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समाज

पंजाब में दलित युवक को खंभे पर बांधकर पीटा, प्लास से टांगों का मांस नोच जबरन पिलाया पेशाब, इलाज के दौरान हुई मौत

Prema Negi
17 Nov 2019 10:52 AM GMT
पंजाब में दलित युवक को खंभे पर बांधकर पीटा, प्लास से टांगों का मांस नोच जबरन पिलाया पेशाब, इलाज के दौरान हुई मौत
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अगड़ी जाति से ताल्लुक रखने वाले हत्यारोपियों ने जगमेल को 3 घंटे तक लगातार पीटा, उसकी टांगों का मांस प्लास से नोचा गया और जब इस दौरान उसने पीने के लिए पानी मांगा तो उसे जबरन पिला दिया गया पेशाब...

जनज्वार। दलित उत्पीड़न और तमाम तरह की लिंचिंग की घटनायें आये दिन मीडिया की सुर्खियां रहती हैं। बहुत मामूली वजहों से दलितों को इतनी बुरी तरह उत्पीड़ित किया जाता है कि मानवता भी शर्मसार हो जाये। ऐसा ही एक मामला पंजाब के संगरूर में सामने आया है, जहां एक दलित युवक को गांव के जमींदार और उसके गुर्गों ने बुरी तरह पीटा गया। इलाज के दौरान पीड़ित दलित युवक की पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) ने 16 नवंबर को दम तोड़ दिया है।

जानकारी के मुताबिक संगरूर के चांगलीवाला गाँव के रहने वाले दलित युवक जगमेल सिंह का 21 अक्टूबर को रिंकू नाम के व्यक्ति और कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, मगर तब ग्रामीणों के हस्तक्षेप और पंचायत में यह मामला सुलझ गया था। उसके बाद 7 नवंबर को रिंकू ने उसे अपने घर बुलाया और उसने इस मामले को लेकर उससे बहस की।

सी बहस के बाद जमींदार और उसके गुर्गों ने जगमेल सिंह को एक खंभे से बांधकर लोहे की छड़ से पीटा और जब उसने पीने के लिए पानी मांगा, तो उसे जबर्दस्ती मूत्र पीला दिया। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि हत्यारोपियों ने जगमेल को 3 घंटे तक लगातार पीटा, उसकी टांगों का मांस प्लास से नोचा गया और जब इस दौरान उसने पीने के लिए पानी मांगा तो उसे जबरन पेशाब पिला दिया गया। प्लास से टांगें नोचने का ही परिणाम था कि उसके पैर में इंफैक्शन फैल गया था, जिस कारण 15 नवंबर को डॉक्टरों ने उसकी टांग भी काट दी थी, मगर बावजूद इसके उसे बचाया नहीं जा सका।

पुलिस के मुताबिक चारों आरोपियों रिंकू, अमरजीत, यादविंदर, बिंदर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ अपहरण, बंधक बनाने और भारतीय दंड संहित तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत संगरूर के लेहरा पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया।

लाज के दौरान ही 15 नवंबर को दलित युवक जगमेल सिंह की टागें इन्फ़ैक्शन फैल जाने के कारण काट दी गयी थीं, मगर उसकी जिंदगी नहीं बचायी जा सकी। दैनिक मजदूरी कर अपना गुजारा कर रहे जगमेल सिंह के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटियां और एक बेटा है।

गमेल सिंह की तरफ से थाना लहरा में 13 नवंबर को दर्ज करायी गई एफ़आईआर के मुताबिक गांव के चार लोगों रिंकू, अमरजीत, यादविंदर, बिंदर ने उसे खंभे पर बांधकर बुरी तरह पीटा और जब मारपीट के दौरान पानी मांगने पर उसको पेशाब पिला दिया गया। उसे तमाम जातिसूचक गालियां दी गयीं।

फ़आईआर के अनुसार जब जगमेल सिंह घायल अवस्था में था तब उसने पुलिस को अस्पताल में दिये अपने बयान में बताया था कि रिंकू, अमरजीत, यादविंदर और बिंदर ने उसे बुरी तरीक़े से मारा-पीटा और उसके पैरों पर कई वार किए।

गौरतलब है कि दलित युवक जगमेल सिंह को खंभे पर बांधकर बुरी तरह पीटने के बाद पेशाब पिलाने की इस घटना के बाद वह बेहोश हो गया तो उसे परिजन और पड़ोसियों की मदद से इलाज के लिए संगरूर के सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां हालत सीरियस देखते हुए डॉक्टरों ने रजिंदर अस्पताल, पटियाला के लिए रैफ़र कर दिया था। उसके बाद कुछ दिनों तक जगमेल का इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में चला, जहां शनिवार 16 नवंबर की सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।

संगरूर पुलिस एसपी गुरमीत सिंह (पंजाब ब्यूरो ऑफ़ इनवेस्टिगेशन) ने मीडिया को बताया कि "बीती 13 नवंबर को चार आरोपियों के ख़िलाफ़ दलित युवक जगमेल सिंह को अगवा करने और मारपीट करने के लिए अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर दिया गया था। पीड़ित की इलाज के दौरान मौत होने के बाद क्राइम की साज़िश रचने समेत क़त्ल की धाराओं को भी जोड़ दिया गया है। अब पुलिस चारों आरोपियों को गिरफ़्तार कर चुकी है और इस मामले में जांच चल रही है।'

स मामले में मृतक दलित युवक के भांजे गुरदीप सिंह ने कहा कि "हमारे परिवार के लिए ये एक असहनीय घटना है। हम अपराधियों के खिलाफ सरकार से सख़्त कार्रवाई और परिवार की आर्थिक मदद करने की मांग करते हैं। जब तक हमारी मांगों पर ग़ौर नहीं किया जाता, हम अपने मामा का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।"

स मसले पर संगरूर के डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने कहा कि "क़ानूनी तौर पर ऐसे मामलों में पीड़ित परिवार को 8.25 लाख रुपए मुआवज़ा मिलता है। इसके इलावा पांच हज़ार रुपये की पेंशन भी दी जा सकती है। मृतक के परिवार की सरकारी नौकरी की मांग को पंजाब सरकार के पास भेज दिया जाएगा। उम्मीद है कि सरकार इस मामले में परिवार को सहारा देने वाला कदम उठायेगी।'

संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संदीप गर्ग कहते हैं, 'मृतक के परिजनों का कहना है कि आरोपियों ने उसे इसलिये पीटा, क्योंकि वह लोग उससे जलन रखते थे। मृतक के परिजनों ने 25 लाख रुपया मुआवजा और परिवार के एक सदस्य के लिये सरकारी नौकरी की मांग की है। साथ ही मांग पूरी होने तक शव लेने और पोस्टमार्टम होने देने से इनकार किया है।

स मामले में पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। परिजन कह रहे हैं कि 7 नवंबर को जगमेल के साथ अगड़ों ने इतनी वीभत्सता की, मगर इस मामले में एफआईआर 13 नवंबर को राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

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