हाथरस मौत मामले में बड़े लोगों को बचाने की हो रही कोशिश, जिस भोले बाबा के सत्संग में हुई 121 मौतें उस पर अब तक नहीं FIR !

इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार भोले बाबा का एफआईआर में नाम तक नहीं है। आखिर उन्हें संरक्षण कहां से मिल रहा है? मुख्य सचिव, डीजीपी और यहां तक कि मुख्यमंत्री का भी दौरा घटनास्थल पर हो चुका है, लेकिन एसपी-डीएम का बाल तक बांका नहीं हुआ, जिनकी जवाबदेही पहले बनती है...

Update: 2024-07-07 12:07 GMT

लखनऊ। हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के लिए भाकपा (माले) ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पार्टी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि एक तथाकथित बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों के मामले में जिम्मेदार बड़े लोगों को बचाने की कोशिश हो रही है। दिखाने के लिए गिरफ्तारियां भी जारी हैं, मगर अभी तक न तो बाबा, न ही प्रशासन के जिम्मेदार किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई या गिरफ्तारी हुई है।

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पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज रविवार 7 जुलाई को जारी बयान में कहा कि हाथरस जिला प्रशासन जो खुद जांच की जद में है, मामले पर लीपापोती की कोशिश में लगा है। जांच को गलत दिशा में ले जाने और भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही है, ताकि असली गुनहगार बचाये जा सकें।

जिला पुलिस प्रमुख बयान दे रहे हैं कि आयोजन के पीछे कुछ सियासी दलों का हाथ हो सकता है, जबकि मूल मसला शासन-प्रशासन की लापरवाही और विफलता का है, जिसकी वजह से इतनी मौतें हुईं। लाखों लोगों की उपस्थिति वाले कार्यक्रम की अधिकारियों ने जान-बूझकर अनदेखी की। न तो भीड़ प्रबंधन के उपाय किये गए, न ही एम्बुलेंस, डॉक्टर व इलाज का प्रबंध किया गया। अगर मुस्तैदी दिखाई गई होती, तो कई जानें बचाई जा सकती थीं।

माले राज्य सचिव ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार भोले बाबा का एफआईआर में नाम तक नहीं है। आखिर उन्हें संरक्षण कहां से मिल रहा है? मुख्य सचिव, डीजीपी और यहां तक कि मुख्यमंत्री का भी दौरा घटनास्थल पर हो चुका है, लेकिन एसपी-डीएम का बाल तक बांका नहीं हुआ, जिनकी जवाबदेही पहले बनती है। नाममात्र का मुआवजा देकर और भगदड़ के पीछे षड्यंत्र की बात कर सरकार मृतकों के परिवारों के शोक व गुस्से को शांत और खुद की विफलता पर पर्दा डालने की जुगत में है। माले नेता ने उम्मीद जताई कि घटना की जांच के लिए बना न्यायिक आयोग उपरोक्त का संज्ञान लेगा, मृतकों को न्याय दिलाएगा और सही निष्कर्ष निकालेगा, जिससे भविष्य में पुनरावृत्ति न हो।

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