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Sri Lanka Crisis : जानिए कैसा होता है दिवालिया हो चुके देश में रहना, श्रीलंका के लोगों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह चरमराई

Janjwar Desk
11 July 2022 5:51 PM GMT
Sri Lanka Crisis : जानिए कैसा होता है दिवालिया हो चुके देश में रहना, श्रीलंका के लोगों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह चरमराई
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Sri Lanka Crisis : जानिए कैसा होता है दिवालिया हो चुके देश में रहना, श्रीलंका के लोगों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह चरमराई

Sri Lanka Crisis : श्रीलंका में आर्थिक समस्याओं से पैदा हुए राजनीतिक संकट फिलहाल और गहरा गया है, बिजली के किल्लत के चलते हो रही कटौती से उमस भरी रातों में नींद पूरी करना मुश्किल हो गया है...

Sri Lanka Crisis : श्रीलंका में आर्थिक समस्याओं से पैदा हुए राजनीतिक संकट फिलहाल और गहरा गया है। साथ ही लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली के किल्लत के चलते हो रही कटौती से उमस भरी रातों में नींद पूरी करना मुश्किल हो गया है। देश में दिवालिया होने और ईंधन की कमी के बाद बिजली गुल होने से लोगों की दिनचर्या पर बुरा प्रभाव पड़ा है। ऐसे हालात में लोगों को अभी बहुत दिन गुजारने हैं। रोजमर्रा की चीजें पिछले महीने की तुलना में दुगनी कीमतों पर मिल रही हैं। ऐसे माहौल में लोग एक सप्ताह पहले की तुलना में कहीं अधिक लाचार महसूस कर रहे हैं। लोगों को ना तो ठीक से नाश्ता नसीब हो रहा है और ना ही खाना। ऐसे हालात में भी लोग काम कर रहे हैं। घर से निकलते ही लोगों को परिवहन के साधन खोजने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

ईंधन की भारी किल्लत का सामना

श्रीलंका के शहरों में इस समय इंधन की किल्लत ऐसी है कि इनके लिए लगने वाली लाइन पूरे मोहल्ले के चारों ओर फैली हुई है। ये कतारें घटने के बजाय दिनोंदिन फैलती ही जा रही हैं। इससे सड़कों पर लंबा जाम लग रहा है और कई लोगों का रोजगार बर्बाद हो रहा है। लाइन में लगने से बचने के लिए उन्हें अपने साथ तकिया कपड़ा और खाने-पीने का सामान भी लेकर आना पड़ रहा है।

बच्चे बिना प्रोटीन वाला खाना खाने को मजबूर

श्रीलंका के ज्यादातर बच्चे लगभग बिना प्रोटीन वाले भोजन पर जीने को मजबूर है। यह संकट इतना गहरा गया है कि इससे देश में माइक्रो इकोनॉमी से लेकर मॉलिक्यूल तक सभी चीजें प्रभावित हुई हैं। बच्चों के दिलोदिमाग, उनकी मांसपेशियों और हड्डियों को वह नहीं मिल रहा है, जिसकी उन्हें सख्त जरूरत है। देश में मिल्क पाउडर की अधिकांश जरूरत है आयात पूरी होती है इसलिए बाजारों में बड़ी मुश्किल से मिल्क पाउडर दिखता है। संयुक्त राष्ट्र संघ अब श्रीलंका में कुपोषण और मानवीय संकट के चेतावनी दे रहा है। यहां की कई लोगों के लिए यह संकट महीनों से बना हुआ है।

परिवहन व्यवस्था भी बुरी तरह चरमराई

जो लोग कहीं आवाजाही कर रहे हैं, उनका मुख्य सहारा बस और ट्रेन है और इन बसों और ट्रेनों की हालत ऐसी है कि भीड़ से कहीं ये बैठ ना जाएं। श्रीलंका दशकों से अपने सार्वजनिक परिवहन के साधनों पर पर्याप्त निवेश करने में नाकाम रहा है। वहीं कई लोग बसों और रिक्शा चालकों की मनमानी को लेकर काफी शिकायत कर रही हैं।

स्वास्थ्य सेवा ना मिलने से कई लोगों की मौत

लोगों के बीच यह बात तेजी से फैल रही है कि देश के राजनीतिक और आर्थिक जगत के संभ्रांत लोगों के चलते श्रीलंका की ऐसी हालत हुई है लेकिन इसका सबसे बुरा असर निम्न मध्य और कामकाजी वर्ग को पर पड़ रहा है। देश का हेल्थ केयर सेंटर अब कई जीवन रक्षक दवाओं को खरीदने में सक्षम नहीं है। मई माह में पीलिया से ग्रस्त एक-दो दिन की बच्ची की मौत हो गई। अच्छी स्वास्थ्य सेवा व समय पर दवाई ना मिलने से कई लोगों की मौत हो रही है।

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