Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

UP : मायावती ने नाम लेकर मुलायम सिंह पर हमला बोला, लगाए गंभीर आरोप, कहा - दलित नहीं करेंगे अखिलेश को माफ

Janjwar Desk
22 March 2022 6:04 AM GMT
मल्लिकार्जुन खड़गे को
x

मल्लिकार्जुन खड़गे को 'बलि का बकरा' बता रही हैं मायावती, कहा- बुरे दिनों मे दलितों को याद करती है कांग्रेस

बसपा सुप्रीमो ने अपने ट्विट में लिखा है कि भजपा की सांठगांठ बीएसपी से नहीं बल्कि सपा संरक्षक श्री मुलायम सिंह से है। उन्होंने योगी के पिछले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अखिलेश को भाजपा से आर्शीवाद भी दिलाया था।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव ( UP Election 2022 ) संपन्न होने के ​बाद जहां भाजपा ( BJP ) शपथ ग्रहण की तैयारी में जुटी हैं, वही हार और खिसकते जनाधार की वजह से विपक्षी पार्टियों में खलबली मची है। चुनाव हार का असर इस हद तक है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ( BSP Supremo Mayawati ) बौखला गई हैं। लंबे अरसे बाद उन्होंने नेता जी यानि मुलायम सिंह यादव ( Mulayam Singh yadav ) का नाम लेकर सीधे हमला बोल दिया है। साथ ही उन्होंने नेता जी पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ( Mayawati ) ने मंगलवार को एक ट्वीट कर सपा संरक्षक मुलायम सिंह भाजपा से मिले हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh yadav ) को भी आरे हाथों लिया है।

Also Read : Swati Singh News: पति दयाशंकर सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुँची स्वाति सिंह, जाने पूरा मामला

बसपा प्रमुख ने अपने ताजा ट्विट में सपा पर सीधे हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा है कि यूपी ( UP ) में अम्बेडकरवादी लोग कभी भी सपा मुखिया अखिलेश यादव को माफ नहीं करेंगे, जिसने अपनी सरकार में इनके नाम से बनी योजनाओं व संस्थानों आदि के नाम बदल दिए। यह ति निन्दनीय व शर्मनाक भी है। मायावती ( Mayawati ) ने अपने एक और ट्वीट में कहा बीजेपी से, बी.एस.पी. नहीं बल्कि सपा संरक्षक श्री मुलायम सिंह खुलकर मिले है जिन्होंने बीजेपी के पिछले हुए शपथ में अखिलेश को बीजेपी से आर्शीवाद भी दिलाया है और अब अपने काम के लिए एक सदस्य को भाजपा में भेज दिया है। यह जग-जाहिर है।

हार से बौखलाई बसपा

दरअसल, उत्तर प्रदेश में एक बार फिर 273 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा दोबारा सत्ता में वापसी करने में कामयाब हुई है। समाजवादी पार्टी के खाते में 111 सीटें आई हैं। जबकि मायावती की पार्टी को एक ही सीट मिली थी। साल 2017 में भी बसपा को केवल 19 सीटें मिली थी। यानि बसपा का लगातार जनाधार खिसक रहा है। इस बार बसपा को केवल पिछले चुनाव की तुलना सीटें बहुत कम मिलीं, बल्कि इस बार उनका जनाधार भी सिकुड़ गया है। राज्य में अपने खिसकते जनाधार को देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती एक बार फिर से सक्रिय हो गई हैं। वह नये सिरे से काडर तैयार करने में जुट गई हैं।

(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रु-ब-रु कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।

हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।

सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आएं और अपना सहयोग दें।)

Next Story

विविध