Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

Har Ghar Tiranga: मोहन भागवत जी, तिरंगा लेकर हाज़िर हों... मीडिया और विपक्ष खोज रहा है : रवीश कुमार

Janjwar Desk
3 Aug 2022 9:56 PM IST
Har Ghar Tiranga: मोहन भागवत जी, तिरंगा लेकर हाज़िर हों... मीडिया और विपक्ष खोज रहा है : रवीश कुमार
x
Har Ghar Tiranga : कई दिन बीत गए तब प्रधानमंत्री मोदी ने अपील की कि 2 अगस्त से सभी अपनी DP में तिरंगा लगाए, ऐसे में संघ प्रमुख की DP बदल जानी चाहिए थी.....

Har Ghar Tiranga : 'मन की बात' कार्यक्रम में 31 जुलाई को पीएम मोदी ने देश से अपील की थी कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' एक जनांदोलन के रूप में तब्दील हो रहा है। सभी 2 से 15 अगस्त के बीच अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर के रूप में 'तिरंगे' की तस्वीर लगाएं। इसी अपील के बाद वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने कहा है कि मोहन भागवत जीए तिरंगा लेकर हाज़िर हों... मीडिया और विपक्ष खोज रहा है, आइये पढ़ते हैं रवीश की पूरी टिप्पणी...

17 जुलाई को ही अमित शाह ने कहा था कि 22 जुलाई से सोशल मीडिया पर तिरंगा की तस्वीर लगाने का अभियान चलेगा। सभी सोशल मीडिया के खाते की डिस्प्ले पिक्चर DP में तिरंगा की तस्वीर लगाए। 22 जुलाई आ गई, किसी ने कुछ नहीं किया जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से बैठक के बाद अपील की थी। संघ ने भी अमित शाह की अपील पर अपनी DP में तिरंगा की तस्वीर नहीं लगाई। प्रधानमंत्री ने भी DP नहीं बदली न मंत्रियों ने। कई दिन बीत गए तब प्रधानमंत्री मोदी ने अपील की कि 2 अगस्त से सभी अपनी DP में तिरंगा लगाए। ऐसे में संघ प्रमुख की DP बदल जानी चाहिए थी।

कई लोग चैलेंज कर रहे हैं कि संघ तिरंगा की तस्वीर डीपी में नहीं लगाएगा। अभी के लिए यह चैलेंज सही भी है लेकिन कई दिन बाक़ी हैं। हो सकता है अगले कुछ दिन में लगा दे। सवाल यह भी होना चाहिए कि 2002 के पहले की भी कोई तस्वीर लगाए, जिससे पता चले कि 2002 के पहले संघ अपने मुख्यालय पर तिरंगा फहराता रहा है। उसके पुराने नेताओं की खूब सारी तस्वीरें होंगी।

जिस तरह से बीजेपी इस अभियान में लगाई गई है, यह कहना जल्दीबाज़ी हो सकती है कि संघ के कार्यकर्ता बीजेपी का काम नहीं करेंगे। तिरंगा अभियान के लिए नहीं निकले होंगे। जल्दी ही संघ के कार्यकर्ता तिरंगा लेकर मोदी जी का दिया हुआ टास्क पूरा करते नज़र आ जाएँगे।

तिरंगा बनाने के कारोबार का भी हिसाब कभी होगा ही। गुजरात में हज़ारों लोगों को काम मिला है। क्या इसका संबंध चुनाव से पहले तिरंगा बनाने के बहाने लोगों को थोड़े समय के लिए सही, रोज़गार देना है। जैसे ही उम्मीद ख़त्म होती है दो चार हफ़्तों का काम देकर उम्मीद पैदा कर दी जाती है।

मैं इसे एक उदाहरण के रूप में रखना चाहता हूँ, ताकि आप घर-घर तिरंगा अभियान के पीछे की मानसिकता को समझ सकें ।

15 अगस्त को अनगिनत जगहों पर करोड़ों लोग तिरंगा फहराते हैं। इस पर मोदी शाह अपना ठप्पा लगाना चाहते है कि उनके कहने से देश तिरंगा फहरा रहा है। आप रोज़ नहाते हैं,एक दिन मोदी जी ने कह देंगे कि रोज़ नहाना चाहिए और देश कहने लग जाए कि हम मोदी जी के कहने पर नहा रहे हैं। इसका कोई तुक नहीं है। घर-घर तिरंगा अभियान वही है।

Next Story

विविध