UP : बेटे की लाश ई-रिक्शा में लेकर अस्पताल खोजती मां को जिसने भी देखा उसका कलेजा फट गया

देखिए कैसे एक माँ अपने बेटे की लाश लेकर ई-रिक्शा में जा रही है। अस्पताल दर अस्पताल खोजती इस माँ को उसके तड़पते बेटे के लिए कहीं भी इलाज नहीं मिला। चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए ऐसी सरकार और उसके सिस्टम को....

Update: 2021-04-20 07:41 GMT

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हर तीसरा परिवार कोरोना की महामारी से बेहाल है, तड़प रहा है। खुद भाजपा सरकार के पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हनुमान मिश्रा आज चल बसे। आम आदमी का हाल कैसा होगा ये बताने की जरूरत नहीं है। लखनऊ, बनारस, कानपुर आदि जगहों में हालात राम भरोसे चल रहे हैं, सरकार चुनाव कराने में इतनी व्यस्त और मस्त है की अदालतों का आदेश तक नहीं मान रही है। 

यह फोटो देखिए महादेव की नगरी काशी की है। माँ के पैरों में बेटे की लाश पड़ी हुई है। इसे इलाज नहीं दिया गया। शव को सम्मान से ले जाने का वाहन भी नहीं। यह सीन देखकर आसमान गिर पड़ेगा। कहीं धरती फट ना जाए। माँ की तकलीफ और उसके दर्द से ईश्वर भी काँप उठा होगा। खुद महादेव बाबा काशी विश्वनाथ भी अपने भक्तों की दशा पर रो रहे होंगे, लेकिन ये मतलबपरस्त सरकार सो रही है।

देखिए कैसे एक माँ अपने बेटे की लाश लेकर ई-रिक्शा में जा रही है। अस्पताल दर अस्पताल खोजती इस माँ को उसके तड़पते बेटे के लिए कहीं भी इलाज नहीं मिला। चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए ऐसी सरकार और उसके सिस्टम को। जो किसी लाचार के लिए इलाज की व्यवस्था मुहैय्या नहीं करवा सकती। सरकार की प्राथमिकता जल रही लाशों को छुपाने के लिए श्मशान घाटों को ढ़कने की है, वैक्सीन और दवाई की नहीं।

लखनऊ के भैंसा कुंड का सीन अभी देश की आंखों के सामने से शायद ही ओझल हुआ हो। अब इस तरह के सीन भी दिखने शुरू हो चुके हैं। किसी की मां, किसी मां का बेटा, किसी का पिता, किसी का भाई, किसी की बहन तो किसी के परिजन एक के बाद एक दुनिया छोड़कर काल के गाल में समाए जा रहे हैं। तो ये बेशर्म सरकार अपना मुँह छुपाए भाग रही है। चुनाव प्रचार और हार जीत के आंकड़े तय किए जा रहे हैं। शर्म करनी चाहिेए। 

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