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राजनीति

Punjab Rajya Sabha Election : AAP के पांच उम्मीदवार : कोई बचपन में बेचता था मिठाई तो कोई कैंसर मरीजों का करता है मुफ्त इलाज, जानिए उनके बारे में

Janjwar Desk
21 March 2022 2:14 PM IST
Punjab Rajya Sabha Election : AAP के पांच उम्मीदवार : कोई बचपन में बेचता था मिठाई तो कोई कैंसर मरीजों का करता है मुफ्त इलाज, जानिए उनके बारे में
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(राज्यसभा के लिए आम आदमी पार्टी ने किया पांच नामों का ऐलान)

Punjab Rajya Sabha Election : आम आदमी पार्टी ने पंजाब से राज्यसभा के लिए पांच उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है.....

Punjab Rajya Sabha Election : पंजाब के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) राज्यसभा (Rajya Sabha) के लिए पाच नामों का ऐलान कर दिया है। इस लिस्ट में कुछ ऐसे नाम भी हैं जिन्होंने सभी को चौंका दिया है। आप की ओर जिन पांच नामों की घोषणा की गई है उनमें पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, पंजाब के आप सह प्रभारी राघव चड्ढा, आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के प्रोफेसर संदीप पाठक, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांलर अशोक मित्तल और बिजनेसमैन संजीव अरोड़ा शामिल हैं। इन नामों की घोषणा होने से पहले तक अशोक मित्तल और संजीव अरोड़ा दूर-दूर तक कही चर्चा नहीं थी। आइए इन पांचों के बारे में एक-एक करके विस्तार से जानते हैं -

1. स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के प्रमुख बन सकते हैं हरभजन सिंह

हरभजन सिंह का पूरा नाम हरभजन सिंह पलाहा (Harbhajan Singh Palasa) है। 41 वर्षीय हरभजन सिंह का जन्म पंजाब के जालंधर में हुआ। पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह 1998 से लेकर साल 2016 तक भारतीय क्रिकेट टीम के हिस्सा रहे। टीम में उनका करियर एक सफल गेंदबाज के रूप में रहा। अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में उन्होंने 700 से ज्यादा विकेट लिए हैं। उन्होंने सभी फॉर्मेट में क्रिकेट खेला है। हालांकि बाद में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) से सन्यास लिया। सन्यास लेने की घोषणा से ठीक पहले वह पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) से मिलने गए थे। इसके बाद से ही उनके राजनीति में आने की अटकलें लगनी शुरू हो गईं थीं। अब आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिए उनके नाम का ऐलान किया है। आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक हरभजन सिंह को पंजाब में एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का प्रमुख बनाया जा सकता है। इससे पहले उन्होंने स्पष्ट रूप से कांग्रेस (Congress) में शामिल होने के किसी भी झुकाव से इनकार कर दिया था। हरभजन सिंह पंजाब में कई परोपकारी योजनाओं और सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं।

नेटवर्थब्रो डॉट कॉम के मुताबिक हरभजन सिंह की कुल संपत्ति 63 करोड़ रुपये हैं। उनकी कुल संपत्ति में बीसीसआई से कमाई और उनका आईपीएल में वेतन शामिल है। हरभजन सिंह की कुल सपत्ति में पेप्सी, रॉयल स्टैग और रीबॉक जैसे लोकप्रिय ब्रांडों के साथ उनके विज्ञापन शामिल हैं।

2. राघव चड्ढा बन सकते हैं सबसे युवा राज्यसभा सदस्य

33 वर्षीय राघव चड्ढा (Raghav Chaddha) आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से राज्यसभा सदस्य बन सकते हैं। पंजाब के विधानसभा चुनाव में राघव चड्ढा ने जी-जान से आम आदमी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था। पंजाब में मिली ऐतिहासिक जीत में राघव की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। राज्यसभा (Rajya Sabha) के लिए नोमिनेशन दाखिल करने के बाद राघव चड्ढा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का शुक्रिया अदा किया। चड्ढा ने कहा कि इतनी कम उम्र में मुझे नोमिनेट करने के लिए मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का धन्यवाद करना चाहता हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैं पंजाब के लोगों का मुद्दा उठाऊंगा और संसद में उनके हितों की रक्षा करूंगा।

बता दें कि राघव चड्ढा से पहले 35 वर्षीय खिलाड़ी मैरीकॉम सबसे युवा सांसद बनी थी। आम आदमी पार्टी ने विधानसभा के चुनाव में 92 सीटें हासिल की हैं। ऐसे में राज्यसभा चुनाव में पांचों सीटों पर भी पार्टी जीत दर्ज कर सकती है। राघव साल 2020 में दिल्ली की राजेंद्र नगर सीट से पहली बार विधायक चुनकर आए थे। इससे पहले वह पार्टी के ट्रेजर के रूप में काम कर चुके थे। बतौर ट्रेजर उन्होंने कई बार आम आदमी पार्टी को मिले आयकर विभाग के नोटिस का भी सामना किया। पंजाब विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी का सह प्रभारी बनाकर भेजा गया था।

3. किसान के बेटे, आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर, कैंब्रिज से पढ़ाई कर चुके संदीप

आप ने आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर डॉ. संदीप पाठक को भी पंजाब से राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है। डॉ. पाठक का नाम अमूमन सामने नहीं आता है लेकिन माना जाता है कि पर्दे के पीछे रहकर वह पार्टी के लिए रणनीति बनाते रहे। डॉ. पाठक आईआईटी दिल्ली में फिजिक्स के प्रोफेसर हैं। वह पिछले तीन साल से आम आदमी पार्टी के कोर ग्रुप में हैं। वह बहुत कम समय में आम आदमी पार्टी के खास रणनीतिकार बनए। पार्टी ने उन्हें पंजाब में काम करने भेजा और उन्होंने इसे साबित भी किया। बताया जाता है कि चुनाव से ठीक पहले जिस तरह केजरीवाल दावा करते थे कि चन्नी दोनों सीटों से हार रहे हैं या बादल इतने अंतर से पिछड़ रहे हैं ये सब कैलकुलेशन डॉ. संदीप की ही होती थी। संदीप पाठक किसान के बेटे हैं। वह छत्तीसगढ़ के लोरमी के गांव बटहा के रहने वाले हैं। आईआईटी दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से साल 2011 में पीएचडी की है। उन्होंने प्रोफेसर डेविट कार्डवेल के साथ रिसर्च किया है। संदीप मेसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (अमेरिका) में व्लादिमारी बुलोविक के साथ काम किया। 2006 से वे दिल्ली आईआईटी के प्रोफेसर हैं।

4. अशोक मित्तल का दिल्ली की मिठाई की दुकान से एलपीयू चांसलर तक का सफर

आम आदमी पार्टी ने जिन पांच नामों की घोषणा की है उनमें एक अशोक मित्तल भी हैं। उनके नाम की घोषणा ने सबको चौंका दिया। अशोक मित्तल इस समय लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं। यह प्राइवेट यूनिवर्सिटी 600 एकड़ में फैली है जिसमें पचास से ज्यादा देशों के छात्र पढ़ने आते हैं। इसकी स्थापना अशोक मित्तल ने ही साल 2011 में की थी। उनकी ही मेहनत है कि यह यूनिवर्सिटी बहुत कम समय में देश की शीर्ष रैंक की यूनिवर्सिटी बन गई। जानकारी के मुताबिक अशोक मित्तल अपने पिता बलदेव राज मित्तल की जालंधर स्थित मिठाई के दुकान में काम करते थे। उन्होंने पांच सौ रुपये का कर्ज लिया था। मिठाई की कीमतें कम होने की वजह से उनकी दुकान भी चल पड़ी।

पिता को काम में हाथ बंटाने के लिए उनके बड़े बेटों रमेश (कक्षा 11वीं तक) और नरेश (कॉलेज की पढ़ाई) को बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। अशोक मित्तल ने पढ़ाई पूरी की और लॉ में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने मिठाई का कारोबार आगे बढ़ा तो दुकान एक मॉल में तब्दील हो गयी। इसके बाद मित्तल ने अपनी पढ़ाई मिठाई की दुकान तक सीमित नहीं रखी बल्कि ऑटो सेक्टर में आगे बढ़े। 90 के दशक में उन्होंने टू व्हीलर की शुरूआत कर पहचान बनाई। 1991 में उन्होंने लवली ऑटो का के नाम से डीलरशिप शुरू की। इसके बाद उन्हें 1996 में मारूती सुजुकी की डीलरशिप भी मिल गई। अशोक मित्तल यही नहीं रूके और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी कदम आगे बढ़ाया और इस मकसद से उन्होंने पंजाब के फगवाड़ा में पहला कॉलेज शुरू किया। ये कॉलेज 3.5 एकड़ में फैला है।

5. कैंसर से हुई थी माता-पिता की मौत, मरीजों का करते हैं मुफ्त इलाज डॉ. संजीव अरोड़ा

आम आदमी पार्टी के पंजाब से राज्यसभा के लिए पांचवे उम्मीदवार के रूप में संजीव अरोड़ा का नाम सामने आया है। संजीव अरोड़ा जितना ध्यान अपने बिजनेस पर देते हैं उतना ही वे समाजसेवा से भी जुड़े हुए हैं। संजीव कृष्णा पाल ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट का संचालन करते हैं। बताया जाता है कि डॉ. संजीव अरोड़ा के माता पिता का निधन कैंसर के चलते हुए हुआ था। इसके बाद से उन्होंने कमजोर लोगों को कैसे से बचाने का फैसला किया था। उनके संस्थान में पिछले पंद्रह सालों से कैंसर से ग्रसित लोगों का मुफ्त इलाज किया जाता है। कोरोना संकट के दौरान उन्होंने एंबुलेंस, पीपीई किट और दूसरी जरूरी चीजें दान कर लुधियाना जिला प्रशासन की मदद भी की थी। वह पंजाब के एक प्रमुख संस्थान सतलुज क्लब के भी सचिव रह चुके हैं।

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