पीएम की सभा में 70 हजार नहीं 700 लोग थे इसलिए लौटे, जान के खतरे वाली बात कोई बात नहीं - चन्नी
पंजाब कांग्रेस ने ट्विट कर पीएम मी रैली में 700 लोग होने का दावा किया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) की सुरक्षा में चूक को लेकर फिरोजपुर रैली ( Firozpur Rally ) रद्द होने के बाद से सियासी बवाल जारी है। इस मसले पर भाजपा ( BJP ) के आक्रामक तेवर का जवाब देने में कांग्रेस ( Congress ) भी पीछे नहीं हैं। वहीं अब इस मसले को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ( Social Media ) के बीच भी जंग चरम पर है। इन सबके बीच कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि पीएम मोदी की जान को कोई खतरा ( no threat to pm modi ) नहीं था, भीड़ न जुटा पाने की नाकामी के बाद भाजपा वालों ने रैली रद्द की है। इसके बदले में वो पंजाब ( Punjab ) को बदनाम कर रहे हैं। यूपी कांग्रेस ( UP Congress ) ने अपने ट्विट में कहा है कि रैली में 70 हजार नहीं बल्कि 700 लोग थे इसलिए भाजपा ने रैली रद्द की है। इस बात का जिक्र प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम चन्नी ( CM Charanjeet Singh Channi ) ने भी किया था। कुछ देर पहले पंजाब कांग्रेस ( Punjab Congress ) के ट्विट में भी इसी बात का दावा किया गया है।
PM Modi's ego is hurt as no one came to attend his rally in Punjab. #70000Kursi700Bande pic.twitter.com/ltoNsQZtoa
— Punjab Congress (@INCPunjab) January 6, 2022
#70000Kursi700Bande : पंजाब कांग्रेस
पंजाब कांग्रेस ने कुछ देर पहले ट्विट कर दावा किया है कि प्रधानमंत्री मोदी की अहंकार चोट लगी है क्योंकि पंजाब भाजपा अपनी रैली में पीएम मोदी के लिए भीड़ नहीं जुटा पाई। पंजाब कांग्रेस ने यह ट्विट #70000Kursi700Bande हैशटैग से जारी किया हैं
सुरक्षा में चूक से इनकार
इन सबके बीच पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ( Charanjeet Singh Channi ) ने फिरोजपुर में भाजपा की निर्धारित रैली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वापसी पर खेद व्यक्त करते हुए इस मामले में किसी भी तरह की सुरक्षा में चूक से इनकार किया है। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है इसलिए मामले की जांच जरूर की जाएगी। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री का अचानक सड़क मार्ग से जाना और इस रास्ते को अचानक ही प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध कर देना सुरक्षा की चूक नहीं है। प्रधानमंत्री को इस घटना से कोई खतरा नहीं था। प्रधानमंत्री और उनकी टीम ने वापस लौटने का खुद फैसला लिया था, जिसका हमें खेद है। फिरोजपुर में रैली स्थल पर 70 हजार कुर्सियां लगाई गई थीं और लोग केवल 700 ही पहुंचे थे तो इसके लिए मैं क्या कर सकता हूं?
सीएम चन्नी ने कहा कि हमें यही जानकारी दी गई थी कि प्रधानमंत्री ( PM Modi ) हवाई मार्ग से फिरोजपुर जाएंगे लेकिन अचानक ही वह सड़क मार्ग से निकले, जब रास्ते में प्रदर्शनकारी धरना दे रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों को प्यार से हटाया जा सकता था। अभी तक हमने इस मामले में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि पीएम या उनके काफिले पर हमले वाली कोई बात नहीं थी। मार्ग अवरुद्ध कर रहे प्रदर्शनकारी कोई आतंकवादी नहीं थे।
चन्नी ने कहा कि किसान पिछले एक साल से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। मैं किसानों पर लाठीचार्ज नहीं करने जा रहा हूं। हमने पूरी रात किसानों से बात की, जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। आज अचानक कुछ आंदोलनकारी फिरोजपुर जिले में जमा हो गए।
शाह जी ने जो कुछ कहा है उसकी जांच होगी
प्रधानमंत्री के काफिले का मार्ग अवरुद्ध होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का फोन आया था। चन्नी ने यह भी कहा कि जेपी नड्डा का उन्हें कोई फोन नहीं आया था। अमित शाह ने उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और बताया कि प्रधानमंत्री वापस जा रहे हैं। चन्नी ने कहा कि मैंने अमित शाह जी से कहा कि जो कुछ भी हुआ है, उसकी जांच की जाएगी।
घर आए मेहमान पर आंच नहीं आने देतेसीएम चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री के फिरोजपुर दौरे के दौरान कुछ उद्घाटन और कुछ राजनीतिक रैलियां करनी थी लेकिन उन्हें कार्यक्रम रद्द कर वापस जाना पड़ा, जिसमें हमें खेद है। वह देश के और हमारे भी पीएम हैं और हम उनका सम्मान करते हैं। हम घर आए मेहमान पर आंच नहीं आने देते।
मुझे हरियाणा सीएम आवास के करीब रोका, तो क्या शाह जी से इस्तीफा मांग लूं
मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग किए जाने के बारे में मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि मंगलवार रात 9.30 बजे जब वह अपने घर जा रहे थे तो हरियाणा के मुख्यमंत्री आवास के करीब उन्हें कुछ बेरोजगार प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया। उन्होंने कहा कि अब क्या मैं भी इस पर सवाल खड़े कर दूं। यूटी पुलिस का इलाका है, कह दूं कि मुझ पर हमला हो सकता था।
कुर्सियां लगाई 70,000 और 700 की भी भीड़ नहीं जुटा पाए।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) January 5, 2022
इसलिए दोष सुरक्षा की खामी पर लगाए।
देश जानता है सच्चाई, क्यों बीच रास्ते से हुई विदाई।#साहेब_के_लिए_अंगूर_खट्टे pic.twitter.com/yvigrDQaGA
ये है यूपी कांग्रेस का दावा
वहीं यूपी कांग्रेस ( UP Congress ) ने बुधवार को ही एक ट्विट कर दावा किया था कि भाजपा ने रैली को सफल बनाने के लिए 70,000 कुर्सियां लगाई थी और 700 की भी भीड़ नहीं जुटा पाए। अब अपनी असफलता का दोष सुरक्षा खामी की लगाकर पंजाब सरकार को बदनाम करना चाहते हैं।