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कैमिकल फैक्ट्री में बॉयलर फटने से हुई 6 मौतों का जिम्मेदार कौन
साथी मजदूर कहते हैं, मैकेनिक और हमारे कुछ साथी मजदूर लीकेज की वेल्डिंग कर रहे थे, तभी तेज धमाका हुआ। धमाके के साथ ही टैंक फट गया और टैंक के ऊपर खड़े हमारे साथियों के भी चिथड़े—चिथड़े हो गए...
कैमिकल फैक्ट्री में बॉयलर फटने से हुई 6 मौतें दर्शाती हैं कि कितनी गंभीर था फैक्ट्री प्रशासन मजदूरों की जिंदगी को लेकर
जनज्वार। हर व्यवसायी चाहे वो छोटा हो या बड़ा, सबका मकसद शुद्ध मुनाफा कमाना होता है, फिर वह चाहे किसी रास्ते से कमाया जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो फैक्ट्रियों में नियम—कानूनों को ताक पर रखकर क्यों काम किया जाता, जिससे वहां काम कर रहे मजदूरों की जिंदगी राख हो जाती है।
हालिया मामला बिजनौर में 3 दिन पहले घटित हुआ था, जहां केमिकल फैक्ट्री में बॉयलय फट गया, जिससे आधे दर्जन की मौत हो गयी। ये मौतें फैक्ट्री प्रबंधन के लिए कोई मायने नहीं रखती, मायने रखती हैं उनके लिए जिनका रोटी का सहारा छिन गया, जिनके सर से बाप का हाथ उठ गया या फिर जिस मां की गोद सूनी हो गई।
खबरों के मुताबिक कैमिकल फैक्ट्री में पिछले कई दिनों से केमिकल का टैंक लीक कर रहा था, जिसकी कई बार मजदूरों ने शिकायत भी की। मगर फैक्ट्री प्रबंधन ने उस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। बुधवार 12 सितंबर को मैकेनिक व मजदूर जब लीकेज की वेल्डिंग कर रहे थे, तभी तेज धमाके के साथ टैंक फट गया जिसमें छह जिंदगियां स्वाहा हो गईं, जबकि कई लोग घायल भी हुए।
मजदूरों की जिंदगी खत्म होने के बावजूद लापरवाह और नियम—मानकों को ताक पर चल रही फैक्ट्रियों पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की जाती। शुरुआत में हो—हल्ले को शांत करने के लिए कुछ कार्रवाई की भी जाती है तो बाद में चीजें जस की तस हो जाती हैं।
इन मौतों के बाद इस कैमिकल फैक्ट्री को भी सील कर दिया गया है, मगर कुछ दिन बाद फिर से पहले की तरह काम चालू हो जाएगा और शुरू हो जाएगी अवैध नियम—मानकों को ताक पर रख काम करने की शुरूआत।
शुरुआती छानबीन के बाद पुलिस ने कहा कि बिजनौर-कोतवाली देहात मार्ग पर स्थित मोहित पेपर मिल एवं केमिकल प्लांट में विस्फोट हुआ। केमिकल फैक्ट्री में बॉयलर फटने से यह भीषण हादसा हुआ। हमने राहत एवं बचाव कार्य बिना देरी शुरू किए शुरू कर दिए थे।
मृतकों फैक्ट्री मजदूरों में बालगोविंद, रवि, लोकेंद्र, विक्रांत, कमलबीर व चेतराम शामिल हैं। ये सभी कोतवाली देहात क्षेत्र के रहने वाले हैं।
प्रत्यक्षदर्शी मजदूर कहते हैं, इस फैक्ट्री में पिछले कई दिनों से केमिकल का टैंक लीक कर रहा था। बुधवार को जब मैकेनिक और हमारे कुछ साथी मजदूर लीकेज की वेल्डिंग कर रहे थे, तभी तेज धमाका हुआ। धमाके के साथ ही टैंक फट गया और टैंक के ऊपर खड़े हमारे साथियों की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद वहां भगदड़ मची, तो मौके पर पुलिस आई और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
प्रबंधन की लापरवाही से घटित इस घटना को लेकर फैक्ट्री के अन्य मज़दूरों और मृतकों व घायलों के परिजनों में बेहद गुस्सा है। तब इन लोगों ने रास्ता जाम कर प्रदर्शन भी किया।
गौरतलब है कि इसी तरह का एक हादसा उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के ऊंचाहार में हुआ था। यहां 2017 में एनटीपीसी प्लांट में बॉयलर फटने से 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और करीब 200 से ज्यादा मजदूर घायल हुए थे।