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शिक्षा

CAA विरोधी मार्च में पुलिस ने जामिया की छात्राओं के प्राइवेट पार्ट्स पर किया हमला, डॉक्टरों ने की पुष्टि

Janjwar Team
10 Feb 2020 5:55 PM GMT
CAA विरोधी मार्च में पुलिस ने जामिया की छात्राओं के प्राइवेट पार्ट्स पर किया हमला, डॉक्टरों ने की पुष्टि
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CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं जामिया की छात्राओं को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने लड़कियों के प्राइवेट पार्ट्स में चोट के निशानों की पुष्टि की, छात्राओं ने कहा योनि पर पुलिस द्वारा बूटों से वार करने के अलावा उनके सीने पर भी किया गया हमला...

जनज्वार। आज 10 फरवरी को CAA-NRC के खिलाफ संसद मार्च कर रहे जामिया के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का तांडव एक बार फिर बरपा और इसमें लड़कियों को खासतौर पर निशाना बनाया गया। प्रदर्शन में शामिल लड़कियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने न सिर्फ उनके साथ मारपीट और लाठीचार्ज किया, बल्कि उनके प्राइवेट पार्ट्स पर भी हमला किया।

पुलिसिया लाठीचार्ज और मारपीट में दर्जनों लोग घायल हुए हैं, जिनमें लगभग 1 दर्जन लड़कियां भी शामिल हैं। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इन लड़कियों को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने लड़कियों के प्राइवेट पार्ट्स में चोट के निशानों की पुष्टि की है। लड़कियों के मुताबिक उनकी योनि के अलावा सीने पर भी वार किया गया।

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इंडिया टुडे के मुताबिक जामिया हेल्थ सेंटर के डॉक्टरों ने कहा है कि 10 से ज़्यादा छात्राओं के प्राइवेट पार्ट्स पर मारा गया, जिस वजह से उन्हें अल-शिफ़ा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों के मुताबिक कुछ छात्रों को भी अंदरुनी चोटें आई हैं, क्योंकि उनकी छाती पर लाठियों से चोट की गयी है।

स घटना की निंदा करते हुए सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार कहत हैं, 'रिपोर्ट के मुताबिक आज जामिया की 10 लड़कियों की योनि पर दिल्ली पुलिस ने चोट पहुंचाई है। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने एक सोनी सोनी के गुप्तांगों में पत्थर भरे और आपने बर्दाश्त कर लिया, आज भाजपा ने 10 और लड़कियों को सोनी सोरी जैसा व्यवहार करके आपकी परीक्षा ली है, किस बात से डर कर चुप हो, नौकरी चली जायेगी, पढ़ाई छूट जायेगी?जेल में डाल दिये जाओगे? जब इतिहास लिखा जाएगा तुम्हारी नौकरी और पढ़ाई का जिक्र नहीं आएगा। इतिहास उन लोगों का नाम दर्ज करेगा जिन्होंने पढ़ाई नौकरी और जेल की फिक्र नहीं की, किस बात का इंतजार कर रहे हो? हर एक डर से आजाद होकर बाहर निकलो, देखो औरतें बेखौफ होकर सत्ता के जुल्म के सामने खड़ी हो गई हैं। निहत्थी औरतों ने अपने जिस्म को ही अपना हथियार बना लिया है, जीत बहुत करीब है। आप भी घर से बाहर निकलिए।'

पुलिस द्वारा लड़कियों की योनि पर हमले की कड़ी भर्त्सना करते हुए शिल्पी चौधरी कहती हैं, 'शर्म तो तुमको आई नहीं होगी निहत्थी लड़कियों के शरीर के सबसे कोमल भागों पर लाठीचार्ज करते हुए? इतनी बेशर्मी लाते कहां से हो?

इंडिया टुडे के मुताबिक ही हेल्थ सेंटर में भर्ती एक छात्रा कहती है, ‘एक महिला कांस्टेबल ने मेरा बुर्का हटाया और प्राइवेट पार्ट में लाठी से मारा। महिला कांस्टेबल ने मेरे प्राइवेट पार्ट में बूट से मारा। अस्पताल के अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की कि कम से कम 9 लोग जिसमें जामिया के 8 छात्र और एक स्थानीय निवासी शामिल है, को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक छात्र को गंभीर चोटें आई हैं और हमने उसे आईसीयू में शिफ़्ट किया है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और जामिया नगर के लोगों समेत CAA-NRC के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को संसद की ओर मार्च करने से पुलिस ने रोका था। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों पर जोर-आजमाईश करते हुए उन पर लाठीचार्ज किया गया, जिसमें दर्जनों लोगों को चोटें आई हैं। सोशल मीडिया पर पुलिसिया लाठीचार्ज में घायल हुए जामिया के छात्रों और अन्य प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें और वीडियो लगातार वायरल हो रही हैं।

गौरतलब है कि जामिया समन्वय समिति (JCC) के नेतृत्व में जामिया के छात्रों और पूर्व छात्रों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने रैली निकालने की कोशिश की थी। ये प्रदर्शनकारी संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ संसद की ओर मार्च निकालने वाले थे, जबकि पुलिस कह रही थी कि प्रदर्शनकारियों को संसद की ओर मार्च करने की इजाजत नहीं थी। इसीलिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के आसपास सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती भी की गई थी।

CAA-NRC के खिलाफ इससे पहले 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर विश्वविद्यालय से राजघाट के लिए मार्च निकाला गया था, जिसमें एक शख्स ने पुलिस की मौजूदगी में फायरिंग की थी तब गोली पत्रकारिता के छात्र शादाब फारूख के हाथ में लगी थी। पकड़े गये शख्स की पहचान ग्रेटर नोएडा कपिल गुर्जर के तौर पर की गयी थी, जो फिलहाल पुलिस हिरासत में है।

ससे पहले भी जेवर के गोपाल शर्मा ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की थी, जिसमें एक छात्र के हाथ में गोली लगी थी, वह भी पुलिस हिरासत में है। उसके बाद एक बार फिर फायरिंग की गयी थी, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ। उसके बाद अब निकले मार्च में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और मारपीट किये जाने की घटना सामने आ रही है।

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