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राजनीति

ओवैसी आज पहले चुनावी दौरे पर पहुंचे पश्चिम बंगाल, मुसलिम धार्मिक नेताओं से चुनाव पर की चर्चा

Janjwar Desk
3 Jan 2021 8:04 AM GMT
ओवैसी आज पहले चुनावी दौरे पर पहुंचे पश्चिम बंगाल, मुसलिम धार्मिक नेताओं से चुनाव पर की चर्चा
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धार्मिक नेता अब्बास सिद्दीकी के साथ हुगली में बैठक करते एआइएमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी। फोटो स्रोत: ओवैसी का ट्विटर एकाउंट।

ओवैसी की बंगाल में मौजूदगी को ममता बनर्जी के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है। ममता पहले से ही अपने कई नेताओं के पार्टी छोड़ जाने की चुनौती से गुजर रही हैं...

जनज्वार। एआइएमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM supremo Assaduddin Owaisi Bengal Visit) रविवार (3 January 2021) को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दौरे पर पहुंचे हैं। ओवैसी (Owaisi) का यह बंगाल का पहला चुनावी दौरा है। राज्य में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव है और ओवैसी की पार्टी ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ओवैसी रविवार को सुबह हैदराबाद से कोलकाता पहुंचे और एयरपोर्ट से वे हुगली जिला स्थित फुरफुरा शरीफ के दरगाह पर पहुंचे। उन्होंने वहां दुआ करने के बाद कुछ लोगों के साथ बैठक भी की।

ओवैसी ने आज बंगाल में धार्मिक नेता अब्बास सिद्दीकी से भी मुलाकात व बैठक की है। सिद्दीकी का बंगाल के मुसलिम समुदाय में खास प्रभाव माना जाता है और वे पहले चुनाव लड़ने की बात कहते रहे हैं। इसके बाद उन्होंने मीटिंग की तसवीरें भी ट्वीट किया।

ओवैसी (Owaisi) अपने इस दौरे के दौरान प्रमुख मुसलिम नेताओं के साथ बैठक कर राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को समझने की कोशिश की है। ओवैसी का आज दोपहर बाद ही कोलकाता से वापस हैदराबाद लौटने का कार्यक्रम है। उनकी पार्टी ने पहले ही बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने यह संकेत दिया है कि राज्य की 294 में 60 से 65 मुसलिम बहुल सीटों पर पार्टी चुनाव में उम्मीदवार उतार सकती है और इसके लिए वह छोटे संगठनों व राजनीतिक घटकों के साथ गठजोड़ करेगी। पश्चिम बंगाल के उनकी पार्टी के कुछ लोगों ने हैदराबाद जाकर उनसे मुलाकात भी की थी।

ओवैसी (Owaisi) की पार्टी ने इसी फार्मूले से हाल में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव के मुसलिम की अच्छी-खासी आबादी वाले सीमांचल इलाके में सफलता पायी। उनकी पार्टी ने वहां पांच विधानसभा सीटें जीती।

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तरी दिनाजपुर, बीरभूम जिलों में खासी मुसलिम आबादी है। अगर ओवैसी इन जिलों को फोकस कर चुनाव लड़ते हैं तो यह तृणमूल के लिए बड़ी चुनौती होगी। अबतक मुसलिम वोटों का झुकाव ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की ओर माना जाता रहा है, लेकिन इसमें विभाजन आने की स्थिति में भाजपा को लाभ होने की संभावना जतायी जा रही है।

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banergee) ने पिछले महीने ओवैसी पर भाजपा से पैसे लेकर वोट बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया था। ममता के इस बयान पर पलटवार करते हुए ओवैसी ने कहा था कि दुनिया की कोई दौलत उन्हें नहीं खरीद सकती है।

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