 1:12 PM IST
सीबीआई ने बैंक घोटालेबाजों के खिलाफ की कार्रवाई, 187 ठिकानों पर हुई छापेमारी
x

सीबीआई ने 16 राज्यों समेत केंद्र शासित प्रदेशों में छापेममारी की है जिनमें यूपी, चंडीगढ़, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली शामिल है. सीबीआई का कहना है कि कार्रवाई के दौरान कुल 42 एफआईआर दर्ज की गई है इन 42 मामलों में बैंको से 7200 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है

जनज्वार- बैंको के साथ धोखाधड़ी करने के मामले पर सीबीआई ने देशव्यापी अभियान चलाया है. जिसके चलते सीबीआई ने कुल 42 मामलों को लेकर एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई ने जिन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की वह बड़े स्तर पर बैंको के साथ धोखाधड़ी कर रही थी. सीबीआई ने सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 58 जगहों पर छापेमारी की इसके अलावा पंजाब, बिहार, दिल्ली मे छापेमारी की गई है.

सीबीआई ने जिन कंपनियों और उनके मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की है उनमें बनारस की जेवीएल एग्रो इंडस्ट्री के अलावा कानपुर की फास्ट इफ्रास्ट्रकचंर एंड एनर्जी का नाम भी है. सीबीआई ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए है.

सीबीआई के अनुसार, 'बनारस में स्थित जेवीएल एग्रो इंडस्ट्री के निदेशकों ने कंपनी के फर्जीं बैलेंस सीट, स्टॉक और बैंक स्टेटमेंट दिखा कर बैंक ऑफ़ बड़ौदा से 518 करोड़ का कर्ज लिया था और इतनी ही राशि पंजाब नेशनल बैंक से ली थी पैसा मिलने के बाद इन्हें अपनी ही दूसरी कंपनियों को भेज दिया गया था. सीबीआई ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर्ज देने की साजिश में डीएन झुनझुनवाला, एसए झुनझुनवाला, आदर्श झुनझुनवाला, अंजु झुनझुनवाला व रजनी पांडेय समेत फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले में राजेश विश्वकर्मा को आरोपी माना है'

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने करीब एक साल पहले जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज को दिवालिया घोषित कर दिया था. कंपनी के नाम से अलग अलग बैंको से दीनानाथ झुनझुनवाला ने करीब दो हजार को लोन ले लिया था और उन पैसों को अपनी दूसरी कंपनियों में खर्च कर दिया था. जिसके बाद झुनझुनवाला ने बैंक को पैसे वापिस नहीं किए थे

सी के आधार पर सीबीआई ने कानपुर की फास्ट इफ्रास्ट्रकचंर एंड एनर्जी पर भी फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 68 करोड़ का कर्ज लिया था जिसको अभी तक नहीं चुकाया गया है. जिसमे कंपनी के निदेशक उदय जयंत देसाई समेत पांच निदेशकों को आरोपी माना गया है. इसके अलावा मुंबई की कंपनी एडवांटेज ओवरसीज ने भारतीय स्टेट बैंक भोपाल शाखा से 1266 करोड़ की धोखाधड़ी की है.

सीबीआई ने जिन और कंपनियों में छापेमारी की उनमें इनरगों इंजीनियरिग प्रोजेक्ट्रस जिसने भारतीय स्टेट ऑफ़ बैंक से 1100 करोड़, चेन्नई की सुराना इंडस्ट्री ने आईडीबीआई के नेतृत्व में 12 बैंको के कंसोटियम से 1083 करोड़ और लालसंस ज्वेलर्स ने ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स से 223 करोड़ का कर्ज लिया था जिसने उसने दूसरी कंपनियों में स्थानातंरित कर दिया था.

जांच एंजेसी ने सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 58 जगहों पर मध्यप्रदेश में 57 पंजाब मे 34 हरियाणा में पांच और दिल्ली में 12 जगह समेत बिहार चंडीगढ़ और उत्तराखण्ड में दो जगहों पर छापेमारी की है.

Next Story

विविध