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राजनीति

हाथरस में जिस भोले बाबा के सत्संग हादसे में 123 लोगों की गयी जान, उसे SIT ने दी क्लीनचिट तो मायावती ने सरकार पर उठाये सवाल !

Janjwar Desk
10 July 2024 1:24 PM IST
हाथरस में जिस भोले बाबा के सत्संग हादसे में 123 लोगों की गयी जान, उसे SIT ने दी क्लीनचिट तो मायावती ने सरकार पर उठाये सवाल !
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file photo

यूपी के ज़िला हाथरस में सत्संग भगदड काण्ड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है....

Hathras Stampede : हाथरस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के बाद 123 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें ज्यादातर महिलायें शामिल हैं। दलित जाति से ताल्लुक रखने वाले इस तथाकथित बाबा की भक्तों में ज्यादातर महिलायें और वह भी पिछड़े-दलित समाज की शामिल हैं। इन मौतों के लिए जिस भोले बाबा को पहला दोषी बताकर उस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए थी, उसे आरोपी तक नहीं बनाया गया है। शासन-प्रशासन ने भले ही इस तथाकथित भगवान भोले बाबा को बचाने के लिए अपने पूरे तंत्र को लगा दिया है, मगर बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है। हालांकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी भोले बाबा समेत ऐसे 20 पाखंडी संतों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है, 'यूपी के ज़िला हाथरस में सत्संग भगदड काण्ड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद।'

मायावती आगे लिखती हैं, 'इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण है। साथ ही उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय। सरकार जरूर ध्यान दे, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।'

इस घटना के बाद 6 जुलाई को भी मायावती ने पीड़ितों को न्याय देने और पाखंडी बाबा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने तब लिखा था, 'हाथरस काण्ड में, बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी। इस मामले में सरकार को अपने राजनीतिक स्वार्थ में ढ़ीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान न गंवानी पडे़।'

दलित समाज को आगाह करते हुए मायावती ने लिखा था, 'देश में गरीबों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखण्डवाद के बहकावे में आकर अपने दुःख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिये, बल्कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी, अर्थात् इन्हें अपनी पार्टी बीएसपी से ही जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे काण्डों से बच सकते हैं जिसमें 121 लोगों की हुई मृत्यु अति-चिन्ताजनक।

मायावती के अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी पाखंडी बाबाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने मीडिया को दिये बयान में कहा , खुद को त्रिकालदर्शी, भगवान, परमब्रह्म और ईश्वरीय अवतार बताकर भोली-भाली जनता को ठगने वाले बाबाओं को हम लोग ब्लैकलिस्टेड करने जा रहे हैं। इनमें हाथरस में सौ से भी ज्यादा लोगों की मौत के जिम्मेदार नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा, सेक्स सीडी कांड में फंसने के बाद दक्षिणी अमेरिका के इक्वाडोर में अलग देश बसाने का दावा करने वाले स्वामी नित्यानंद, बाबा राम रहीम समेत 20 से अधिक बाबाओं को शामिल किया गया है, जिन्होंने अलग-अलग समय में जनता को भगवान के नाम पर मूर्ख बनाने का काम किया है। न सिर्फ भक्ति के नाम पर जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, बल्कि जुर्म की दुनिया में इनकी संलिप्तता जगजाहिर होती जा रही है।

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