World Diabetes Day 2022: डायबिटीज होने की असली वजह से लेकर बचने के लिए जरूरी उपाय को समझ लीजिए
World Diabetes Day 2022: डायबिटीज होने की असली वजह से लेकर बचने के लिए जरूरी उपाय को समझ लीजिए
मोना सिंह की रिपोर्ट
World Diabetes Day 2022: वर्ल्ड डायबिटीज डे प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को सर फ्रेडरिक बैटिंग के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। सर फ्रेडरिक बैटिंग ने 1922 में चार्ल्स बैट के साथ इंसुलिन की खोज की थी। वर्ल्ड डायबिटीज डे का मुख्य उद्देश्य लोगों में डायबिटीज के प्रति जागरूकता पैदा करना है। यह दुनिया के सबसे बड़े जागरूकता अभियानों में से एक है। और लगभग 160 देशों द्वारा मनाया जाता है। इसे 1991 से विश्व भर में मनाया जाता है।
वर्ल्ड डायबिटीज 2022 की थीम
- वर्ल्ड डायबिटीज डे 2022 की थीम "मधुमेह शिक्षा तक पहुंच है"।
डायबिटीज या मधुमेह दुनिया की सबसे पुरानी और तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है। इस बीमारी की सबसे ज्यादा नकारात्मक बात यह है, कि एक बार मधुमेह हो जाने के बाद जिंदगी भर इससे जूझना पड़ता है। मधुमेह का कोई इलाज अब तक नहीं बना है। मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता। व्यक्ति दवा इंसुलिन और जीवनशैली में बदलाव करके अपने ब्लड ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित रख सकते हैं। ब्लड ग्लूकोज का स्तर अनियंत्रित होने पर शरीर के अंगों जैसे लीवर, किडनी, हार्ट, आंखों और त्वचा को प्रभावित करता है। डायबिटीज मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है पहली टाइप वन डायबिटीज होती है। इसमें इंसुलिन कम मात्रा में बनती है। और रोगी को रोज इंसुलिन देने की जरूरत पड़ती है। इससे बच्चे और युवा सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। टाइप टू डायबिटीज ज्यादातर वयस्कों को होती है। इसमें इंसुलिन देने की जरूरत नहीं पड़ती। खानपान में सावधानी और योग व्यायाम नियमित जीवन शैली अपनाकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
डायबिटीज की वजह से प्रभावित होने वाले अंग
ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की वजह से शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन मुख्य रूप से प्रभावित होने वाले अंगों में किडनी, लीवर, हार्ट,स्किन और तंत्रिका तंत्र है।
डायबिटीज की वजह से किडनी को नुकसान
डायबिटीज की वजह से किडनी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। डायबिटीज की वजह से होने वाली किडनी की बीमारी को डायबीटिक नेफ्रोपैथी कहते हैं। इसमें पेशाब में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा हो जाती है। जांच में भी पेशाब में माइक्रोएल्बुमिनुरिया या प्रोटीन की अधिकता पाई जाती है। इसके कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन और किडनी से संबंधित अन्य समस्याओं का जोखिम बहुत बढ़ जाता है। कई बार किडनी फेल होने की स्थिति भी हो सकती है।
नर्वस सिस्टम पर असर या डायबिटिक न्यूरोपैथी
अनियंत्रित मधुमेह की समस्या की वजह से तंत्रिकाओं की क्षति होने का खतरा होता है। इसमें संवेदना जैसे गर्मी, सर्दी और दर्द के अनुभव पर भी असर पड़ता है। इन संवेदनाओं की कमियों या अधिकता की वजह से चोट भी लग सकती है या एक्सीडेंट भी हो सकता है। और इस कारण गंभीर संक्रमण का खतरा बना रहता है।
आंखों पर असर या डायबीटिक रेटिनोपैथी
मधुमेह की वजह से आंखों में सूजन, रिसाव और ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचता है। इसे ही डायबीटिक रेटिनोपैथी कहते हैं। इससे आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है। आंखों की रोशनी कम हो जाती है। और अंधेपन की समस्या भी हो सकती है। डायबीटिक रेटिनोपैथी का मुख्य कारण है बढा हुआ ब्लड शुगर यह रेटिना के रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त करने लगता है। इस वजह से धुंधला दिखना और गंभीर अवस्था में अंधापन की समस्या भी हो जाती है।
डायबीटिक कीटोएसिटोसिस
इस स्थिति में शरीर में ज्यादा मात्रा में ब्लड कीटोन का उत्पादन होने लगता है। यह किटोंस ब्लड में बनकर मूत्र में फैल जातें है। और इस कारण लीवर और किडनी फेल होने का खतरा होता है। इसलिए यह जानलेवा भी हो सकता है।
मधुमेह से कैसे करें बचाव और नियंत्रण
वर्तमान समय में युवा और बच्चे भी मधुमेह जैसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में नियंत्रित खान-पान और दिनचर्या का पालन सभी के लिए जरूरी हो गया है।
रोज करें व्यायाम
व्यायाम रोज करें इसके लिए जिम जाना ही जरूरी नहीं है। घर पर भी योग, चलना, साइकिलिंग, दौड़ना, जोगिंग, पिलेट्स और एरोबिक्स जैसे व्यायाम किए जा सकते हैं। सप्ताह में कम से कम 5 दिन आधे घंटे योग व्यायाम करें। रोज व्यायाम करना शरीर के ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है।
संतुलित आहार लें
ऑइली, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड और डिब्बाबंद भोजन का सेवन ना करें। पिज़्ज़ा, पास्ता,चाइनीस, बेकरी, आइटम,मिठाई, कोल्ड ड्रिंक को अपनी डाइट में शामिल ना करें।अधिक कैलोरी वाली डाइट ना लें। नियमित अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा भोजन करें। ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज दालें, बींस, छोले और ओट्स और क्वीनोआ को अपने भोजन में शामिल करें।
वजन नियंत्रण में रखें
सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से युक्त भोज्य पदार्थ लें, यह वजन नियंत्रण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पिएं और तरल पदार्थ का सेवन करें।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखें
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नजर बनाए रखें। यह बीमारियां भी असामान्य ब्लड शुगर लेवल की वजह से होती हैं। और हृदय रोग होने की संभावना को बढ़ाती है। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं नियमित रूप से लें।
तनाव मुक्त रहें
तनाव के कारण ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो जाता है। इसलिए मेडिटेशन, पेंटिंग ,बागवानी, संगीत इत्यादि अपनी मनपसंद गतिविधियों में व्यस्त रहकर तनावमुक्त रहें।
न्यूमोकॉकल वैक्सीन
मधुमेह के रोगियों को न्यूमोनिया होने का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि मधुमेह के मरीज को एक्वाटिनिंग न्यूमोकॉकल संक्रमण का ज्यादा जोखिम होता है। इसलिए मधुमेह के रोगियों को न्यूमोकॉकल वैक्सीन जरूर दी जानी चाहिए। इसके साथ ही मधुमेह के रोगियों को प्रत्येक वर्ष फ्लू शॉट भी लेना चाहिए इसके लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।