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राजनीति

UP : मायावती ने नाम लेकर मुलायम सिंह पर हमला बोला, लगाए गंभीर आरोप, कहा - दलित नहीं करेंगे अखिलेश को माफ

Janjwar Desk
22 March 2022 11:34 AM IST
मल्लिकार्जुन खड़गे को
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मल्लिकार्जुन खड़गे को 'बलि का बकरा' बता रही हैं मायावती, कहा- बुरे दिनों मे दलितों को याद करती है कांग्रेस

बसपा सुप्रीमो ने अपने ट्विट में लिखा है कि भजपा की सांठगांठ बीएसपी से नहीं बल्कि सपा संरक्षक श्री मुलायम सिंह से है। उन्होंने योगी के पिछले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अखिलेश को भाजपा से आर्शीवाद भी दिलाया था।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव ( UP Election 2022 ) संपन्न होने के ​बाद जहां भाजपा ( BJP ) शपथ ग्रहण की तैयारी में जुटी हैं, वही हार और खिसकते जनाधार की वजह से विपक्षी पार्टियों में खलबली मची है। चुनाव हार का असर इस हद तक है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ( BSP Supremo Mayawati ) बौखला गई हैं। लंबे अरसे बाद उन्होंने नेता जी यानि मुलायम सिंह यादव ( Mulayam Singh yadav ) का नाम लेकर सीधे हमला बोल दिया है। साथ ही उन्होंने नेता जी पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ( Mayawati ) ने मंगलवार को एक ट्वीट कर सपा संरक्षक मुलायम सिंह भाजपा से मिले हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh yadav ) को भी आरे हाथों लिया है।

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बसपा प्रमुख ने अपने ताजा ट्विट में सपा पर सीधे हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा है कि यूपी ( UP ) में अम्बेडकरवादी लोग कभी भी सपा मुखिया अखिलेश यादव को माफ नहीं करेंगे, जिसने अपनी सरकार में इनके नाम से बनी योजनाओं व संस्थानों आदि के नाम बदल दिए। यह ति निन्दनीय व शर्मनाक भी है। मायावती ( Mayawati ) ने अपने एक और ट्वीट में कहा बीजेपी से, बी.एस.पी. नहीं बल्कि सपा संरक्षक श्री मुलायम सिंह खुलकर मिले है जिन्होंने बीजेपी के पिछले हुए शपथ में अखिलेश को बीजेपी से आर्शीवाद भी दिलाया है और अब अपने काम के लिए एक सदस्य को भाजपा में भेज दिया है। यह जग-जाहिर है।

हार से बौखलाई बसपा

दरअसल, उत्तर प्रदेश में एक बार फिर 273 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा दोबारा सत्ता में वापसी करने में कामयाब हुई है। समाजवादी पार्टी के खाते में 111 सीटें आई हैं। जबकि मायावती की पार्टी को एक ही सीट मिली थी। साल 2017 में भी बसपा को केवल 19 सीटें मिली थी। यानि बसपा का लगातार जनाधार खिसक रहा है। इस बार बसपा को केवल पिछले चुनाव की तुलना सीटें बहुत कम मिलीं, बल्कि इस बार उनका जनाधार भी सिकुड़ गया है। राज्य में अपने खिसकते जनाधार को देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती एक बार फिर से सक्रिय हो गई हैं। वह नये सिरे से काडर तैयार करने में जुट गई हैं।

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