पश्चिम बंगाल सहित पांच चुनावी राज्यों का पहला चुनाव पूर्व सर्वे आया, शाह के पसीना बहाने पर भी ममता काफी आगे
जनज्वार। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु सहित विभिन्न चुनावी राज्यों का चुनाव पूर्व पहला सर्वे सामने आया है। यह सर्वे सी वोटर और न्यूज एजेंसी आइएएनएस ने मिल कर की है। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल व पुड्डुचेरी का यह चुनाव सर्वे जनवरी महीने में संग्रहित किए गए आंकड़ों पर आधारित है और इन राज्यों में इस साल की गर्मियों के महीने अप्रैल व मई में चुनाव होना है।
2021 के विधानसभा चुनाव को लेकर सबसे फोकस में रहने वाले प्रदेश पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अब भी राज्य के किसी दूसरे नेता से कहीं अधिक लोकप्रिय हैं। ममता बनर्जी को इस सर्वे में 49.8 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया, जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष 18.7 प्रतिशत लोगों की पसंद के साथ काफी पीछे हैं। सौरव गांगुली को मुख्यमंत्री पद के लिए 13.4% लोगों ने अपनी पसंद बताया।
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तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अपना किला बरकरार रख सकती है। आगामी विधानसभा चुनावों में टीएमसी 158 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर सकती है। pic.twitter.com/NFzQr3T1u1
इस सर्वे में बताया गया है कि ममता बनर्जी की पार्टी को पिछले चुनाव की तुलना में 1.9 प्रतिशत कम वोट मिलेगा, फिर भी वो बहुमत के करीब होगी, लेकिन 27.3 प्रतिशत वोटों के उछाल के बावजूद भाजपा बहुमत से दूर रह जाएगी। सर्व में तृणमूल को 44.9 प्रतिशत की तुलना में इस बार 43 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद जतायी गयी है। वहीं, भाजपा को पिछली बार के 10.2 प्रतिशत की तुलना में इस बार 37.5 प्रतिशत वोट मिल सकता है।
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भाजपा को पश्चिम बंगाल चुनावों में 27.3 प्रतिशत वोटों की बड़ी बढ़त प्राप्त हो सकती है। हालांकि, पिछली बार के प्रदर्शन से कई गुना अधिक बढ़त के बावजूद पार्टी राज्य में बहुमत में आती दिखाई नहीं दे रही है। pic.twitter.com/GqMpHqASk1
कांग्रेस-वाम गठजोड़ को इस चुनाव में वोटों का बड़ा नुकसान हो सकता है और अगर ऐसा होता है तो यह माना जाएगा कि उनका वोट भाजपा की ओर शिफ्ट हो गया है। पिछली बार कांग्रेस- वाम गठजोड़ को 32.8 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे, लेकिन इस बार उन्हें 11.8 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। यानी 20.2 प्रतिशत वोटों के नुकसान का खतरा है। अन्य को पिछली बार 12.9 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस बार 5.2 प्रतिशत वोट ही मिलने की संभावना है। यानी वोटों का ध्रुवीकरण अधिक होगा।
तमिलनाडु का चुनाव पूर्व सर्वे
तमिलनाडु के चुनाव पूर्व सर्वे में एमके स्टालिन की अगुवाई वाले डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। राज्य की 234 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने की उम्मीद है और 162 के आसपास सीटें आने का अनुमान व्यक्त किया गया है। अन्नाद्रमुक-बीजेपी व अन्य के एनडीए गठबंधन को 68 सीटें आने की उम्मीद है।
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तमिलनाडु में DMK-कांग्रेस गठबंधन बड़ा लाभ उठा उठाता दिख रहा है। 234 सीटों वाली विधानसभा में संप्रग के दो तिहाई बहुमत के साथ 162 सीटों पर जीत हासिल करने का अनुमान है। #TamilNadu pic.twitter.com/jKrGuRyvin
केरल का चुनाव पूर्व सर्वे, वाम मोर्चा की वापसी की उम्मीद
केरल के चुनाव पूर्व सर्वे में पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के फिर से सत्ता में वापस आने की उम्मीद है। 140 सदस्यों वाली केरल विधानसभा में वाम मोर्चा को 91 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है जो पिदली बार से छह कम है। एलडीएफ को पिछली बार से 1.9 प्रतिशत कम वोटें आने की संभावना है। सर्वे के अनुसार, एलडीएफ को पिछली बार के 43.5 प्रतिशत की तुलना में इस बार 41.6 प्रतिशत वोट मिल सकता है। वहीं, कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीएफ को पिछली बार के 38.4 प्रतिशत की तुलना में इस बार 34.6 प्रतिशत वोट मिल सकता है, यानी उसके वोटों में 4.2 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। भाजपा का वोट प्रतिशत मामूली बढने का अनुमान है।
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केरल में सीएम मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली एलडीएफ 85 सीटों के साथ सत्ता वापसी करती दिखाई दे रही है। एलडीएफ को 140 सदस्यों वाली विधानसभा में 91 सीटों की अपेक्षा इस बार 6 सीटें कम मिल सकती हैं। pic.twitter.com/Zuy7rloCsD
असम का चुनाव पूर्व सर्वे क्या कहता है?
पूर्वी राज्य असम के चुनाव पूर्व सर्वे में यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि भाजपा फिर सत्ता में वापस आएगी। 126 सीटों वाले असम विधानसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 77 सीटें हासिल हो सकती हैं। इस गठबंधन ने पिछले चुनाव में 86 सीटें हासिल की थी, यानी पिछली से नौ सीटें कम मिलने का अनुमान है फिर भी ठोस बहुमत से सत्ता में वापसी की संभावना है।
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सर्वेक्षण के अनुसार, 126 सीटों वाली असम विधानसभा में राजग फिलहाल 77 सीटों के साथ सत्ता में आता दिखाई दे रहा है। गठबंधन को 2016 में जीती गई 86 सीटों के मुकाबले नौ सीटें कम मिलने की संभावना है।#Assam pic.twitter.com/4DoJTh47hF
सीटें कम होने के बावजूद भाजपा का वोट प्रतिशत बढने का अनुमान पेश किया गया है। पिछली बार भाजपा को 41.9 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस बार 43.1 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। यूपीए को पिछली बार 31 प्रतिशत वोट मिला था और इस बार 34.9 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। एआइडीयूएफ के वोट प्रतिशत में बड़ी गिरावट आने की उम्मीद है।
पुड्डुचेरी का चुनाव पूर्व सर्वे
आइएएनएस-सी वोटर के केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी के चुनाव पूर्व सर्वे में कहा गया है कि यहां इस बार एनडीए जीत सकता है और कांग्रेस के मुख्यमंत्री वी नारायण सामी को सत्ता से बाहर होना पड़ सकता है। हालांकि हार की संभावना के बावजूद कांग्रेस-डीएमके गठबंधन का वोट प्रतिशत बढने का अनुमान है। इस गठबंधन को पिछली बार 39.5 प्रतिशत वोट मिला था, जबकि इस बार 42.6 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है।
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पुदुचेरी में आगामी विधानसभा चुनाव में राजग गठबंधन जीत दर्ज कर सकता है और मुख्यमंत्री @VNarayanasami सत्ता से बाहर हो सकते हैं। #Puducherry pic.twitter.com/qmBW74QxeV
भाजपा, अन्नाद्रमुक व अन्य के गठबंधन को इस बार पिछली बार के 30.5 प्रतिशत की तुलना में 44.4 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। यानी इनका वोट प्रतिशत 13.9 प्रतिशत बढ सकता है। 30 सीटों वाली पुड्डुचेरी विधानसभा में एनडीए को 16 व यूपीए को 14 सीटें आने का अनुमान है। हालांकि कम सीट वाली विधानसभा में मामूली संख्या से बड़ा उलट-फेर होने की संभावना बनी रहती है।