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गला दबाकर की गई थी यूपी-उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर की हत्या
रोहित शेखर की मौत के बाद उनका पोस्टमार्टम करवाया गया था, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि किसी ने तकिए या दूसरी चीज से उसका मुंह दबाकर उन्हें मौत की नींद सुलाया है...
जनज्वार। मंगलवार 16 जून को इस खबर ने सबको चौंका दिया था कि लगभग एक दशक तक अपने आप को एनडी तिवारी का बेटा साबित करने के लिए कानून की लड़ाई लड़ने वाले रोहित शेखर की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है। अब इसके बाद उससे भी बड़ी चौंकाने वाली खबर यह आ रही है कि पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे 40 साल के रोहित शेखर तिवारी की मौत स्वाभाविक नहीं थी, बल्कि उनकी हत्या की गई थी।
गौरतलब है कि रोहित शेखर की मौत के बाद उनका पोस्टमार्टम करवाया गया था, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि किसी ने तकिए या दूसरी चीज से उसका मुंह दबाकर उन्हें मौत की नींद सुलाया है।
रोहित शेखर की मौत के बाद खबर आई थी कि दिल का दौरा पड़ने या ब्रेन हेम्ब्रेज से वे अचानक चल बसे, मगर गुरुवार 18 अप्रैल को जब दिल्ली पुलिस को एम्स अस्पताल से रोहित शेखर की पोस्टमोर्टम रिपोर्ट मिली तो यह चौंकाने वाला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक रोहित की हत्या हुई है, किसी ने तकिए या दूसरी चीज से उसका मुंह दबाकर रोहित की जान ली है।
पोस्टमोर्टम रिपोर्ट मिलते ही दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी थाने में रोहित की हत्या का मामला आईपीसी की धारा 302 के तहत पुलिस ने दर्ज कर लिया है। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गयी है। इसी के तहत आज 19 अप्रैल को क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने रोहित के डिफेंस कॉलोनी स्थित घर में आकर रोहित के घरवालों से पूछताछ की।
गौरतलब है कि रोहित की पत्नी अपूर्वा फिलहाल दिल्ली से बाहर हैं। घटनास्थल की फोरेंसिक टीम ने भी जांच की है। डिफेंस कॉलोनी में रोहित अपनी मां, पत्नी और चचेरे भाई के साथ रहते थे।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक 16 अप्रैल को रोहित की मां उज्ज्वला जब दोपहर को साकेत इलाके के मैक्स अस्पताल में अपनी मेडिकल जांच ले लिए गई थी, तो उन्हें घर से नौकरों और उनके दूसरे बेटे सिद्धार्थ ने फोन कर सूचित किया कि रोहित की नाक से खून निकल रहा है और उसके हाथ—पैर ठंडे पड़ गए हैं। रोहित की मां उज्जवला उसी वक्त मैक्स अस्पताल से एम्बुलेंस लेकर अपने घर डिफेंस कॉलोनी पहुचीं और रोहित को लेकर लगभग 5 बजे मैक्स अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने रोहित को मरा हुआ बताया।
जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के मुताबिक हालांकि रोहित के शरीर पर बाहर से कोई चोट का निशान नहीं था, इसलिए शुरुआत में आशंका थी कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने या ब्रेन हेम्ब्रेज की वजह से हुई हो। वहीं रोहित के घरवालों का कहना है कि रोहित के नाक से खून बहने की खबर उनकी नौकरानी ने उन्हें दी।
इसी पड़ताल की कड़ी में पुलिस ने रोहित के घर के सीसीटीवी कैमरों की तलाशी ली तो पता चला कि घर में लगे कुल 7 सीसीटीवी कैमरों में से दो खराब थे।
बकौल पुलिस रोहित 12 अप्रैल को उत्तराखण्ड में काठगोदाम वोटिंग करने गए थे, जिसके बाद वे 15 अप्रैल की रात लगभग 11 बजे दिल्ली वापस लौटे थे। जिस समय रोहित घर लौटे थे, वे नशे में थे। सीसीटीवी कैमरे में भी वह नशे में लड़खड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
उत्तराखण्ड से लौटने के अगले दिन ही उनकी मौत की खबर आई। पुलिस के मुतबिक रोहित के घरवालों ने पूछताछ में बताया कि उत्तराखंड से लौटने के लगभग 16 घंटे बाद 16 अप्रैल को रोहित उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी ब्रेन हैम्रेज या हार्ट अटैक से मौत हो गयी। जब रोहित की मौत हुई तब घर में रोहित की पत्नी अपूर्वा, चचेरा भाई सिद्धार्थ और नौकर मौजूद थे, जबकि रोहित की मां उज्ज्वला खुद को दिखाने पहले से ही अस्पताल गई थीं।