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राजनीति

Uttar Pradesh: जब यूपी के इस बाहुबली MLA को मायावती से बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव हेलीकॉप्टर से भागे थे!

Janjwar Desk
11 Dec 2021 7:58 AM GMT
lucknow news
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(कोर्ट पेशी के दौरान बाहुबली विधायक विजय मिश्रा)

विधायक स्‍टेज पर जाते हैं और मुलायम सिंह यादव से कहते हैं, 'आपको मेरी पत्‍नी रामलली के सिंदूर का का वास्‍ता, मुझे बचा लीजिए।' नेताजी ने कहा कि जिसकी हिम्मत हो पकड़कर दिखा दे हमें...

Uttar Pradesh: साल 2009 के फरवरी का महीना था। ठंड ढलान पर थी, लेकिन कालीन की नगरी भदोही का सियासी पारा उप चुनाव के कारण गरम था। प्रदेश की सीएम थीं मायावती। 2007 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत में आईं बसपा (BSP) हर हाल में इस बार भी बाजी मार लेना चाहती थी। भदोही से उसके उम्‍मीदवार थे गोरखनाथ पांडेय। उधर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) भी इस उपचुनाव के जरिए वापसी करने की जुगत में थी। भदोही में बसपा नेता कैंप कर रहे थे।

इस बीच मायावती ने ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्रा (Vijay Mishra) से कहलवाया क‍ि वे उनके प्रत्याशी को समर्थन दें। विजय मिश्रा समाजवादी के वही उम्‍मीदवार थे जो 2007 में बसपा की आंधी में भी टिके रहे। मायावती को यह पता था क‍ि भले ही विजय मिश्रा की पकड़ पूरे जिले में है। विजय ने मायावती (Mayawati) के प्रस्‍ताव को ठुकरा दिया। घटना के कुछ दिन बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) अपने प्रत्‍याशी छोटेलाल बिंद के समर्थन में चुनाव प्रचार करने जाते हैं।

मंच पर मौजूद विधायक विजय मिश्रा को खबर मिलती है पुलिस उन्‍हें गिरफ्तार करने आ रही है। विजय मिश्रा स्‍टेज पर जाते हैं और मुलायम सिंह यादव से कहते हैं, 'आपको मेरी पत्‍नी रामलली के सिंदूर का का वास्‍ता, मुझे बचा लीजिए।' नेताजी ने कहा कि जिसकी हिम्मत हो पकड़कर दिखा दे हमें। और फिर वो विजय मिश्रा को लेकर हेलिकॉप्टर में उड़ गए।

पेट्रोलपंप मालिक से बाहुबली तक सफर

भदोही के धनापुर में रहने वाले विजय मिश्रा ने 1980 के आसपास एक पेट्रोल पंप शुरू किया। इससे अच्‍छी कमाई होने लगी तो राजनीत‍ि की तरफ रुझान बढ़ा। व्‍यापारिक प्रतिद्वंद्वी उन्‍हें डराने, धमकाने लगे। इसी दौरान उनका परिचय कांग्रेस के दिग्‍गज नेता पंडित कमलापति त्रिपाठी से हुआ। उनके कहने पर ही चुनाव लड़े और पहली बार 1990 में ब्‍लॉक प्रमुख बने। उनका कांग्रेस से संबंध यहीं त‍क रहा और वे मुलायम सिंह के संपर्क में आए, इसके बाद उनका राजनीत‍ि करियर आगे बढ़ता गया और छवि पूर्वांचल के बाहुबली नेता के रूप में बनती गई।

जुलाई 2010 में बसपा सरकार के मंत्री नंद कुमार नंदी पर प्रयागराज में हुए हमले में विजय मिश्रा का नाम आया। इस हमले में एक सुरक्षाकर्मी और इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्टर विजय प्रताप सिंह सहित दो लोग मारे गए थे। वे फरार हो गये। 2011 में विजय मिश्रा ने दिल्ली स्थित हौज खास में लंबी दाढ़ी और लंबे बालों में साधु वेश में समर्पण किया। जेल में ही रहकर वर्ष 2012 में वह सपा के टिकट पर ज्ञानपुर से विधानसभा का चुनाव लड़े और फिर विजयी हुए।

इसलिए मुलायम ने दिया टिकट

भदोही की पत्रकारिता में पिछले 25 सालों सक्रिय वरिष्‍ठ पत्रकार हरीश सिंह बताते हैं, 'विजय मिश्रा भले ही विधायक भदोही के ज्ञानपुर विधानसभा सीट से हैं, लेकिन उनका प्रभाव भदोही में तो है ही, आसपास के जिलों में भी है, जिसे चाहते, ज‍ितवा देते थे। इसीलिए तो वे हमेशा मुलायम सिंह के पंसदीदा बने रहे।'

एक घटना का जिक्र करते हुए हरीश बताते हैं, '2000 में शिव करण यादव काके जिला पंचायत के अध्‍यक्ष हुआ करते थे। उन्‍हें हराने का जिम्‍मा मुलायम सिंह ने विजय मिश्रा को दिया। इसके लिए उन्‍होंने विजय मिश्रा को जिला पंचायत के तीन टिकट दिए और तीनों पर उनके उम्‍मीदवाद जीत गये। इसके बाद 2002 में उन्‍हें विधानसभा का टिकट भी इस शर्त पर दिया गया वे ज्ञानपुर के अलावा हंडिया, भदोही और मिर्जापुर के सपा उम्मीदवारों को जिताएंगे।

अख‍िलेश ने नहीं दिया टिकट

वर्ष 2017 में हुए चुनाव में अखि‍लेश ने बाहुबली-विरोधी छवि को मजबूत करने के लिए ज्ञानपुर से विजय मिश्रा का टिकट काट दिया। भदोही के ज्ञानपुर विधानसभा सीट से वे 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट से जीते थे। 2017 में विजय मिश्रा पर 50 से ज्‍यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। इस बार वे निषाद पार्टी से चुनाव लड़े और मोदी लहर में भी उन्‍होंने 20 हजार से ज्‍यादा वोटों से जीत दर्ज की।

हरीश सिंह इसके कई कारण बताते हैं। वे कहते हैं, 'चाहे कुछ भी हो जाए, ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र में उनकी पकड़ हमेशा से रही है, खासकर ब्राह्मणों के बीच। वे जब बाहर होते हैं तो अपने क्षेत्र में होने वाले हर मौका-मतलब में पहुंचते हैं। इससे लोगों का उनका खास लगाव है। यही कारण है क‍ि 2012 में वे जेल में रहते हुए भी चुनाव जीत जाते हैं।'

साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में विजय मिश्रा की बेटी सीमा मिश्रा को सपा ने भदोही से टिकट दिया। मोदी लहर में भी उन्‍हें दो लाख से ज्‍यादा वोट मिला, लेकिन वे तीसरे नंबर पर रहीं। पत्नी रामलली मिश्रा भदोही से जिला पंचायत अध्यक्ष और मिर्जापुर-सोनभद्र सीट से एमएलसी का चुनाव भी जीत चुकी हैं।

'मरवा सकती है योगी सरकार'

एक रिश्तेदार ने ही विजय मिश्रा, पत्नी और पुत्र पर मकान कब्जा करने के आरोप के तहत मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद मार्च 2021 में उन्‍हें मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया और इस समय आगरा के सेंट्रल जेल में बंद हैं। अपनी गिरफ्तार के समय उन्‍होंने मीडिया से बात करते हुऐ योगी सरकार पर अपनी हत्या करवाने का आरोप लगाया था और कहा था की सरकार जाति विशेष के कहने पर मेरे खिलाफ साजिश रच रही है। भतीजा और डीघ ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्रा भी कई मामलों के तहत जेल में है।

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