Begin typing your search above and press return to search.
समाज

Kanpur News: संसद में तिलक, कंठी और माला वाले सांसद होते तो देश में ना बन पाता लिवइन-रिलेशन कानून- देवकी नंदन ठाकुर

Janjwar Desk
1 Nov 2022 12:28 PM GMT
संसद में तिलक, कंठी और माला वाले सांसद होते तो देश में ना बन पाता लिव इन रिलेशन कानून- देवकी नंदन ठाकुर
x

संसद में तिलक, कंठी और माला वाले सांसद होते तो देश में ना बन पाता लिव इन रिलेशन कानून- देवकी नंदन ठाकुर

Kanpur News: वृंदावन में माता सीता और द्रौपदी को लेकर विवादित बयान देने को लेकर घिरे भागवताचार्य देवकी नंदन ठाकुर नए बयान को लेकर चर्चा में आए हैं। इस दफा देवकी नंदन ठाकुर ने लिव एन रिलेशन के माध्यम से संसद और सांसदों पर ताना मारा है...

Kanpur News: वृंदावन में माता सीता और द्रौपदी को लेकर विवादित बयान देने को लेकर घिरे भागवताचार्य देवकी नंदन ठाकुर नए बयान को लेकर चर्चा में आए हैं। इस दफा देवकी नंदन ठाकुर ने लिव एन रिलेशन के माध्यम से संसद और सांसदों पर ताना मारा है। उन्होने कहा लिव इन के लिए कोई कानून ना बन पाना लचर कानून का पर्याय है। देवकी नंदन कानपुर में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।

बता दें कि देवकी नंदन ठाकुर कानपुर के मोतीझील मैदान में श्रीमद्भगवत कथा करने पहुँचे हैं। उन्होने अपनी PC में कहा कि, मौजूदा हालत में संसद में लिव इन रिलेशन कानून बनाने की जरूरत है। मौजूदा हालात में इसकी जरूरत है। उन्होने कहा की कम से कम 25 धर्माचार्य संसद में अवश्य होने चाहिए। धर्माचार्य किसी भी पार्टी के हों इसकी परवाह नहीं है।

हम वही मांग रहे जो हमारा है

आज मंगलवार को आर्यनगर के होटल में देवकी नंदन ठाकुर ने PC के दौरान कहा कि पूर्व की सरकारों ने भारतीय संस्कृति को ताक पर रखा। ठाकुर ने कहा कि, जितना सनातन संस्कृति को आज सम्मान मिल रहा है, उतना मिला तो आज हम विश्वगुरू होते। हिन्दू सहनशील होता है। सहनशील ना होता तो अपने आराध्य की जगह ज्ञानवापी और मथुरा के लिए कोर्ट में नहीं लड़ता। हम उस जगह को मांग रहे हैं, जो पहले से अपनी है। एक दिन काशी संविधान के हिसाब से शिवमय और मथुरा कृष्णमय होगा।

हमसे 300 मस्जिद ले लो

देवकी नंदन ठाकुर ने आगे कहा कि, हमने कहा था कि अयोध्या, काशी और मथुरा दे दो हमसे 300 मस्जिद ले लो। पूर्व की सरकार काले कानू लाई, कि हम अपने समुदाय के लिए कोर्ट नहीं जा सकते। हमें रोकने का प्रयास किया गया। एकतरफा भाइचारा निभाकर हमें चारा बनाया गया। हमने जनसंख्या की रोकथाम के लिए कोर्ट में याचिका डाली है। सभी देशों में हिंदू अल्पसंख्यकों को सुविधायें और सम्मान मिलना चाहिए. अमरावती जैसी घटनाओं को रोकने हम जन जागृति अभियान चला रहे हैं।

खुद के नेता बनने पर मुकरे ठाकुर

देवकी नंदन ठाकुर से पूछा गया कि क्या वह राजनीति में आ रहे हैं, तो हंसकर उल्टा सवाल दागा कि नहीं...मेरा काम राजनेताओं से बढ़कर है। मैं यदि राजनेता होता तो मुधपर की आरोप लगते। लेकिन अभी मैं धर्माचार्य हूँ, इसलिए आप सब प्यार कर रहे हैं। कहा कि मेर काम है सनातन धर्म को आगे बढ़ाने और उसकी रक्षा करने का। वकील, नेता, डॉक्टर जो जिसका काम है वह उसे करना चाहिए।

आखिर में ठाकुर ने कहा कि, मैं पुन: कहता हूँ संसद में कंठी, तिलक और माला पहनने वाले सांसद होते तो देश में लिव इन रिलेशन कानून ना बन पाता। सनातन काल में भी राजा की सभा में धर्माचार्य होते थे वे राजा को सनातन धर्म की जानकारी और सही सलाह देते थे।

Next Story

विविध