UP : निजी अस्पताल के COO ने नशीली कोल्डड्रिंक पिला महिला कर्मी से किया रेप, शिकायत पर नौकरी से निकालने की दी धमकी
प्रतीकात्मक
जनज्वार। महिला हिंसा के मामले में देश का कोई भी हिस्सा हो, कहीं भी सुखद स्थिति नहीं है। रेप की न जाने रोज कितनी घटनायें होती हैं, जिनमें से 20 फीसदी भी गिनती में नहीं आतीं, क्योंकि लोकलाज और समाज के डर-भय से ऐसी घटनाओं को छुपा दिया जाता है।
दरिंदगी की एक घटना अब यूपी के मुराबाद से सामने आयी है, जहां एक प्राइवेट अस्पताल के सीओओ ने महिला कर्मचारी का पहले तो धोखे से बलात्कार किया और उसके बाद उस पर दबाव डालकर चुप रहने की कोशिश की।
जानकारी के मुताबिक मुरादाबाद में एक निजी अस्पताल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) ने अस्पताल में काम करने वाली महिलाकर्मी के साथ धोखे से दुष्कर्म किया। पीड़ित महिला का आरोप है कि सीओओ ने बहाने से उसे अपने घर बुलाया और नशीला कोल्डड्रिंक पिलाया। कोल्डड्रिंक पीने के बाद वह बेहोश हो गयी तो उसके साथ दरिंदगी की। होश में आने पर जब महिला कर्मचारी ने अस्पताल प्रशासन से इस बात की शिकायत की तो उस पर दबाव बनाकर ओर लोकलाज का डर दिखाकर समझौता करने को कहा गया।
अस्पताल प्रशासन ने जब पीड़िता की गुहार नहीं सुनीं तो उसने एसएसपी से इस मामले में शिकायत की, जिसके बाद शनिवार 26 दिसंबर को मुकदमा दर्ज किया गया।
वहीं अब अस्पताल प्रशासन सफाई दे रहा है कि महिला की शिकायत के बाद मामला उसके संज्ञान में आया है और इस मामले की जांच करायी जा रही है। दोषी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक महिला तलाकशुदा और एक बच्चे की मां है। गुजर—बसर करने के लिए उसने इसी साल जून में मझोला थाने के नया मुरादाबाद क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल में ओपीडी असिस्टेंट के पद पर नौकरी करनी शुरू की थी। महिला ने आरोप लगाया है कि एक दिन अस्पताल के सीओओ डॉ. श्रीधर ने उसे अपने घर बुलाया, जहां पहले से एक अन्य व्यक्ति मौजूद था।
महिला ने शिकायत दर्ज की है कि सीओओ ने महिला को कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ देकर पिला दिया, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। होश आने पर उसने खुद को अस्पताल में पाया। उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे।
महिला का कहना है कि जब उसे दुष्कर्म होने का अहसास हुआ तो उसने अस्पताल प्रशासन से शिकायत की, मगर शिकायत पर कार्रवाई की बजाय उल्टा महिला को ही नौकरी लेने की धमकी दी गई। बाद में दबाव बनाकर समझौता कराके महिला को ओपीडी हेड बना दिया गया।
महिला का यह भी आरोप है कि समझौता कराने के बाद उसकी तनख्वाह रोक ली गई और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। इतना ही नहीं उसे ओपीडी से हटाकर रिसेप्शन पर बैठा दिया गया। महिला की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने मझोला पुलिस को इस मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया।
वहीं इस मामले में एसएचओ मझोला अजयपाल सिंह ने मीडिया को बताया कि महिला की तहरीर के आधार पर आरोपी डॉ. श्रीधर के खिलाफ दुष्कर्म और धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
वहीं अब पुलिस के पास मामला पहुंचा देख अस्पताल प्रशासन ने भी इस पर संज्ञान ले लिया है।