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राजनीति

महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंचे 67 फीसदी गुंडे-मवाली और अपराधी किस्म के विधायक

Prema Negi
27 Oct 2019 10:20 AM IST
महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंचे 67 फीसदी गुंडे-मवाली और अपराधी किस्म के विधायक
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सरकार में अपराधी राजनेताओं का बढ़ रहा लगातार दखल, हरियाणा में इस बार 13% आपराधिक प्रवृत्ति के विधायक पहुंचे विधानसभा जबकि पिछले चुनाव में यह आंकड़ा था 10 फीसदी, वहीं महाराष्ट्र में 113 अपराधी छवि के विधायक पहुंचे विधानसभा...

भोपाल से रोहित शिवहरे की रिपोर्ट

जनज्वार। महाराष्ट्र और हरियाणा में दागी विधायकों की बढ़ी संख्या पर एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने चिंता जताई है। ADR की मध्य प्रदेश इकाई ने आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग फिर से दोहराई है।

हाराष्ट्र में 62℅ विधायक जीतकर आये हैं। 2014 में 57% दागी विधायक थे। हरियाणा में इस बार 13% दागी विधायक चुनकर आये हैं, जबकि पिछले चुनाव में 10% विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज थे।

रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र चुनाव में चुनकर आए 285 विधायकों में से 176 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 113 विधायकों पर गंभीर अपराध के मामले हैं। बीजेपी के 105 विधायकों में से 65 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। शिवसेना के 55 विधायकों में से 31 पर आपराधिक मामले दर्ज है। एनसीपी 53 विधायकों में से 32 पर आपराधिक मामले दर्ज है। कांग्रेस के 44 विधायकों में से 26 आपराधिक मामले दर्ज हैं। निर्दलीय 12 विधायकों में से छह विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

ADR की मध्यप्रदेश समन्वयक रोली शिवहरे

ADR की मध्य प्रदेश समन्वयक रोली शिवहरे का कहना है कि निरंतर आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों की संख्या चुनावों में बढ़ती जा रहे हैं। सरकारों को और चुनाव आयोग को इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार दो विधायक ऐसे हैं, जिन पर मर्डर का केस आईपीसी की धारा 302 साबित हो चुकी है। 11 विधायक ऐसे हैं, जिनमें खिलाफ अटेम्प्ट टू मडर आईपीसी की धारा 307 साबित हो चुकी है और 4 विधायकों पर किडनैपिंग के केस साबित हो चुके हैं जो आईपीसी के धारा 363 के अंतर्गत आते हैं।

रियाणा चुनाव में चुनकर आए 90 विधायकों में से 12 विधायकों ने अपने हलफ़नामे में आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 7 विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस के 31 विधायकों में से चार विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बीजेपी के 40 विधायकों में से 2 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के 10 विधायकों में से 1 विधायकों पर आपराधिक मामला दर्ज हैं। वही निर्दलीय 7 विधायकों में से 3 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

दोनों राज्यों में 348 विधायक करोड़पति

हाराष्ट्र विधानसभा में चुनकर आए 285 विधायकों में से 264 विधायक करोड़पति हैं। औसतन एक विधायक के पास 22 करोड़ की संपत्ति है। बीजेपी के 105 विधायकों में से 100 विधायक करोड़पति हैं। शिवसेना के 55 विधायकों में से 51 विधायक करोड़पति हैं। एनसीपी के 53 में से 47 विधायक करोड़पति हैं वही इंडियन नेशनल कांग्रेस के 44 में से 42 विधायक करोड़पति हैं। बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पराग शाह जो कि घाटकोपर ईस्ट से चुनाव जीत कर आए हैं, महाराष्ट्र के सबसे रईस विधायक हैं। इनकी घोषित संपत्ति 500 करोड़ से अधिक है। वहीं विनोद भीमा निकोल सीपीआईएम के दहानू पालघर से विधायक हैं, उनकी कुल संपत्ति मात्र ₹51082 है। जो कि संपत्ति के मामले में सबसे कम संपत्ति वाले विधायक हैं।

रियाणा विधानसभा के चुनकर आए 90 विधायकों में से 84 विधायक करोड़पति हैं। विधायकों की औसत संपत्ति 25.26 करोड़ है। बीजेपी के 40 विधायकों में से 37 विधायक करोड़पति हैं। कांग्रेस के 31 विधायकों में से 29 विधायक करोड़पति हैं। जननायक जनता पार्टी के चुनकर आए दसों विधायक करोड़पति हैं। वही चुनकर आए 7 निर्दलीय विधायकों में से 6 निर्दलीय विधायक करोड़पति हैं।

मेहेम रोहतक विधानसभा से चुनकर आए निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू सबसे अधिक संपत्ति वाले विधायक हैं। इनकी कुल संपत्ति 141 करोड़ (लगभग) है। वहीं इंडियन नेशनल कांग्रेस की टिकट पर इसराना पानीपत से चुनाव जीत कर आये विधायक बलबीर सिंह सबसे कम संपत्ति वाले प्रदेश के विधायक हैं, इनकी कुल संपत्ति लगभग ₹40 लाख हैं।ADR की मध्यप्रदेश समन्वयक रोली शिवहरे कहती हैं चुनावों में धनबल का अपना महत्व है जिसने आम आदमी को प्रतिनिधित्व से बहुत दूर कर दिया है। अब पैसे के बिना चुनाव लड़ना तो दूभर है ही, जीतना नामुमकिन सा दिखता है।

शैक्षणिक योग्यता

महाराष्ट्र के चुने गए 117 विधायकों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवी से 12वीं के बीच हलफ़नामे पर घोषित की हैं। वही 157 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे अधिक घोषित की है।

रियाणा के 90 मे से 27 विधायकों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच घोषित की हैं। वहीं 90 विधायकों में से 62 विधायकों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे अधिक घोषित की है।

महिला विधायकों की संख्या

भोपाल में महिला मुद्दों पर काम कर रहीं

हाराष्ट्र में 285 विधायकों में से 24 महिला विधायक चुनी गई हैं। वहीं हरियाणा में 90 विधायकों में से महिला विधायकों की संख्या 10 हैं। भोपाल महिला मुद्दों पर काम करने वाली अंजुम कहती है कि चुनावों में महिलाओं को आरक्षण दिए बिना। समान प्रतिनिधित्व कोरी कल्पना है। पिछले चुनाव की अपेक्षा दोनों राज्यों में महिला विधायकों की संख्या बड़ी तो है, पर यह बढ़ोतरी काफी सामान्य है और अभी भी बराबरी से कोसों दूर है।

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