Loan Recovery : जबरन कर्ज वसूली पर भड़के शक्तिकांत दास, कहा - फोन कर गाली गलौच करने वाले संस्थान बच नहीं पाएंगे

Loan Recovery : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक को पता चला है कि उसके द्वारा नियमित संस्थान भी जबरन कर्ज वसूली में लिप्त हैं। फाइनेंशियल मार्केट से जुड़े वित्तीय कंपनियां इस समले को गंभीरता से लें।

Update: 2022-06-18 07:28 GMT

भारतीय अर्थव्यवस्था महंगाई से जूझ रही है, इसे कंट्रोल में लाना जरूरी है : RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

Loan Recovery : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ( RBI Governor Shaktikanta Das ) ने कर्ज वसूली ( Loan Recovery ) को लेकर वित्तीय कंपनियों के तौर तरीकों पर गंभीर ऐतराज जताया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कर्ज वसूली के दौरान अभद्र भाषा ( Bad language ) के प्रयोग से बचेंं। गाली गलौच व अन्य तरीके से दबाव में लेने की शिकायत मिली तो हम सख्त कार्रवाई ( Strict action ) करेंगे। शक्तिकांत दास ( Shaktikanta Das ) ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के फाइनेंशियल मार्केट में उतरने से कर्जदार के स्तर पर अत्यधिक कर्ज लेने और उसे न चुका पाने जैसी स्थितियों गंभीर चिंता जाहिर की है।

फिनटेक कंपनियों के इस कारोबार में आने निजता को खतरा

आरबीआई गवर्नर ( RBI Governor ) शक्तिकांत दास ( Shaktikanta Das )  ने कहा कि गूगल, अमेजन और फेसबुक (मेटा) जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के वित्तीय कारोबार में आने से प्रतिस्पर्धा और डेटा निजता को लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं। उन्होंने फाइनेंशियल एक्सप्रेस द्वारा आयोजित मॉडर्न बीएफएसआई सम्मेलन 2022 में कहा कि बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ जोखिम भी बड़े हैं। इसका प्रभावी तरीके से आकलन करना और उससे निपटना जरूरी है। ई-वाणिज्य कंपनियां, सर्च इंजन और सोशल मीडिया मंच ने अपने स्तर पर या साझेदारी के जरिए बड़े स्तर पर वित्तीय सेवाओं की पेशकश करना शुरू कर दिया है। इस तरह कर्ज आकलन के नए तौर-तरीकों का इस्तेमाल होने लगा है।

कर्ज वसूली के गलत तौर तरीके बर्दाश्त नहीं

आरबीआई गवर्नर ( Shaktikanta Das ) ने कहा कि कर्ज आकलन में नए तौर-तरीकों का इस तरह से बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने से अत्यधिक कर्ज, अपर्याप्त कर्ज आकलन और कुछ इसी प्रकार के जोखिमों की प्रणालीगत चिंता पैदा हो सकती हैं। ऐसे में कर्ज वसूली ( Loan recovery ) एजेंटों द्वारा वक्त-बेवक्त फोन करना, खराब भाषा में बात करना सहित अन्य कठोर तरीकों का इस्तेमाल स्वीकार्य नहीं है। आरबीआई इस तरह की घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान दे रहा है। ताकि इन पर रोक लगाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सके। शक्तिकांत दास न कहा कि इस तरह की ज्यादातर घटनाएं अनियमित प्रतिष्ठानों से जुड़ी होती हैं लेकिन केंद्रीय बैंक को पता चला है कि उसके द्वारा नियमित संस्थान भी ऐसा करते हैं। उन्होंने सभी संस्थानों से इस मुद्दे पर गौर फरमाने को कहा है।

डिजिटल कर्जदाताओं के लिए जारी होंगे गाइडलाइन

आरबीआई गवर्नर ( Shaktikanta Das ) की ओर से जारी ये बयान इसलिए अहम हैं कि कई कर्जदारों ने एजेंटों के कठोर तौर-तरीकों के कारण आत्महत्या कर ली। यह अमानवीय स्थिति है। इस बात को गंभीरता से लिया जा रहा है। आरबीआई डिजिटल कर्ज प्रदान करने पर जल्द ही एक विमर्श पत्र जारी करने की योजना पर काम कर रहा है।

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