भाजपा सरकार ने शहर विकास और सौंदर्यीकरण का करोड़ों रुपया आरएसएस हेडक्वार्टर नागपुर को सजाने—संवारने में खर्च कर दिया...
मुंबई। बॉम्बे कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महासचिव और संघ से जुड़े तीन अन्य को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उन्हें शहर के विकास का पैसा आरएसएस हेडक्वार्टर को सजाने में खर्च करने के लिए जारी किया गया है। एक जनहित याचिका में यह खुलासा हुआ कि शहर के विकास का पैसा नागपुर आरएसएस दफ्तर रेशीमबाग को सजाने में खर्च हुआ है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कल 20 सितंबर को हुई एक सुनवाई में आरएसएस महासचिव भैय्याजी जोशी और तीन अन्य पदाधिकारियों से सवाल किया है कि नागपुर नगर निगम (एनएमसी) को सजाने—संवारने और विकास निधि का पैसा आरएसएस का दफ्तर सजाने में क्यों खर्च किया गया। इसके लिए कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बोम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश भूषण धर्माधिकारी और न्यायाधीश अरुण उपाध्याय ने इसके लिए महाराष्ट्र सरकार, नागपुर नगर निगम के निदेशक और एनएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर इसका जवाब 3 अक्तूबर तक देने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता जनार्दन मून जोकि एमएमसी के पूर्व पार्षद रह चुके हैं, का कहना है कि शहर के सौंदर्यीकरण का 1.38 करोड़ रुपया आरएसएस के हेडक्वार्टर स्मृती मंदिर परिसर को सजाने—संवारने में खर्च किया गया। गौरतलब है कि तब विपक्षी दलों बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के भारी विरोध के बावजूद ये काम बेरोकटोक किया गया, क्योंकि भाजपा वहां बहुमत में है और विपक्षी दलों के विरोध को खारिज कर दिया गया।
काम के लिए यह प्रस्ताव बजट सत्र के दौरान एनएमसी की जनरल बॉडी द्वारा पास किया गया था। हालांकि एनएमसी में विपक्ष के नेता तानाजी वानवे ने सत्तासीन पार्टी द्वारा शहर के सौंदर्यीकरण का पैसा आरएसएस हेडक्वार्टर में खर्च किए जाने पर विरोध जताते हुए कहा था कि मौजूदा नियमों और दिशा—निर्देशों के मुताबिक शहर विकास के पैसे का उपयोग निजी परिसर में किसी भी तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
लेकिन चूंकि यहां भाजपा बहुमत में है, तो उनकी बातों पर कोई सुनवाई नहीं हुई और भाजपा सरकार ने आरएसएस हेडक्वार्टर को सजाने—संवारने में करोड़ों रुपया खर्च कर दिया।