बनारस में PM मोदी के प्रस्तावक रहे पण्डित छन्नूलाल मिश्रा की पत्नी-बेटी की मौत, छोटी बेटी ने लगाए गंभीर आरोप

पण्डित जी की छोटी बेटी का कहना है कि 'मेरी दीदी अस्पताल में तड़प - तड़प कर मर गईं, ये लोग पैसा लेकर डेड बॉडी देते हैं, अब पीएम मोदी ही इंसाफ दिलाएं' बेटी ने यह भी बताया कि 'खुद पंडित जी भी बीमार हैं'...

Update: 2021-05-04 07:36 GMT

जनज्वार, वाराणसी। भगवान काशी विश्वनाथ की नगरी बनारस के जो हालात हैं, उन्हें देखकर स्वयं शिव दुखी होंगे। पीएम मोदी ने मां गंगा का नाम लेकर यहां से सांसदी का पर्चा भरा था। वह सांसद बने भी। लेकिन फिर कभी पलटकर काशी की बदहालियों को नहीं देखा। वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान पद्म विभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा मोदी के प्रस्तावक बने थे लेकिन आज मोदी के उसी प्रस्तावक की पत्नी और बेटी की इलाज के अभाव में जान चली गई।

पंडित छन्नूलाल मिश्रा ने कोविड 19 में अपनी पत्नी और बड़ी बेटी, दोनों को गँवा चुके हैं और खुद भी बीमार चल रहे हैं। बार-बार अपनी बीमारी और अपने इलाज को लेकर आवाज उठाए जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश या केंद्र सरकार के कानों पर उनको लेकर एक बार भी जूं तक नहीं रेंगी। शायद बनारस के सांसद मोदी जी को भी याद ना रहा हो कि पंडित छन्नूलाल मिश्र कौन हैं?

Full View

मोदी के प्रस्तावक पंडित छन्नूलाल मिश्रा की आज  पत्नी और बेटी का देहान्त हो गया। उनकी छोटी बेटी ने अस्पताल प्रबंधन पर कुछ आरोप भी लगाए हैं। बेटी का कहना है कि 'मेरी दीदी अस्पताल में तड़प - तड़प कर मर गईं, ये लोग पैसा लेकर डेड बॉडी देते हैं, अब पीएम मोदी ही इंसाफ दिलाएं' बेटी ने यह भी बताया कि 'खुद पंडित जी भी बीमार हैं।'

बनारस में पंडित जी की बेटी रो रो कर, आरोप लगा रही है कि 'उनकी बड़ी बहन को अस्पताल में तड़पाकर मार डाला गया। हज़ारों रुपये के जीवन रक्षक इंजेक्शन देने के बावजूद उनकी मौत हो गई। परिजनों को मिलने तक नहीं दिया गया और न ही उनकी हालत की कोई जानकारी दी गई।' यह अस्पताल भी उसी बनारस का है जहां से मोदी सांसद हैं और पंडित जी यहां उनके प्रस्तावक बने थे।

बनारस में जो हो रहा है उससे शिव भी कुपित हैं। अपनी 7 साल की सांसदी में एक पीएम के संसदीय क्षेत्र के लोगो को अपनी सांस के लिये संघर्ष करना पड़े यह निंदा का विषय है। ऐसी सत्ता किस काम की जिसमे अपनो का नाश हो जाए। और तो अहंकार इतना कि, जो शिव सबको प्राणवायु देते हैं, यह उन्ही को खुली हवा का झांसा देने लगे। जो सबकी सांस चला रहा हो, उसे ही यह सांस देने दिलाने का ठेका ले रहे हैं।

Tags:    

Similar News