हाथरस में नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 100 से भी ज्यादा की मौत, आशीर्वाद लेने के लिए मची थी भगदड़

नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा 2 साल पहले तब भी चर्चा में आया था जब देश में कोराना की लहर चल रही थी, तब इसने उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में मई, 2022 में सत्संग का आयोजन किया था, जिसमें जिला प्रशासन द्वारा केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से अधिक लोग सत्संग में शामिल हुए थे। यहां उमड़ी भीड़ के चलते तब शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी...

Update: 2024-07-02 13:20 GMT

Hathras Accident : हाथरस पिछले कई सालों से अक्सर चर्चा में रहता है। अब यह आज फिर सुर्खियों में बना हुआ है और कारण है यहां सिकंदराराऊ तहसील के ग्राम फूलरई मुगलगढ़ी, नेशनल हाईवे में आयोजित एक सत्संग में मची भगदड़ के बाद 100 से भी ज्यादा लोगों की मौत। मरने वालों में बड़ी संख्या महिलाओं की है। जानकारी के मुताबिक आज मंगलवार 2 जुलाई को नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग में भारी भीड़ी जुटी हुयी थी और उसी दौरान मची भगदड़ में सौ से भी ज्यादा लोगों की जान गयी है। मृतकों की संख्या के बारे में अनुमान लगाया जा रहा है यह 200 के लगभग हो सकती है। सत्संग स्थल पर हजारों की संख्या में लोगों के जमावड़े की बात सामने आ रही है और कहा जा रहा है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हुयी है। एडीजी आगरा अनुपम कुलश्रेष्ठ के अनुसार हादसे में अब तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है।

भगदड़ के पीछे कारण बताया जा रहा है कि नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा का प्रवचन खत्म होने के बाद जब बाबा के पैर छूने और आशीर्वाद लेने के लिए भक्त एक साथ बड़ी संख्या में आये तो इसी दौरान भगदड़ मची, जिसके कारण इतनी बड़ी संख्या में लोग काल के गाल में समा गये।

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इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50—50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है और आश्वासन दिया है कि कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर होगी। शासन इसके खिलाफ कड़ा एक्शन लेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार के लिए निर्देशित किया है जिसके बाद यूपी सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, संदीप सिंह घटनास्थल के लिए रवाना हुए और प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक भी घटनास्थल पर पहुंचे।

इस मामले में एसएसपी एटा राजेश कुमार सिंह ने सबसे पहले दिये बयान में बताया कि इस दुर्घटना में काफी लोगों की मौत हुई है। पोस्‍टमॉर्टम के लिए 27 डेड बॉडी आई हैं, जिनमें 23 महिलाएं हैं, 3 बच्‍चे हैं और एक पुरुष है। हाथरस हादसे की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। एडीजी आगरा जोन के नेतृत्व में कमेटी इस बड़े हादसे की जांच करेगी। अलीगढ़ के कमिश्नर भी इसकी जांच करेंगे।

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इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत पर योगी सरकार और सूबे का प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं कि उसकी लापरवाही के कारण ही एक प्रवचन में जब इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे तो वहां पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किये गये थे। आखिर परमिशन से कई गुना ज्यादा लोग प्रवचन स्थल पर कैसे पहुंचे। अगर पुलिस सचेत होती तो एक बड़ा हादसा टल जाता और सौ से ज्यादा लोगों की मौत न हुयी होती।

सत्संग में भगदड़ तब मची जबकि भक्तों के बीच नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा का आशीर्वाद लेने की होड़ मची। भगड़ मची तो हजारों लोगों की चीख-पुकार मचने लगी। यह हादसा उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के सिकन्दराराऊ क्षेत्र में आयोजित सत्संग में हुआ है।

इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स एकाउंट पर लिखा है, 'उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ से कई श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। सभी शोकाकुल परिजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। सरकार और प्रशासन से अनुरोध है कि घायलों को हर संभव उपचार एवं पीड़ित परिवारों को राहत उपलब्ध कराएं। INDIA के सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि राहत और बचाव में अपना सहयोग प्रदान करें।'

कौन है नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा, जिसके सत्संग ने लील ली सौ से ज्यादा जिंदगियां

हाथरस में 100 से भी ज्यादा लोगों की मौत का कारण बने साकार हरि को पटियाली वाले बाबा नारायण साकार हरि के नाम से भी भक्तों के बीच जाना जाता है। कहा जा रहा है कि जब भी इनका सत्संग होता था हमेशा से हजारों की तादाद में लोगों का जमावड़ा लगता था।

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यह बाबा 2 साल पहले तब भी चर्चा में आया था जब देश में कोराना की लहर चल रही थी। तब इसने उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में मई, 2022 में सत्संग का आयोजन किया था, जिसमें जिला प्रशासन द्वारा केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से अधिक लोग सत्संग में शामिल हुए थे। यहां उमड़ी भीड़ के चलते तब शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी।

तब इस बाबा के सत्संग को आयोजित करने वाले आयोजकों के खिलाफ जिला प्रशासन ने रिपोर्ट दर्ज की थी। मूल रूप से नारायण साकार हरि एटा जिले बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं और अध्यात्म की दुनिया में आने से पहले वह गुप्तचर विभाग में थे। नारायण साकार अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं और अपने सत्संग को ये ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहते हैं। इस बार यह सत्संग 2 जुलाई, मंगलवार को हाथरस जिले की सिकंदराराऊ तहसील के ग्राम फूलरई मुगलगढ़ी, नेशनल हाईवे में आयोजित किया गया, जिसकी भेंट इतनी बड़ी संख्या में लोग चढ़ चुके हैं।

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