Dollar Vs Rupee : मोदी राज में पहले से ज्यादा खस्ताहाल, 8 साल में रिकॉर्ड 40.90% गिरा रुपया

Dollar Vs Rupee : डॉलर की तुलना में रुपए में रिकॉर्ड गिरावट के बावजूद वित्त मंत्री सीतारमन का यह बयान कि रुपया कमजोर नहीं हुआ, डॉलर मजबूत हुआ है, जले पर नम छिड़कने जैसा है।

Update: 2022-10-30 03:04 GMT

Dollar Vs Rupee : मोदी राज में पहले से ज्यादा खस्ताहाल, 8 साल में रिकॉर्ड 40.90% गिरा रुपया

Dollar Vs Rupee : केंद्रीय सत्ता में चाहे कांग्रेस ( Congress ) की सरकार रही या अब भाजपा ( BJP ) की सरकार है, डॉलर ( Dollar ) की तुलना में रुपए ( rupee ) का हाल हमेशा बुरा ही रहा। मोदी राज में तो डॉलर की तुलना में रुपए में गिरावट देखकर ऐसा लगता है कि जैसे कि सरकार को इसकी चिंता ही न हो। मोदी सरकार ( Modi government ) के पिछले आठ साल से ज्यादा समय में डॉलर की तुलना में रुपए का मूल्य 40.90 फीसदी तक गिर चुका है। यह एक ऐसा रिकार्ड है जो अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) की चिंता को बढ़ाने वाला है। साल 2014 में जब मोदी पीएम बने थे तो एक डॉलर की कीमत 58.40 रुपए हुआ करती थी।

वर्तमान में रुपए की कीमत डॉलर ( Dollar ) की तुलना में 82.29 रुपए ( Rupee ) है। यानि आठ सालों में रुपए 23.89 रुपए गिरा है। यूपीए सरकार ( UPA government ) की तुलना में रुपए पिछले आठ साल में करीब 41 फीसदी गिर चुका है। इसके बावजूद देश के वित्त मंत्र निर्मला सीतारमण ने हाल ही में दावा किया था कि रुपया कमजोर नहीं हुआ, बल्कि डॉलर मजबूत हुआ है। वित्त मंत्री के इस बयान को रुपए ( rupee ) के हालत को देखते हुए एक मजाक ही कहा जा सकता है।

30 अक्टूबर 2022 को डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होते-होते 80.29 रुपए तक पहुंच गया है। 8 साल पहले यानि 2014 में यूपीए को हराकर मोदी देश के पीएम बने थे। 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री पद की शपथ से पहले रुपया थोड़ा मजबूत होकर 58.40 रुपए के लेवल तक पहुंचा था। जबकि 30 अक्टूबर 2022 को रुपया गिरते-गिरते 80.29 रुपए तक पहुंच गया है।

23.89 रुपए गिरा भारतीय करेंसी का भाव

26 मई 2014 को रुपए की कीमत 58.40 रुपए हुआ करती थी। 31 दिसंबर 2014 तक रुपया गिरते-गिरते डॉलर की तुलना में 63.33 रुपए हो गया। 31 दिसंबर 2015 तक रुपया 66.33 रुपए के स्तर पर पहुंच गया। दिसंबर 2016 तक रुपए फिर गिरकर 67.95 रुपये पर पहुंच गया। दिसंबर 2017 तक रुपया मजबूत हुआ और 63.93 रुपए का स्तर छुआ, लेकिन दिसंबर 2018 तक फिर से रुपए में गिरावट आई और यह 69.79 रुपए के स्तर पर पहुंच गया। इसके बाद दिसंबर 2019 तक रुपया 71.27 रुपए हुआ जो दिसंबर 2020 तक गिरकर 73.05 रुपए पर पहुंच गया। दिसंबर 2021 तक रुपए की कीमत 74.30 रुपए हो गई, जो आज यानि 30 अक्टूबर की डेट में 82.29 रुपए पर पहुंच गया है।

कुछ दिनों पहले रुपए का भाव गिरकर 83 रुपए के पार चला गया थां। उससे पहले 10 सप्ताह तक लगातार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार कम होता रहा। अब जाकर निवेश की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में कुछ इजाफा हुआ है। इससे पहले कई हफ्तों तक चल रही गिरावट की वजह से डॉलर का भंडार 600 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गया था।

वित्त मंत्री का बयान घटिया मजाक

डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत में लगातार गिरावट को लेकर हाल ही आईएमएफ की बैठ में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। डॉलर के आगे अन्य सभी देशों की करंसी की हालत एक जैसी है। सीतारमन का यह बयान जले पर नमक छिड़कने जैसा है। सवाल यह उठता है कि आखिर निर्मला सीतारमण ने ऐसा बयान क्यों दिया?

Dollar Vs Rupee : दो दशक में रुपया इतना हुआ कमजोर

साल 2000 में प्रति डॉलर हमें 44.94 रुपए देना पड़ता था। इसके बाद क्रमश: 2001 में 47.18, 2002 में 48.61, 2003 में 46.58, 2004 में 45.31, 2005 में 44.10, 2006 में 45.30, 2007 में 41.34, 2008 में 43.50, 2009 में 48.40, 2010 में 45.72, 2011 में 46.67, 2012 में 53.43, 2013 में 58.59, 2014 में 63.33, 2015 में 64.15, 2016 में 67.19, 2017 में 65.12, 2018 में 69.79, 2019 में 70.42, 2020 में 74.10, 2021 में 73.91 और 2022 में हमें प्रति डॉलर 82 रुपए 29 पैसे देने पड़ते हैं।

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