आदमखोर बाघ से सुरक्षा की मांग लेकर कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों को रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने पुलिस लगाकर धमकाया-ज्ञापन लेने से भी इंकार
रामनगर। जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग को लेकर 28 अप्रैल को रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट के कार्यालय पर पहुंचे ग्राम बासीटीला, सेमलखलिया, कानिया, गौजानी, हिम्मतपुर डोटियाल, सांवल्दे आदि के ग्रामीणों को विधायक ने पुलिस लगाकर न केवल उन्हें धमकाने की कोशिश की, बल्कि जनता के बीच आकर ज्ञापन लेने से इंकार कर दिया।
जंगली जानवरों से सुरक्षा को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में ग्रामीणों ने विधायक कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रदर्शन किया तथा विधायक दीवान सिंह बिष्ट द्वारा जनता के बीच आकर ज्ञापन लेने से इंकार करने पर विधायक कार्यालय के गेट पर चस्पां कर दिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन व ग्रामीणों के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई।
विधायक कार्यालय पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पिछले 6 महीने में रामनगर क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर बाघों के एक दर्जन से भी अधिक हमले में 4 महिलाओं समेत 8 लोगों की मौत हो चुकी हैं। रामनगर विधानसभा क्षेत्र ही नहीं, बल्कि समूचे उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आतंक चरम पर है। भाजपा सरकार तथा वन प्रशासन जनता को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रहा है।
विगत 22 फरवरी को संयुक्त संघर्ष समिति ने 10 सूत्रीय मांग पत्र विधायक को सौंप कर टाइगर, तेंदुए जैसे हिंसक जानवरों को वन संरक्षण अधिनियम 1972 की संरक्षित अनुसूची से बाहर किए जाने तथा उन्हें मारने या पकड़े जाने के लिए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक से अनुमति के प्रावधान को समाप्त किए जाने, जंगली जानवरों के हमले में मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने तथा अंकित व वन्यजीवों के हमले में घायल सभी का इलाज की जिम्मेदारी सरकार द्वारा उठाए जाने आदि की मांगों को लेकर 10 सूत्रीय मांग पत्र विधायक को दिया था। तब विधायक ने आश्वासन दिया था कि मांग पत्र में रखे गए ग्रामीणों की सुरक्षा के मसले को विधानसभा में उठाकर हल किया जाएगा। परंतु दो माह बाद भी विधायक द्वारा विधानसभा में ग्रामीणों की समस्याओं को नहीं उठाया गया है।
गौरतलब है कि इसी साल 17 अप्रैल को ग्राम बासीटीला में टाइगर ने गांव में घुसकर प्रमोद तिवारी को मार डाला, जिस पर विभिन्न क्षेत्रों से ग्रामीण अपनी परेशानी विधायक के समक्ष रखने के लिए पहुंचे थे, परंतु रामनगर विधायक कार्यालय में मौजूद होने के बावजूद भी ज्ञापन लेने ग्रामीणों के बीच नहीं आए।
विधायक के रवैये से आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि हमारे गांव में लगातार जंगली जानवरों का आतंक बना हुआ है, हम कैसे अपने आप को और अपने बच्चों को सुरक्षित रखें, हमें इसका जवाब चाहिए। ग्रामीणों ने कहा 15 दिन पहले लोकसभा के लिए गांव-गांव में वोट लेने के लिए घूमने वाले भाजपा विधायक और नेता आज हमारी समस्या सुनने को भी तैयार नहीं हैं।
समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने कहा कि जल्द ही गांव में बैठकें आयोजित कर आंदोलन की आगामी रणनीति निर्धारित की जाएगी।
धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में आनंद सती, रमेश जोशी, कुबेर सिंह, सुखविंदर सिंह, ग्राम प्रधान हीरा सिंह, मोहम्मद आसिफ, चिंताराम, शोभन सिंह, प्रभात ध्यानी, मनमोहन अग्रवाल, पीसी जोशी, मुनीष कुमार, संजय मेहता, पारस करगेती, पीयूष पांडे, कौशल्या, सरस्वती जोशी, ललिता रावत, तुलसी जोशी, माया नेगी, जयंती नेगी, हंसी देवी, दीपा बिष्ट, विमला बिष्ट, अनिल कड़ाकोटी, बलवीर नेगी, किशन शर्मा, ललित उप्रेती, रोहित रुहेला समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।