UP Election 2022 : शिवपाल यादव बोले अखिलेश यादव ही हैं सपा के नए नेताजी, मुख्यमंत्री बनने का दिया आशीर्वाद
शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया
UP Election 2022 : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा है कि उन्होंने मान लिया है कि अखिलेश यादव ही सपा के 'नए नेताजी' हैं। साथ ही शिवपाल यादव ने यह भी कहा कि मैं चाहता हूं कि वे मुख्यमंत्री बनें। मैंने ही उन्हें प्रशिक्षण दिया है, लेकिन अब वे परफेक्ट हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सपा व प्रसपा के बीच सीटों का बंटवारा हो जाएगा। वह बस इतना चाहते हैं कि उनकी पार्टी के जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट मिल जाए।
मुख्यमंत्री बनने का दिया आशीर्वाद
बता दें कि प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि उनके और अखिलेश यादव के दिल मिल गए हैं, दोनों के बीच की दूरियां भी घट गई हैं। बता दें कि हाल ही में अखिलेश व शिवपाल की मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के बारे में शिवपाल यादव ने कहा था कि मैंने अखिलेश को बुलाया नहीं था, हमारी फोन पर बात हुई थी। इसके बाद अखिलेश उनके घर आए थे। उनके साथ परिवार के सभी सदस्यों ने मुलाकात की। मैंने भी उन्हें मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया। इस दौरान सीटों के बंटवारे पर कोई बात नहीं हुई है। अभी बैठकें और होंगी।
अखिलेश यादव के फैसले को मानने को तैयार
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि 'हमने पुरानी बातों को खत्म कर दिया है। हमने समाजवादी पार्टी में 40-45 साल काम किया है। बहुत से आंदोलन हुए हैं। पार्टी को आगे बढ़ाना है, तो त्याग और संघर्ष करने पड़ता है। मेरे अंदर कोई मलाल नहीं है। बस सिर्फ हम अपनी बात रख देंगे। सलाह दे देंगे, फैसला अखिलेश यादव जो भी लेंगे हम मानने के लिए तैयार हैं।'
दोनों पार्टी के बीच गठबंधन
बता दें कि पिछले सप्ताह समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव एक हो गए। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल के घर पहुंचकर पहले तो गिले-शिकवे दूर किए फिर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन पर सहमति जता दी। जिसके बाद चाचा शिवपाल से मिलने उनके घर पहुंचे अखिलेश ने उनके पैर छुए तो भावुक शिवपाल ने उन्हें गले लगा लिया। इस मुलाकात के दौरान शिवपाल परिवार के साथ मौजूद थे। दोनों के बीच यह मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली। इस दौरान दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की बात भी फाइनल हो गई।
2016 से ही दोनों के बीच है सियासी मतभेद
बता दें कि 2016 के अंत में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा तथा कैबिनेट मंत्री शिवपाल के बीच सत्ता और संगठन पर वर्चस्व की जंग शुरू हो गई थी और विधानसभा चुनाव से ऐन पहले एक जनवरी 2017 को अखिलेश को सपा अध्यक्ष बना दिया गया था। वर्ष 2017 के चुनाव से पहले अखिलेश व शिवपाल के बीच मनमुटाव हो गया था। जिसके बाद दोनों में दूरियां बढ़ती चली गईं। इसके बाद शिवपाल ने अक्टूबर 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी। जिसके बाद शिवपाल ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 47 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। जिस कारण सपा को कई सीटों पर नुकसान भी उठाना पड़ा था। इस लड़ाई में रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव चुनाव हार गए थे। हालांकि लोकसभा चुनाव में शिवपाल की पार्टी को महज 0.3 फीसदी ही वोट ही मिले, लेकिन ज्यादातर जगहों पर उसने सपा को नुकसान पहुंचाया था। पिछले अनुभव को देखते हुए अखिलेश ने उनके साथ गठबंधन का निर्णय लिया है।