तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास को बनाया कोविड केयर सेंटर, सभी सुविधाएं होंगी फ्री
तेजस्वी ने कहा कि आशा है बिहार सरकार इस सकारात्मक पहल का स्वागत कर मानवीय हित में नियमानुसार इस कोविड केयर केंद्र का संचालन करेगी....
जनज्वार डेस्क। कोरोना संकट के बीच बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव मदद के लिए आगे आये हैं। दरअसल तेजस्वी ने अपने सरकारी आवास को कोविड सेंटर में तब्दील करवा दिया है। इसके अलावा उन्होंने अपने निजी कोष से वहां बेड, ऑक्सिजन आदि की व्यवस्था भी करवायी है। साथ ही इसमें मरीजों के लिए खाने पीने की व्यवस्था भी होगी। तेेे
तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी कि, 'अपने 1-पोलो रोड स्थित सरकारी आवास पर तमाम जरूरी मेडिकल दवाओं, आवश्यक उपकरणों और खाने-पीने की निशुल्क सुविधाओं से सुसज्जित आरजेडी कोविड केयर की स्थापना की है। साथ ही नियमानुसार इसे सरकार की ओर से अपनाने का अनुरोध और सौंपने का फैसला लिया है। आवश्यकता पड़ने पर इसे विस्तारित किया जा सकता है।'
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'आशा है बिहार सरकार इस सकारात्मक पहल का स्वागत कर मानवीय हित में नियमानुसार इस कोविड केयर केंद्र का संचालन करेगी।'
तेजस्वी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस सेंटर का वीडियो भी अपलोड किया है। ध्यान रहे कि मंगलवार को तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था। इसमें राज्य के सभी विधायकों के लिए अस्पताल, पीएचसी, कोविड केयर सेंटर आदि के अंदर जाकर मरीजों और उनके परिजनों से मिलने और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए अनुमति मांगी थी। इसके अलावा पत्र में कोविड केयर सेंटर खोलने और सामुदायिक किचन चलाने के लिए भी अनुमति की मांग की थी।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश को लिखे पत्र में आशा व्यक्त करते हुए कहा था कि इस पत्र का मानवीय हित में आप अवश्य ही जवाब देंगे। पिछले चार साल में आपने मेरे किसी पत्र का कभी कोई जवाब नहीं दिया।
उन्होंने पत्र में लिखा, 'मुख्यमंत्री जी, वैश्विक महामारी कोविड-19 के साथ-साथ उच्च स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था, उदासीनता, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, आवश्यक दवाओं और ऑक्सीजन आदि की कालाबाजारी के साथ-साथ सरकार की असंवेदनशीलता भी चरम पर है।'
साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी भयावह रूप से फैल चुकी है। वर्तमान में बिहार की स्वास्थ्य संरचना और सेवाओं की क्या स्थिति है, यह किसी से छिपा नहीं है? राज्यपाल की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हमने 30 महत्वपूर्ण सुझाव रखे थे, जिसमें एक सुझाव में एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने की भी बात कही थी, लेकिन दुर्भाग्यवश आपकी सरकार ने इसका गठन नहीं किया। शायद इससे वास्तविक आंकड़े सार्वजनिक हो जाते और संस्थागत भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाता।