Begin typing your search above and press return to search.
समाज

आदिवासी युवक ने गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने स्कूटी से झारखंड से ग्वालियर तक 1176 किमी का किया सफर

Janjwar Desk
4 Sep 2020 6:16 AM GMT
आदिवासी युवक ने गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने स्कूटी से झारखंड से ग्वालियर तक 1176 किमी का किया सफर
x

धनंजय कुमार व उनकी पत्नी सोनी हेंब्रम।

आदिवासी युवक के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह गाड़ी रिजर्व कर पत्नी को परीक्षा दिलाने ग्वालियर जाता, पिछले तीन महीने से बेरोजगार युवक ने पत्नी के जेवर गिरवी रख पैसे लिए हैं...

जनज्वार। लाॅकडाउन के दौरान जिस तरह कई निराशाजनक खबरें आयीं उसी तरह कई उत्साहवर्द्धक व दृढ हौसले की कहानियां भी सामने आयी हैं। झारखंड के गोड्डा जिले के एक आदिवासी दंपती ने परीक्षा में शामिल होने के लिए गोड्डा से ग्वालियर तक का 1176 किमी का सफर स्कूटी से बारिश व धूप के बीच तय किया जबकि महिला सात महीने की गर्भवती हैं और उनका यह पहला बच्चा है।

धनंजय कुमार हांसदा अपनी गर्भवती पत्नी सोनी हेंब्रम को डिलेड द्वितीय वर्ष की परीक्षा दिलाने के लिए स्कूटी से ग्वालियर के पद्मा कन्या विद्यालय पहुंचे। वे गोड्डा जिीे के गन्टा गांव के रहने वाले हैं। सफर के दौरान यह दंपती झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश होते हुए मध्यप्रदेश पहुंचा और इस दौरान गर्भवती होने के बावजूद उबड़-खाबड़ रास्ते का सामना करना पड़ा।

धनंजय ने इस संबंध में बताया कि जब वे परीक्षा के लिए जाने वाले थे तो एक-दो दिन पहले ट्रेन बंद हो गई, उसके पहले वह चल रही थी। उनका कहना है कि हमारे पास इतने पैसे नहीं थे कि हम गाड़ी रिजर्व कर ग्वालियर पहुंचते, क्योंकि उसमें 25 हजार रुपये खर्च आता, ऐसे में उनके पास स्कूटी चलाने का हुनर व उसके सारे कागजात दुरुस्त थे और उसी से पत्नी को लेकर निकल पड़े।

इस दंपती ने ग्वालियर में ठहरने के लिए दीनदयाल नगर में 1500 रुपये में 10 दिन के लिए कमरा किराए पर लिया है। 11 सितंबर को जब परीक्षा खत्म हो जाएगी तो यह दंपती स्कूटी से ही वापस गोड्डा रवाना होगा।

इस दंपती के इस साहस भरे फैसले के बाद उनकी मदद के लिए गुरुवार को ग्वालियर के कई लोग आगे आए। मीडिया के लोग भी उन्हें कवर करने पहुंचे।

धनंजय ने यह भी कहा कि कई लोगों ने दोपहिया वाहन से इतना लंबा सफर करने से मना किया, वे सही थे, लेकिन हमारे पास विकल्प नहीं थे। रास्ते में एक बार उन्हें तेज बारिश की वजह से पेड़ के नीचे रुकना पड़ा। उन्हें भागलपुर से गुजरते हुए बाढ का का सामना करना पड़ा और लखनऊ में एक रात वे टोल टैक्स प्लाजा पर ही रुके।

धनंजय कैंटीन में काम करते हैं, लेकिन बीते तीन महीने से बेरोजगार हैं। स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के लिए उन्होंने पत्नी के जेवर 10 हजार रुपये में गिरवी रख दिए। इसके लिए मासिक 300 रुपये का ब्याज देना होगा। उनकी पत्नी अगर यह परीक्षा पास कर लेंगी तो वे शिक्षिका बनने की पात्रता हासिल कर लेंगी और नौकरी मिलने पर उनके परिवार का दिन सुधर जाएगा।

Next Story

विविध