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Lalitpur News : गरीबी, बेबसी, कर्ज, भुखमरी से आजिज चार बच्चों की मां ने चुनी मौत, पति ने रोकर सुनाई लाचारी की दास्तान
Lalitpur News : गरीबी, बेबसी, कर्ज, भुखमरी से आजिज चार बच्चों की मां ने चुनी मौत, पति ने रोकर सुनाई लाचारी की दास्तान
Lalitpur News : उत्तर प्रदेश में तथाकथित रामराज्य के बावजूद जनपद ललितपुर में एक महिला ने महज इसलिए आत्मदाह कर लिया, क्योंकि गरीबी और भुखमरी से मरते अपने परिवार को नहीं देख सकती थी। मामले की जानकारी मिलते ही ललितपुर पुलिस घटनास्थल पर पहुँची। जिसके बाद मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मृतका के पति ने बताया कि पत्नी ने आर्थिक तंगी की वजस से जान दे दी।
जानकारी के मुताबिक घटना ललितपुर के नाराहट थाना में पड़ने वाले गांव बगौनी की है। यहां रहने वाली 40 वर्षीय विद्या पत्नी अमान अहिरवार ने मंगलवार की शाम पॉइजन खा लिया। जिसके बाद उसकी बिगड़ती हालत देख परिजन इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरधा ले गए थे। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बुधवार 24 अगस्त को बिरधा पुलिस ने शव का पंचनामा भर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जहां उसके पति ने मौत की कहानी मौके पर पहुँचे पत्रकारों को बताई।
यूपी: ललितपुर की विद्या ने जहर खाकर जान दे दी. परिवार पर 2.30 लाख का कर्ज है.विद्या के पति ने मूंग की खेती की, फसल बर्बाद हुई, कीटनाशक का कर्ज चढ़ गया. बैंक का भी कर्ज था.फिर विद्या पति के साथ मज़दूरी के लिए जयपुर - दिल्ली गई, काम नहीं मिला. आर्थिक तंगी के आगे हिम्मत हार गई.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) August 25, 2022
अपनी गरीबी से आजिज मौत का रास्ता चुनने वाली मृतका के पति अमान ने बताया कि उसके 4 बच्चे हैं। जिनमें एक पुत्र तो तीन पुत्रियां हैं। वह खेती किसानी व मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। उसने बताया कि हमने कर्जा लेकर मूंग की फसल बोई थी, और तो और फसल में 40 हजार रूपए की दवा का भी छिड़काव किया था। लेकिन फसल खराब हो गई, जिस कारण उसके ऊपर डेढ़ लाख रूपए से अधिक का कर्जा हो गया।
इसके अलावा किसान अमान पर 2 लाख रूपए केसीसी का भी कर्जा था। जिसके चलते वह काम करने के लिए जयपुर चला गया था, लेकिन बारिश के चलते 14 दिन तक रूकना पड़ा। जयपुर से भी उसे एक रूपये की मजदूरी नहीं मिली। जिसके बाद वह खाली हाथ गांव लौट आया था।
बीती 26 जुलाई को पत्नी विद्या के साथ दिल्ली मजदूरी करने गया था, लेकिन वहां भी कोई काम नहीं मिला। इसी बीच जुलाई में ही उसके पिता की तबीयत बिगड़ने की खबर मिली। दोनों गांव वापस आ गए थे, घर में उसकी पत्नी को कर्जा चुकाने के लिए फिक्रमंद रहती थी। मंगलवार सुबह वह खेत पर चला गया। लेकिन, शाम को पत्नी ने जहरीला पदार्थ खा लिया, जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। वह उसे तत्काल उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मजदूरी और किसानी करने वाली विद्या की मौत के बाद अमान द्वारा बताई गई बात से एक बात तो साफ होती है। वह ये सरकार कितने ही दावे कर ले। योजनाओं का मसौदा दिखाकर खुद की पीठ ठोके। लेकिन अभी भी राज्य और देश में ऐसे तमाम विद्या और अमान हैं जो सरकार के चेहरे पर पड़ा रंगा पुता नकाब नोंचकर फेंक देते हैं।