झारखंड में धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम का भारी विरोध, बागेश्वर धाम सरकार को बताया नफरती-भड़काऊ और संविधान विरोधी

धीरेन्द्र शास्त्री अपनी विभिन्न सभाओं व कथाओं में मुसलमानों और इसाइयों के विरुद्ध सांप्रदायिक टिप्पणी करते हैं और हिंदुओं में इन अल्पसंख्यक धर्मों के विरुद्ध द्वेष पैदा करने की कोशिश करते हैं, भड़काऊ भाषणों एवं सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में धीरेन्द्र शास्त्री के विरुद्ध कई राज्यों में अपराधिक मामले दर्ज हैं...

Update: 2023-12-01 10:12 GMT

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विशद कुमार की रिपोर्ट

झारखंड जनाधिकार महासभा ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक समेत राज्य सरकार के विभिन्न प्रशासनिक पदाधिकारियों को पत्र लिख कर मांग की है कि बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री को किसी भी परिस्थिति में पलामू या झारखंड के किसी भी क्षेत्र में सभा करने की किसी भी परिस्थिति में अनुमति नहीं दी जाए। महासभा ने कहा है क्योंकि धीरेंद्र शास्त्री का नफरती, भड़काऊ एवं संविधान विरोधी भाषणों और टिप्पणियों का लंबा इतिहास है।

महासभा ने झारखंड प्रशासन को बताया कि बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र शास्त्री लगातार भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात करते हैं और लोगों को धर्म के नाम पर इस ओर भड़काते हैं। हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना हमारे संवैधानिक मूल्यों के विपरीत और गैर-संवैधानिक है। धीरेन्द्र शास्त्री अपनी विभिन्न सभाओं व कथाओं में मुसलमानों और इसाइयों के विरुद्ध सांप्रदायिक टिप्पणी करते हैं और हिंदुओं में इन अल्पसंख्यक धर्मों के विरुद्ध द्वेष पैदा करने की कोशिश करते हैं।

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भड़काऊ भाषणों एवं सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में धीरेन्द्र शास्त्री के विरुद्ध कई राज्यों में अपराधिक मामले दर्ज हैं। उदाहरण के लिए, उदयपुर (राजस्थान) में मार्च 2023 में दिये गए भाषण के लिए, पंजाब में अक्टूबर 2023 में दी गई टिप्पणी के विरुद्ध आदि। धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी धार्मिक सभाओं में कई बार भाजपा के नेताओं एवं सांप्रदायिकता फैलाने वाले नेताओं का खुला समर्थन भी किया है।

ऐसी परिस्थिति में इस संभावना से नकारा नहीं जा सकता कि धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा पलामू या झारखंड के अन्य क्षेत्रों में आयोजित सभाओं में भी संविधान विरोधी, भड़काऊ व सांप्रदायिक भाषण दिये जाएंगे। इस प्रकार के भाषण पर अगर रोक न लगी व ऐसे लोगों पर कार्यवाई न हुई, तो यह हमारे संविधान की धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा व समाज को छिन्न भिन्न कर देगा एवं संविधान की धारा 14 में स्थापित बराबरी के अधिकार व धारा 21 में स्थापित बराबर नागरिकता के अधिकार को कमजोर करेगा। यह भी स्पष्ट है कि 2024 के लोकसभा व विधान सभा चुनावों के पहले ऐसे व्यक्तियों व आयोजनों द्वारा प्रदेश के लोगों में धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है।

झारखंड जनाधिकार महासभा ने राज्य सरकार से मांग की है कि किसी भी परिस्थिति में धीरेन्द्र शास्त्री को पलामू अथवा राज्य के किसी भी ज़िले में सभा व कथा न करने दिया जाए। साथ ही, ऐसे किसी भी धार्मिक व राजनैतिक नेता को सभा न करने दिया जाए। अगर किसी भी परिस्थिति में राज्य में कहीं भी नफरती व भड़काऊ भाषण दिया जाता है, तो “ASHWINI KUMAR UPADHYAY versus UNION OF INDIA & ORS.” (Writ Petition (Civil) No. 943/2021) मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार दोषियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 153A, 153B, 295A, 505(1) समेत अन्य संबन्धित धाराओं अंतर्गत बिना शिकायत के suo motu प्राथमिकी दर्ज कर न्यायसंगत कार्यवाई की जानी चाहिए।

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गौरतलब है कि झारखंड के पलामू में धीरेंद्र शास्त्री का 10 से 12 दिसंबर 2023 तक कार्यक्रम आयोजित होना था। कार्यक्रम के लिए पहले जिला प्रशासन की ओर से अनुमति दे दी गयी थी, लेकिन बाद में कार्यक्रम पर प्रशासन द्वारा रोक लगा दी गयी है। इस बाबत डीसी शशि रंजन ने कहा है कि नदी किनारे होने वाले आयोजन के लिए लगभग 3 लाख लोगों की भीड़ इकट्ठा होने की उम्मीद है। इसके लिए टेंट का निर्माण करना होगा। नदी की मिट्टी बलुई है, जिस पर टेंट बनाना खतरनाक साबित हो सकता है।

उपायुक्त ने नदी किनारे इकोसिस्टम से होने वाली हानि एवं “सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम का हवाला देकर अनुमति रद्द कर दी। उन्होंने कहा कि इसलिए कार्यक्रम को मंजूरी नहीं दी जा सकती है।

जबकि खबरों के अनुसार आयोजक फिर से अनुमति की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले गिरिडीह और धनबाद में भी कार्यक्रम रद्द किया जा चुका है। कार्यक्रम के लिए 9 अक्टूबर को जिला प्रशासन के पास लिखित आवेदन जमा किया था।

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