इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द की आजम खान के बेटे अब्दुल्ला की विधायकी
आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला की उम्र को लेकर बसपा नेता नवाब काजिम अली की तरफ से दायर की गयी थी याचिका, कहा था कि जब अब्दुल्ला आजम ने चुनाव लड़ा तब उनकी उम्र थी 25 साल से कम...
जनज्वार, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने स्वार सीट से अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद्द कर दिया है। अब्दुल्ला आजम पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ा। जिस वक्त उन्होंने चुनाव लड़ा उस दौरान अब्दुल्ला आजम की उम्र पूरी नहीं थी। यह फैसला जस्टिस एसपी केसरवानी की एकल पीठ ने चुनाव याचिका संख्या 8/2017 पर सुनाया है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 27 सितम्बर को जजमेंट रिजर्व कर लिया था।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब अब्दुल्ला आजम ने 25 जनवरी 2017 को नामांकन दाखिल किया था और 28 जनवरी को उसकी जाँच पड़ताल हुई थी और जब 11 मार्च 17 को रामपुर के स्वार विधानसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम घोषित हुआ था, तब अब्दुल्ला आजम 25 साल से कम उम्र के थे। यह संविधान के अनुच्छेद 173 का सरासर उल्लंघन है। संविधान में साफ शब्दों में लिखा गया है कि विधानसभा का चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष अनिवार्य तौर पर होनी चाहिए।
बसपा नेता नवाब काजिम अली की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि जब अब्दुल्ला आजम ने चुनाव लड़ा, तब वह 25 वर्ष के नहीं थे। चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेज और झूठा हलफनामा दाखिल किया था। बसपा से चुनाव लड़े नवाब काजिम अली खां ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अब्दुल्ला की आयु को लेकर उसी समय आपत्ति दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम है, इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ सकते। लेकिन इस आपत्ति को खारिज कर दिया गया था। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद नवाब काजिम अली खां ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर दी थी।
काजिम अली की ओर से दायर की गई याचिका में अब्दुल्ला आजम की 10वीं क्लास की मार्कशीट के साथ कई अहम दस्तावेजों में दर्ज जन्मतिथि को आधार बनाया गया था। हालांकि पूरे मामले को लेकर अब्दुल्ला आजम का कहना था कि प्राइमरी में एडमिशन के वक्त टीचर ने अंदाजन जन्मतिथि दर्ज की थी।
अब्दुल्ला आजम के हाईस्कूल से परास्नातक डिग्रियों में जन्मतिथि 1 जनवरी, 1993 दर्ज है। यही तिथि पैन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस में भी है। सांसद आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा ने कोर्ट को बताया था कि अब्दुल्ला का जन्म लखनऊ में हुआ था। वह सरकारी नौकरी में थीं। क्वींस मैरी हॉस्पिटल में 30 सितंबर 1990 को अब्दुल्ला का जन्म हुआ। यह अस्पताल के दस्तावेजों में भी दर्ज है। उसी समय उन्होंने मातृत्व अवकाश भी लिया था। उन्होंने कहा कि हाईस्कूल में दर्ज गलत जन्म तिथि को दुरुस्त करने के लिए उन्होंने अर्जी दी, जिसे काल बाधित माना गया। पासपोर्ट में जन्मतिथि दुरुस्त करा ली गई है। पैनकार्ड के लिए अर्जी दी गई है।
गौरतलब है कि 24 अप्रैल 2017 को हाईकोर्ट में दायर चुनाव याचिका संख्या 8 में नवाब काजिम अली खां ने अब्दुल्ला आजम की सीबीएसई बोर्ड की हाईस्कूल की मार्कशीट पेश की थी, जिसमें अब्दुल्ला की जन्म तिथि 01.01.1993 है। इसके हिसाब में वह चुनाव नहीं लड़ सकते थे। याचिका में अब्दुल्ला की जन्म तिथि 30.09.1990 बताने वाले लखनऊ नगर निगम के प्रमाण पत्र को झूठा बताते हुए स्वार का चुनाव रिक्त घोषित करने एवं गलत जन्म तिथि से चुनाव लड़ने पर कार्रवाई की मांग की गई थी।