UP में कोरोना से मरने वालों के आंकड़ों में हो रहा खेल, सिर्फ लखनऊ में 98 शव जले तो प्रदेश में मृतकों की संख्या 68 कैसे

रात नौ बजे के बाद भी घाटों के बाहर कुछ शव बाहर शव वाहनों में पड़े हुए थे, जिनका दाह किया जाना बाकी था, ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब पूरे प्रदेश में कोविड से महज 68 मौतें हुईं तो अकेले लखनऊ में ही कोविड से मरे 98 शवों का अंतिम संस्कार कैसे हो गया?

Update: 2021-04-15 05:18 GMT

प्रतीकात्मक फोटो

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या को लेकर फिर से विवाद शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों में कोविड से लखनऊ में 14 मौतों सहित पूरे प्रदेश में 68 मौतें होने का दावा किया गया है। तो वहीं अकेले लखनऊ के कोविड शवदाहगृहों में बुधवार रात 9 बजे तक 98 कोविड शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

राजधानी में अधिकारियों के मुताबिक रात नौ बजे के बाद भी घाटों के बाहर कुछ शव बाहर शव वाहनों में पड़े हुए थे, जिनका दाह किया जाना बाकी था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब पूरे प्रदेश में कोविड से महज 68 मौतें हुईं तो अकेले लखनऊ में ही कोविड से मरे 98 शवों का अंतिम संस्कार कैसे हो गया?

वहीं नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि बैकुंठ धाम पर 61 और गुलाला घाट पर 37 डेड बॉडी का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले मंगलवार 14 अप्रैल को 81 मृत शरीरों को जलाया गया था। इसमें 50 बैकुंठ धाम और 31 गुलाला घाट पर थी। यह आंकड़ा भी प्रदेश में मरने वालों के आंकड़े से ज्यादा था। वहीं, जानकारों की मानें तो होम आइसोलेशन में होने वाली मौतों को सरकारी आंकड़े में न जोड़ने की वजह से ऐसा हो रहा है।

लखनऊ नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग केवल अस्पतालों में मरने वालों की सूची तैयार कर रहा है, जबकि घर पर कोविड की वजह से मरने वालों की सूची नहीं आती है। हालांकि अंतिम संस्कार के लिए जब बॉडी आती है तो वह पीपीई किट में आती है। उनकी पूरी सूची और रजिस्टर भी तैयार किया जाता है। अगर घर पर मरने वालों की तादाद जोड़ दी जाए तो स्थिति कुछ और होगी।

सीएमओ लखनऊ डॉ संजय भटनागर का कहना है कि यहां दूसरे जिलों की भी बॉडी होती हैं, साथ ही हॉस्पिटल से जो पोर्टल पर रिपोर्ट होती हैं, वो डेटा हम भेजते हैं। बाकी कोई और बीमारी भी हो सकती है।

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