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Uttarakhand Election 2022 : त्रिवेन्द्र बनेंगे भाजपा अध्यक्ष, चुनाव के लिए फिर होगा क्या संगठन में बदलाव ?
Uttarakhand Election 2022 : विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ी भारतीय जनता पार्टी (BJP) में एक बार फिर संगठन में बदलाव की बयार बह सकती है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक (Madan Kaushik) को संगठन से हटाकर उन्हें चुनाव के लिए फ्री कर त्रिवेन्द्र (Trivendra Singh Rawat) को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।
आने वाले चुनाव (Uttarakhand Election 2022) में पार्टी प्रत्याशियों को राज्य के भौगोलिक ढांचे में कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कड़कड़ाती ठंड में चुनाव प्रचार करते हुए प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने के लिए प्रत्याशियों को टिकट मिलते ही खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। बड़ी रैलियों व जनसभाओं पर अभी तक संशय ही है। ऐसे में प्रत्याशी को खुद ही घर-घर दस्तक देकर मतदाताओं को लुभाना पड़ेगा। ऐसे में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी को चुनाव से इतर जिम्मेदारी प्रभावित न करे, इसका ध्यान भी रखा जाना है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक (Madan Kaushik) पार्टी के लिए ऐसे ही प्रत्याशी हैं। सामान्य सूरत में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त करना पार्टी के लिए शायद उतना सहज न होता। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने चुनाव न लड़ने की मंशा जताकर पार्टी को संभावित असहजता से बचने का अवसर दे दिया है।
विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बनने पर पूर्व मुख्यमंत्री रावत के सामने प्रोटोकॉल का लिहाज से दुविधाजनक स्थिति आने वाली है। भाजपा सत्ता में नहीं आई तो वह केवल महज एक विधायक ही बने रहने को अभिशप्त होंगे। सरकार बनने (जिसकी की दूर-दूर तक सूरत नजर नही दिखती) पर भी वह मुख्यमंत्री से कम की जिम्मेदारी लेकर अपने जूनियर के मातहत काम करें, यह और विकट स्थिति होगी। यही सब कुछ सोचकर रावत ने केंद्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर न केवल चुनाव लड़ने से मना किया बल्कि पत्र को भी सार्वजनिक करके अपने को मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने की टीस जाहिर करने से गुरेज नहीं किया।
ऐसे में अब इस बात की पूरी संभावना हैं कि त्रिवेन्द्र की "न" को पार्टी फौरी तौर पर उन्हें पार्टी का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाकर मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को चुनाव के लिए फ्री हैंड कर दिया जाए। चुनाव के बाद त्रिवेन्द्र को संगठन में पहले की ही तरह प्रदेश के बाहर जगह देकर उनका राजनैतिक पुनर्वास भी इसी बहाने किया जा सकता है।