हाथरस बलात्कार कांड के चारों आरोपियों का जेल से लाकर सीबीआई ने कराया नार्को टेस्ट
हाथरस, जनज्वार। उत्तर प्रदेश का हाथरस गैंगरेप कांड पुलिस की आला कारगुजारियों से विदेश तक चर्चा पा चुका है। दलित लड़की के साथ जघन्य अपराध के चारों आरोपी अलीगढ़ जेल में बंद हैं। इस मामले में सीबीआई जांच चल रही है। सीबीआई ने चारों आरोपियों के नार्को टेस्ट कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। चारों आरोपियों को गुजरात से लाकर दोबारा अलीगढ़ जेल में बंद कर दिया गया है।
चारों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुजरात के गांधीनगर से अलीगढ़ लाया गया है। चारों का ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया है। हाथरस कांड के चारों आरोपी घटना के बाद से अलीगढ़ जेल में बंद है। सीबीआई विभिन्न पहलुओं पर जांच पड़ताल कर रही है। बूलगढ़ी गांव से लेकर जेएन मेडिकल कॉलेज, जिला जेल समेत विभिन्न जगह पहुंचकर सीबीआई मामले की जांच कर रही है।
घटना की तह तक पहुंचने के लिए पीड़ित और आरोपी परिवार का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी टीम की ओर से की गई थी, लेकिन पीड़ित परिवार ने नार्को टेस्ट कराने से इंकार कर दिया था। वहीं पुलिस ने अलीगढ जेल में बंद चारों आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने का निर्णय लिया था, जिसके बाद बिना कोई देरी किये 22 नवंबर को आरोपियों को जिला जेल से निकालकर गांधीनगर गुजराज ले जाया गया था।
सीबीआई कोर्ट के आदेश पर हाथरस पुलिस उनको जेल से लेकर गांधीनगर ले गई थी। वहां चारों आरोपियों का ब्रेन मैपिंग व पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया पूरी हुई। यह प्रक्रिया करीब 10 से 12 दिनों तक चली। चारों को रविवार को करीब 15 दिनों बाद पुन: अलीगढ़ जेल में बंद कर दिया गया है।
अलीगढ़ के जेल अधीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि हाथरस गैंगरेप कांड के आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच गांधीनगर के लिए रवाना किया गया था। वहां उनको सीबीआई कोर्ट के आदेश पर ब्रेन मैपिंग व पॉलीगाफ टेस्ट कराया गया। रविवार को चारों आरोपियों को फिर से अलीगढ़ जेल में बंद कर दिया गया है।
गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस जिले के एक गांव में दलित लड़की से चार युवकों ने गैंगरेप किया और हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। पीड़िता की रीढ़ तोड़ दी गई थी और जीभ की काटी गई थी। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया।
पुलिस पर आरोप लगा कि अंतिम संस्कार का विरोध कर रहे परिजनों को घर में बंद कर दिया गया। यहां तक कि परिजनों को पीड़िता का अंतिम दर्शन तक करने नहीं दिया गया। इस घटना को लेकर हाथरस समेत देश के कई जगहों पर लोग शासन-प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया।