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भारत की निजी लैब में कराया कोरोना का टेस्ट तो देने होंगे 5 हजार रुपये

Prema Negi
21 March 2020 11:12 AM IST
भारत की निजी लैब में कराया कोरोना का टेस्ट तो देने होंगे 5 हजार रुपये
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ICMR ने निजी लैबों से कोरोना की जांच मुफ्त रखने की अपील की थी, मगर सरकार ने बजाय निजी लैबों का अधिग्रहण करने के उन्हें जनता को लूटने का एक नया रास्ता दिखा दिया गया है...

जनज्वार। कोरोना दिनोंदिन भयानक रूप लेती जा रही है। हर मिनट, हर घंटे, हर दिन इसके सैकड़ों मरीज सामने आ रहे हैं। भारत में भी इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। महामारी के अलावा यह भय का रोग भी बनता जा रहा है। ऐसे में जरा सा भी शक होने पर लोग कोरोना की जांच जरूर कराना चाहेंगे, मगर हमारे देश में विदेशों की तरह यह टेस्ट करवाना इतना आसान नहीं होगा।

मारे देश में अब तक 250 से भी ज्यादा लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है और हजारों लोग संदेह के घेरे में हैं।

कोरोना वायरस (कोविड-19) की जांच मुफ्त में नहीं होगी। अभी तक सरकार अपील करते हुए निजी लैब को जांच करने की मंजूरी दे रही थी, लेकिन कल 20 मार्च को उच्च अधिकारियों की हुई बैठक में कोविड-19 की जांच के लिए 5000 हजार रुपये शुल्क तय करने पर सहमति बन चुकी है। गौरतलब है कि देश में करीब 51 एनएबीएच सर्टिफिकेट प्राप्त लैब हैं जिन्हें लंबे समय से कोरोना वायरस की जांच करने के लिए अनुमति देने पर विचार चल रहा था।

हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 जांच शुरू करने की इच्छा रखने वाली निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, जबकि ICMR ने उनसे यह जांच मुफ्त रखने की अपील की थी। मगर अब बजाय निजी लैबों का अधिग्रहण करने के उन्हें जनता को लूटने का रास्ता दिखा दिया गया है।

हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा था कि अगर कोई निजी लैब चाहे तो वह मुफ्त में कोरोना वायरस की जांच कर सकती है। इसके बाद निजी क्षेत्र के लैब संचालकों ने बड़े सवाल खड़े किए थे। इनके अनुसार इस आपात स्थिति में वे सरकार का सहयोग देने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें मूलभूत खर्च भी मिलना चाहिए, ताकि वह एक सैंपल पर होने वाले खर्च को प्राप्त कर सकें। मगर अब जिस तरह से 5 हजार रुपये में निजी लैबों में कोरोना जांच की बात सामने आ रही है, उससे सवाल उठता है कि आखिर गरीब आदमी जिसके लिए लॉकडाउन से खाने तक के लाले पड़ जायेंगे वह इतने महंगे टेस्ट आखिर कहां से करवायेगा।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक उच्चाधिकारियों की मीटिंग में आखिरकार इस बात पर सहमति बनी कि निजी लैबों को 5 हजार रुपये में कोरोना जांच की इजाजत दी जाये। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन के अलावा डॉ. बलराम भार्गव और कई निजी लैब संचालक मौजूद थे।

निजी लैबों में कोरोना की जांच 5 हजार रुपये में होने पर स्वतंत्र पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता मुनीष कुमार कहते हैं, 'कोरोना ताली बजाने से खत्म नहीं होगा। जरुरी है कि देश में सभी कोरोना संदिग्ध मरीजों की निशुल्क जांच का इंतजाम कराया जाय और पार्टी, जाति, धर्म से ऊपर उठकर इसकी मोदी सरकार से मांग की जाय। सरकार निजी लैब को मरीजों सें जांच के नाम पर 5 हजार रुपये लूटने की छूट देने की जगह उनका अधिग्रहण करे।'

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