Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

लॉकडाउन : मां के अंतिम संस्कार के लिए जवान ने 1100 किलोमीटर यात्रा कर पंहुचा गॉव, तीन दिन में बीजापुर से मिर्जापुर की तय की दूरी

Ragib Asim
13 April 2020 8:41 AM IST
Firozabad News : दुकान में आग से 3 बच्चों समेत 6 की मौत
x

Firozabad News : दुकान में आग से 3 बच्चों समेत 6 की मौत

कोरोना वायरस महामारी के संकट के बीच देशभर से कई प्रेरणास्पद वाकये भी सामने आ रहे हैं। कोरोना कर्मवीर एक तरफ अपने परिवार का दायित्व निभा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मानवता की रक्षा के लिए दिन-रात ड्यूटी पर डटे हुए हैं। जज्बा ऐसा कि छुट्टियां रद्द कराकर और कई किलोमीटर का मुश्किल सफर तय कर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं...

जनज्वार। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में तैनात 30 वर्षीय छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के जवान संतोष यादव ने अपनी मां का अंतिम संस्कार करने के लिए लगभग 1,100 किलोमीटर की पैदल यात्रा की, जिसमें उसने मालगाड़ी, ट्रक और यहां तक कि नाव का भी सहारा लिया।

वान ने कहा, "अपनी मां की मृत्यु के बारे में जानने के बाद अपने गांव सीकर पहुंचने के लिए बेताब था। मेरे छोटे भाई और एक विवाहित बहन दोनों मुंबई में रहते हैं, जिनका लॉकडाउन के कारण गांव पहुंचना संभव नहीं था। मेरे पिता गांव में अकेले थे।" यादव की पत्नी और दो बच्चे भी मिर्जापुर जिले के चुनार स्थित एक गांव में रहते हैं। यादव ने कमांडेंट से राहत पत्र प्राप्त करने के बाद सात अप्रैल की सुबह लंबी यात्रा शुरू की। उन्होंने कहा, "मैं बस राज्य की राजधानी रायपुर पहुंचना चाहता था जहां से मुझे आगे की यात्रा के लिए कुछ न कुछ व्यवस्था कर लेने का विश्वास था।"

यादव ने जगदलपुर पहुंचने के लिए बीजापुर से धान से भरे ट्रक से लिफ्ट ली। रायपुर से करीब 200 किलोमीटर दूर कोंडागांव में एक मिनी ट्रक को पाने से पहले उन्होंने लगभग दो घंटे तक वहां इंतजार किया। उन्होंने आगे कहा, "कोंडागांव में, मुझे पुलिस कर्मियों द्वारा रोका गया था, लेकिन मैंने उन्हें अपनी स्थिति के बारे में समझाया। सौभाग्य से वहां तैनात एक अधिकारी मुझसे परिचित था और दवाइयां लेकर जा रहे एक वाहन से रायपुर तक छोड़वाने में उसने मेरी मदद की।" रायपुर से, वह रेलवे सुरक्षा बल में तैनात एक मित्र की मदद से एक मालगाड़ी में सवार हुआ।

वान ने कहा, "फिर मैंने अपने गांव के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन चुनार तक पहुंचने के लिए कम से कम आठ माल गाड़ियों को बदला। सभी स्टेशन मास्टर्स और रेलवे में काम करने वाले मेरे दोस्तों की बदौलत मैं 10 अप्रैल की सुबह चुनार पहुंच गया।" यादव ने गंगा नदी तक पहुंचने के लिए पांच किमी पैदल यात्रा की और नाव से गंगा पार कर अपने गांव पहुंच गए। यादव 2009 में सीएएफ में शामिल हुए थे। वह 15वीं बटालियन में तैनात हैं।

Next Story

विविध