Begin typing your search above and press return to search.
सिक्योरिटी

सनातन संस्था के 'आतंकवादी' हिंदू नहीं तो क्या मुसलमान हैं मोदी जी!

Prema Negi
2 April 2019 3:41 PM IST
सनातन संस्था के आतंकवादी हिंदू नहीं तो क्या मुसलमान हैं मोदी जी!
x
file photo

सनातन संस्था से जुड़े कार्यकर्ताओं के नाम गडकरी रंगायतन बम ब्लास्ट केस, मडगांव बम धमाके, गोविंद पंसारे, नरेंद्र दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या के मामलों में भी आए हैं सामने...

पंकज चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार

हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता। हाँ हिंदू आतंकी नहीं होता, लेकिन कथित सांस्कृतिक संगठन में दीक्षित बटुक आतंकवादी बन जाते हैं।

पिछले साल अगस्त महीने में एटीएस ने मुंबई, पुणे, सतारा और महाराष्ट्र के दूसरे इलाक़ों में सीरियल ब्लास्ट की साज़िश रच रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। कहा जा रहा है कि वैभव राउत का ताल्लुक़ सनातन संस्था से रहा है।

सनातन संस्था से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं के नाम, गडकरी रंगायतन बम ब्लास्ट केस, मडगांव बम धमाके, गोविंद पंसारे, नरेंद्र दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या के मामलों में भी आए हैं।

गडकरी रंगायतन बम धमाका

4 जून, 2008 को ठाणे के गडकरी रंगायतन थिएटर की पार्किंग में एक बम धमाका हुआ था। इस धमाके में सात लोग घायल हो गए थे। इस धमाके में विक्रम भावे और रमेश गडकरी मुजरिम करार दिए गए थे।

दोनों का ताल्लुक़ सनातन संस्था से था। जिस दिन धमाका हुआ था, उस दिन रंगायतन में मराठी नाटक 'अम्ही पचपुते' नाम के नाटक का मंचन होना था। सनातन संस्था का कहना था कि ये नाटक हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ है. जांच एजेंसियों का कहना था कि इस नाटक के प्रति विरोध दर्ज कराने के लिए ही ये बम धमाका किया गया था।

मडगांव ब्लास्ट

16 अक्टूबर 2009 को सनातन संस्था के एक कार्यकर्ता मलगोंडा पाटिल की गोवा के मडगांव में बम बनाते हुए मौत हो गई थी। गोवा के गृह विभाग ने ये जानकारी सार्वजनिक की थी। मलगोंडा पाटिल, गडकरी रंगायतन में हुए धमाके और उसके बाद सांगली में हुए दंगों के मामले में महाराष्ट्र एटीएस की तफ़्तीश के दायरे में था।

सनातन संस्था ने माना था कि मलगोंडा पाटिल उनका कार्यकर्ता था। सनातन संस्था के प्रवक्ता चेतन राजहंस कहते हैं, "इस मामले में भी सनातन संस्था को ज़बरदस्ती फंसाया गया, जबकि हम ने तो इस दुर्घटना में अपने साधक-मलगोंडा पाटिल को गंवा दिया। इस मामले के बाक़ी सभी आरोपी सबूतों के अभाव में बरी कर दिए गए थे। ये सभी लोग अब जेल से बाहर हैं।

नरेंद्र दाभोलकर की हत्या का केस

महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और तर्कशास्त्री लेखक डॉक्टर नरेंद्र डाभोलकर की हत्या 20 अगस्त 2013 को पुणे में कर दी गई थी। इस मामले में एक संदिग्ध वीरेंद्र तावड़े, हिंदू जनजागृति समिति का सदस्य था। वीरेंद्र तावड़े का ताल्लुक़ सनातन संस्था से भी था। तावड़े को 2016 में गिरफ़्तार कर लिया गया था।

सीबीआई का कहना है कि सनातन संस्था का एक और कार्यकर्ता सारंग अकोलकर भी इस मामले में संदिग्ध है। वो अब तक फ़रार है। हाल ही में गिरफ़्तार वैभव राउत, हिंदू गोवंश रक्षा समिति का सदस्य है। वो सनातन संस्था की गतिविधियों में भी शामिल रहा है।

गोविंद पंसारे मर्डर केस

कोल्हापुर के वामपंथी नेता गोविंद पंसारे और उनकी पत्नी उमा को 15 फ़रवरी 2015 को उस वक़्त गोली मार दी गई थी, जब वो सुबह की सैर के बाद घर लौट रहे थे। गोली लगने के पांच दिनों बाद पंसारे की कोल्हापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में समीर गायकवाड़ को 15 सितंबर 2015 को सांगली से गिरफ़्तार किया था. समीर गायकवाड़, सनातन संस्था से जुड़ा हुआ था।

सनातन संस्था के तमाम प्रकाशित लेखों पर गौर करें, तो साफ़ लगता है कि उन्हें लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है। सनातन संस्था के एक लेख में लिखा है, "जनप्रतिनिधि या राजनेता नहीं, बल्कि केवल संत ही हिंदू राष्ट्र की स्थापना करने में सक्षम हैं। हिंदू राष्ट्र में कोई चुनाव नहीं होगा।" इसी लेख में आगे अपने समर्थकों से कहा गया है, "शैतानी ताक़तों के ख़िलाफ़ क़दम उठाने होंगे।"

सनातन संस्था अक्सर हिंदुओं को 'लव जिहाद' और धर्म परिवर्तन के ख़िलाफ़ एकजुट होने की अपील करती है। डॉक्टर अठावले ने धर्मांतर एवं धर्मांतरितांचे शुद्धिकरण नाम की किताब में लिखा है, "मुसलमान लव जिहाद से इस देश को भारी नुक़सान पहुंचा रहे हैं और ईसाई धर्मांतरण से हिंदू धर्म को खोखला कर रहे हैं। चूंकि हिंदू समुदाय को कोई धार्मिक शिक्षा नहीं मिलती, न ही हिंदुओं में अपने धर्म के प्रति गौरव का भाव, इसलिए वो ऐसे छल-प्रपंच में आसानी से फंस जाते हैं।"

लेकिन हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता?

Next Story

विविध