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राजनीति

गुजरात में पत्रकार ईशुदान गढ़वी को AAP ने बनाया मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार, लग रहे जमीनी नेताओं की उपेक्षा के आरोप

Janjwar Desk
5 Nov 2022 2:46 AM GMT
गुजरात में पत्रकार ईशुदान गढ़वी को AAP ने बनाया मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार, लग रहे जमीनी नेताओं की उपेक्षा के आरोप
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गुजरात में पत्रकार ईशुदान गढ़वी को AAP ने बनाया मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार, लग रहे जमीनी नेताओं की उपेक्षा के आरोप

Gujrat Election 2022 : ईशुदान गढ़वी के नाम की घोषणा के साथ ही आम आदमी पार्टी में पिछले 8-9 साल से जो कार्यकर्ता और नेता जमीनी स्तर पर काम कर रहे थे, उनकी उपेक्षा के भी सुर उठने लगे हैं...

Gujarat Assembly Elections 2022 : गुजरात में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर ईशुदान गढवी का नाम डिक्लियर कर दिया गया है। आप संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले गुजरात के लोगों से मुख्यमंत्री का उम्मीवार का नाम मांगा था जिसके जवाब में 16 लाख लोगों ने अपनी राय दी थी। आप का कहना है गुजरात के लोगों की प्रतिक्रिया के मुताबिक 16 लाख लोगों की राय में 73 % लोगों ने ईशुदान गढवी के नाम का सुझाव दिया था और कल 4 नवंबर को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ईशु दान गढवी को आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

गौरतलब है कि ईशुदान गढवी आम आदमी पार्टी से कुछ महीनों पहले ही जुड़े हैं। ईशुदान गढवी के अतीत की बात करें तो ईशुदान गढवी वीटीवी गुजराती में न्यूज़ एंकर के तौर पर बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुए थे। ईशुदान गढवी किसानों की समस्याओं को अपने कार्यक्रमों में ज्यादा उजागर करते रहे। 16 साल के लंबे पत्रकारिता अनुभव में ईशुदान गढवी वीटीवी में महामंथन कार्यक्रम से ज्यादा प्रसिद्ध हुए और जनता की समस्याओं के बारे में कार्यक्रम करते रहे ईशुदान गढ़वी अपनी रिपोर्टों के माध्यम से बेबाक सत्ता से सवाल पूछते रहे।

जब ईशुदान गढ़वी ने पत्रकारिता छोड़ी तब भी लोगों को राय देने को कहा था। बाद में लोगों की राय से 16 साल के पत्रकारिता के जीवन को अलविदा कहकर आम आदमी पार्टी में जुड़े। आम आदमी पार्टी में भी उनका रास्ता संघर्ष का रहा और बीजेपी के कार्यालय कमलम में प्रदर्शन करने पहुंच गए थे। तब उनके ऊपर कई धाराओं के तहत मुकदमे भी दर्ज हुए और कई दिनों तक उनको जेल की सलाखों के पीछे भी रहना पड़ा था।

जहां तक आम आदमी पार्टी की बात है उसके पास पिछले 1 साल में कई नए चेहरे आए हैं, जिसमें से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर ईशुदान गढवी और गोपाल इटालिया को पहली कतार में देखा जा रहा था। लोगों का भी यही आकलन था कि इन दोनों में से ही किसी एक को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। ईशुदान गढ़वी के नाम की घोषणा के साथ ही आम आदमी पार्टी में पिछले 8—9 साल से जो कार्यकर्ता और नेता जमीनी स्तर पर काम कर रहे थे, उनकी उपेक्षा के भी सुर उठने लगे हैं। इसी विरोध का नतीजा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता इंद्रनील राजगुरु ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वह आम आदमी पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

मोदबी हादसे के बाद भी ईशुदान गढ़वी ने गुजरात की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भाजपा की डबल इंजन सरकार को जमकर घेरा है। इसके अलावा गढ़वी ने कोरोना संकट से निपटने में हुई कमज़ोरियों के हवाले से गुजरात के स्वास्थ्यगत ढांचे पर सवाल उठाया था।

गढ़वी कहते हैं, बीजेपी 27 साल से गुजरात में सत्तासीन है, लेकिन कोरोना संकट के दौरान गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन तक नहीं मिली, जरूरी दवाइयों, हॉस्पिटल बेड की कमी रही। महामारी में गुजरात सरकार की नीतियों की वजह से लोगों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया जिसके चलते लाखों लोगों की मौत हुई थी।

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