Taliban News: सोमनाथ के 'लुटेरे' गजनवी को मुस्लिम 'वॉरियर' बताकर तालिबान ने छिड़का भारत के जख्मों पर नमक
अफगानिस्तान को तालिबान ने ले लिया है अपने कब्जे में
Taliban News, जनज्वार: अफगानिस्तान में जबरन घुसपैठ के बाद तालिबान अपने सत्ता पर इतराने लगा है। अफगानिस्तान से भारत की पुरानी दोस्ती को झूठा बताने के बाद तालिबान ने अब एक और जहर उगला है।
5 अक्टूबर, मंगलवार को तालिबान के शीर्ष नेता अनस हक्कानी ने ट्विटर पर महमूद गजनवी को मुस्लिम वॉरियर का सम्मान दे दिया। इतना ही नहीं, अनस हक्कानी ने भारत के इतिहास के सबसे संवेदनशील घटनाओं में से एक सोमनाथ मंदिर में हुई लूट और तोड़ को महमूद गजनवी द्वारा किए गए महान कृत्यों में गिनवाया।
दरअसल, तालिबान के शीर्ष नेता अनस हक्कानी ने 5 अक्टूबर, मंगलवार को सुल्तान महमूद गजनवी की दरगाह का दौरा किया। इसके बाद ट्विटर पर हक्कानी ने महमूद गजनवी के तारीफों के पुल बांधे। हक्कानी ने अपने ट्वीट में सोमनाथ मंदिर में गजनवी द्वारा लूटे जाने का भी जिक्र किया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है।
तालिबान ने लूटेरे महमूद गजनवी का किया गुणगान
महमूद गजनवी की दरगाह का दौरा करने के बाद अनस हक्कानी ने अपने ट्वीट ने कहा कि, "हमने 10वीं शताब्दी के प्रसिद्ध मुजाहिद सुल्तान महमूद गजनवी की दरगाह का दौरा किया। गजनवी ने गजनी से निकल एक बड़े क्षेत्र में एक मजबूत मुस्लिम शासन स्थापित किया। उसने सोमनाथ की मूर्ति को तोड़ा।"
कौन था महमूद गजनवी
आपको बताएं कि महमूद गजनवी भारत के इतिहास में एक खलनायक के तौर पर याद किया जाता है। वह गजनवी के तुर्क वंश का पहला स्वतंत्र शासक था, जिसने 998 से 1030 ईस्वी तक शासन किया। महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर 17 बार आक्रमण किया और कई बार विफल होने के बाद 1024 ईस्वी में यहां लूटपाट करने में सफल हुआ। उसने गुजरात के सोमनाथ मंदिर को तोड़ा और वहां से खजाने को लूटकर अफगानिस्तान ले गया। महमूद गजनवी की नजर उस वक्त सोने की चिड़िया कहे जाने वाली भारत के अपार खजाने पर ही थी। भारत में उस दौरान मंदिर धन, अर्थव्यवस्था और विचारधारा का केंद्र हुआ करता था, इसलिए गजनवी की नजर हमेशा से भारत के हिन्दू धर्म स्थलों पर रही।
जब अटल बिहारी बाजपेयी ने गजनवी को बताया था 'लुटेरा'
मंगलवार 5 अक्टूबर को तालिबानी नेता हक्कानी के ट्वीट करने के बाद से भारत में बवाल मच गया। लोग सोशल मीडिया पर तालिबान को खरी खोटी सुनाने लगे। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा महमूद गजनवी को लेकर कही गई बातें याद दोहराई गई। दरअसल, अटल बिहारी बाजपेयी ने अपने एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री रहते हुए अफगानिस्तान के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि, "विदेश मंत्री के नाते मैं अफगानिस्तान गया था। लेकिन, अफगानिस्तान के अपने मेजबानों से मैंने जब कहा कि मैं गजनी जाना चाहता हूं। तो पहले उन्हें मेरी बात समझ में नहीं आई। फिर कहने लगे कि गजनी तो कोई टूरिस्ट स्पॉट नहीं है। वहां कोई 5 स्टार होटल नहीं है।"
बाजपेयी ने कहा था, "मैं उन्हें दिल की बात नहीं बता सकता था। मेरे हृदय में गजनी कांटे की तरह से चुभ रहा है। मैंने बचपन में गजनी से आए एक लुटेरे की कहानी पढ़ी है। मैं देखना चाहता था कि वो गजनी कैसा है। आपको सुनकर ताज्जुब होगा महमूद गजनवी का अफगानिस्तान के इतिहास में कोई स्थान नहीं है। बाजपेयी बताते हैं कि गजनी अफगानिस्तान में एक छोटा सा गांव है। सैकड़ों साल पहले वहां धूल उड़ती होगी, झोपड़ियां थीं, मगर एक लुटेरा लुटेरों की फौज इकट्ठा करता हुआ सोने की चिड़िया को लूटने के लिए चला आया। लेकिन भारत में आपसी फूट के कारण समाज के बहुत बड़े तबके को लड़ने के अधिकार से वंचित कर दिया। हमने उन्हें हथियार नहीं उठाने दिया, और इसलिए वह सोमनाथ मंदिर लूटने में कामयाब हो गया।
तालिबान ने भारत को बताया अफगानिस्तान का झूठा दोस्त
दरअसल, ये कोई पहली बार नहीं है जब तालिबानी शासन ने भारत के खिलाफ बयानबाजी की हो। कुछ दिनों पहले ही तालिबान ने सार्वजनिक तौर पर भारत पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा था कि अफगानिस्तान को लेकर भारत को अपनी नीति बदलनी चाहिए। तालिबान ने कहा कि, "यह दुर्भाग्य है कि भारत पक्षपात करता है और पिछले 20 सालों से युद्ध को भड़काने में लगा था। उसने शांति के लिए कुछ नहीं किया, अभी तक उसकी भूमिका नकारात्मक रही है। यहां तक कि भारतीय मीडिया में भी इसकी झलक दिखती है, उसने तालिबान की खराब छवि पेश की है।"